After Death — मिलते हैं यूनिवर्स से कुछ संकेत-New study में खुलासा
चौकाने वाला खुलासा हुआ
सदियों से हमारे साइंटिस्ट इस बात की खोज में लगे हैं कि मरने के बाद क्या होता है। इसको लेकर तमाम तरह के दावे भी सामने आए हैं पर मौत के बाद क्या होता है इसका उतर अभी तक किसी को ठीक से नहीं मिला। हाल ही में , पहली बार इसको लेकर एक बड़ी स्टडी की गई और उसके कुछ चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
यूनिवर्स के कुछ संकेत दिमाग में सुरक्षित रहते हैं
अमेरिका के एनवाईयू, ग्रोसमैन स्कूल आफ मेडिसिन ने अपनी इस स्टडी में बताया कि मौत के बाद व्यकित कई तरह के अनुभवों को महसूस करता है।ये अनुभव उसके दिमाग में बने रहते हैं। उसको लगता है कि वो शरीर से अलग हो गया है , चिंता से परे हैं और बिना दुख के कुछ सुखद अनुभवों को महसूस कर रहा है। रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि मरने के बाद दिमाग यूनिवर्स से कुछ संकेत लेता है और वो उसके दिमाग में सुरक्षित रहते हैं।
मरने के बाद कैसे जिंदा होते मरीज
मरने के बाद के इन अनुभवों को वैज्ञानिक किस तरह से सामने लाए ये जानना भी जरूरी है। कम ही लोग ये जानते होंगे कि बहुत बार आदमी का दिल एक घंटे तक बंद हो जाता है और लगातार cardiopulmonary resuscitation यानी सीपीआर देने के बाद कईं मरीज मौत के मुंह से वापस भी आ जाते हैं। इस स्टडी में उन्हीं मरीजों को शामिल किया गया जो मौत के मुंह से वापस आए थे और मौत की अवस्था में पहुंचने के बाद उनके दिमाग में जो यादें और सोच थी , वो बहुत साफ थी।
25 अस्पतालों के 567 मरीजों की 2017 से लेकर 2020 तक स्टडी की गई
इस स्टडी में रिसर्चर्स ने यूके और यूएसए के 25 अस्पतालों के 567 मरीजों की 2017 से लेकर 2020 तक स्टडी की गई । इनमें से उन मरीजों से बात की गई जिन्हें cardiac arrest होने के बाद सीपीआर देने के बाद एक तरह से दोबारा जन्म मिल गया था। इन्हीं मरीजों ने मौत की अवस्था में पहुंचने के बाद अपने अनुभव साझा किए। ये अनुभव उन्हें पूरी तरह से याद भी थे। इस स्टडी में ये भी साफ हो गया कि मौत के बाद के ये अनुभव किसी सपने, भ्रम , कल्पनाओं का हिस्सा नहीं थे बल्कि मरने वाले व्यक्ति के वास्तविक अनुभव थे जिसकी बिल्कुल साफ तस्वीर उनके दिमाग में थी, उन्हें याद थी
हार्ट बीट रूकने के 10 मिनट के अंदर ही दिमाग भी बंद
हालांकि ये बात मानी जाती है कि हार्ट बीट रूकने के 10 मिनट के अंदर ही दिमाग में आक्सीजन ना पहुंचने की सूरत में वो स्थायी रूप से बंद हो जाता है मतलब सारा काम करना बंद कर देता लेकिन इस स्टडी में साइंटिस्ट ने पाया कि जब बंद हार्ट को दोबारा जीवित करने के लिए सीपीआर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा था तो दिमाग लंबे समय तक जिंदा रहने के लगातार संकेत दे रहा था। इससे लगता है कि इस दौरान दिमाग को मौत के बाद यूनिवर्सल से कुछ संकेत मिल रहे हों , कुछ अनुभव हो रहा हो, जिसके अनुभव मरीजों ने ठीक होने के बाद शेयर किए।
कईं बीमारियों के इलाज में फायदेमंद होगी ये रिसर्च
साइंटिस्ट का मानना है कि इस रिसर्च के जरिए, आदमी के मरने के बाद क्या होता है इस रहस्य पर से एक सुनियोजित ढंग से राज खोलने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। साथ ही एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस रिसर्च की कामयाबी से डाक्टरों को रूके हुए दिल को जिंदा करने, दिमाग को चोटों से बचाने के लिए कुछ नईं रिसर्च करने के लिए भी दिशा मिली है।