मराठा वोटर्स को कैसे मनाएगी Congress
महाराष्ट्र में जल्द चुनाव होने वाले हैं पर लगता है कांग्रेस कुछ ज्यादा ही उत्साहित है और उसे लग रहा है वो मराठा वोटर्स को ठेस पहुंचाकर भी लोकसभा चुनावों की तरह विधानसभा चुनाव में अच्छी खासी सीटें हासिल कर लेगी। लेकिन ऐसा संभव होता दिखा नहीं रहा है । मराठों के आदरणीय वीर सावरकर पर कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। वहां के हेल्थ मिनिस्टर दिनेश गुंडा राव ने हाल ही में विवादास्पद बात की और कहा कि, वीर सावरकर गो हत्या के खिलाफ नहीं थे और दूसरी बात कि वह नॉन वेजिटेरियन थे। लगता है चुनाव से पहले कांग्रेस ने एक बार फिर कुछ सेल्फ गोल करने की तैयारी कर ली है।
हिंदुत्व icon वीर सावरकर उनका अपमान बर्दाश नहीं
विनायक दामोदर सावरकर या वीर सावरकर जिनको हिंदुत्व आइकन के रूप में लोग भारत में बहुत सम्मान की दृष्टि से देखते हैं उनके बारे में विवादास्पद बात कहने से मराठा वोटर्स कांग्रेस से बहुत ज्यादा नाराज हैं। मांस खाने ना खाने पर किसी को आपत्ति हो या ना हो यह अलग मसला है लेकिन गो हत्या को लेकर के कि वह गो हत्या के खिलाफ नहीं थे, यह अपने आप में ना केवल विवादास्पद है बल्कि माना यही जा रहा है कि वीर सावरकर का नाम लेकर उनके बारे में इस तरह की बातें करके हिंदुओं को जैसे चिढ़ाया जा रहा है
राहुल गांधी कोई मौका नहीं छोड़ते सावरकर को अपमानित करने का
वैसे कांग्रेस के नेता लगातार वीर सावरकर का अपमान कर रहे हैं , कांग्रेस के मुखिया राहुल गांधी तो जैसे कोई मौका नहीं छोड़ते हैं सावकरक को अपमानित करने का। कुछ समय पहले ही राहुल गांधी ने सावरकर का अपमान करते हुए कहा था कि कि मैं गांधी हूं मैं सावरकर नहीं हूं जो माफी मांगू । इसको कांग्रेस के एक और बड़े नेता जयराम रमेश ने भी बोला था । इसके कारण भी देश भर खासतौर पर महाराष्ट्र में काफी विवाद हो गया था
महाराष्ट्र के चुनाव में बनेगा बड़ा मुद्दा
अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव दो तीन महीने हैं अक्टूबर हो गया नवंबर या दिसंबर मतलब दो महीने के आसपास है किसी भी समय चुनाव वहां घोषित हो सकते हैं उन परिस्थिति में कांग्रेस के किसी मिनिस्टर का इस तरह का स्टेटमेंट देने से उसकी और शिवसेना उद्धव ठाकरे की तल्लखियां बढ़ सकती हैं। यही नहीं कांग्रेस का शरद पवार ठाकरे का जो एलायंस है वो कितना मजबूत रख पाता है यह तो समय ही बाताएगा , पर रिश्तों में दरार आनी शुरू हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी भुना रही है इसे
लेकिन सावरकर के अपमान को भारतीय जनता पार्टी ने तुरंत उठा लिया और इसे पूरी तरह भुना रही है। जाहिर है जब वीर सावरकर के बारे में इस तरह की बात कही जाएगी तब निश्चित तौर पर यह चुनावी मुद्दा होगा और बीजेपी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस को घेरना ही घेरना भी शुरू कर दिया है । दरअसल इस मामले की शुरूआत कर्नाटक में धीरेंद्र झा पत्रकार की , नाथूराम गोडसे एंड हिज आईडिया ऑफ इंडिया किताब के विमोचन समारोह में हुई।
यहां मौजूद दिनेश गुंडू राव ने सावरकर पर आपतिजनक टिप्पणी की और भारतीय जनता पार्टी ने इसको अपनी तरफ से इसको लपक लिया है और अब महाराष्ट्र में इसको चुनाव के समय लगातार उठायाजाएगा।
शिवसेना, शरद पवार की भी मुशिकलें बढ़ाई
वीर सावरकर को किसी मराठा या किसी उसके नाते नहीं वीर सावरकर को पूरे महाराष्ट्र में हिंदुत्व के आइकन के रूप में देखा जाता तो केवल यह जो मुश्किल है केवल शिवसेना के लिए नहीं होगी , शरद पवार और कांग्रेस को भी झेलमी पड़ेगी। शिवसेना को तो बहुत प्रोएक्टिवली इसको डिफेंड करना पड़ेगा इसके खिलाफ इसके खिलाफ बात अपनीकहनी पड़ेगी , अगर शिवसेना इस मामले में थोड़ा भी हिचकती है तो उसके लिए मुशिकल होगा। यहां तक की कांग्रेस को भी महाराष्ट्र में इसको लेकर पूरा डिफेंड करना बड़ा मुश्किल पड़ेगा।
प्रधाममंत्री मोदी भी इसको लेकर विपक्ष को घरेंगे
बात यह है कि वीर सावककर का अपमान करने वाले ये कर्नाटक के नेता हैं कर्नाटक एक बहुत बड़ा हिस्सा जो है वह महाराष्ट्र के साथ बॉर्डर शेयर करता है और बहुत सारे लोग इस तरह से हैं जो मराठी और कन्नाडिगा बोलते हैं। उन परिस्थिति में क्या कांग्रेस के नेता के लिए किसी भी दृष्टि से यह उचित था कि वह कि इस तरह के विवादास्पद बयान दे जब चुनाव नजदीक है । कर्नाटक के चुनाव तो अभी बहुत दूर है। लेकिन इसका प्रभाव महाराष्ट्र में दिखेगा और इसका चुनावी नुकसान कितना होगा यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन अभी जब दो महीने चुनाव हैं यह सारी की सारी बातें