UP के साथ साथ मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को दिया करारा जवाब
UP में बता दिया कि मुखिया अखिलेश ही हैं
अब यूपी की बात करते हैं जहां दोनों के बीच पार्टी के बीच जबरदस्त तनाव चल रहा है , जंग छिड़ी हुई है। सबको पता है कि यहां नौ सीटों को लेकर उपचुनाव होने वाले हैं, क्योंकि जो 10वीं सीट है मिल्कीपुर की उसको लेकर केस चल रहा है इसलिए फिलहाल चुनाव आयोग ने वहां पर चुनाव नहीं करवाने का फैसला लिया था। इसलिए नौ सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए एसपी और कांग्रेस में अभी तक कोई राजामंदी नहीं हो पाई है। अखिलेश यादव ने पहले ही साबित कर दिया की यूपी में वही मुखिया है और उन्हीं की चलती है और उन्होंने सात सीटों पर कांग्रेस से बिना पूछे अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी और जो कांग्रेस चाहती थी कि उसे पांच सीटों पर लड़ना है उसे ठेंगा दिखा दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस के लिए समाजवादी पार्टी ने जो दो सीट छोड़ी है गाजियाबाद और खैर उसमें कांग्रेस की कोई रूचि है ही नहीं क्योंकि यहां कांग्रेस का वोटिंग परसेंटेज ज्यादा नहीं है । पर ऐसे में कांग्रेस के पास क्या ऑप्शन बचा है कांग्रेस कहां पांच सीटें लड़ने वाली थी कहां सिर्फ उसके पास दो सीटें लड़ने के लिए दी जा रही हैं।
Congress की उपचुनाव से दूरी बनाने की भी खबरें
वैसे सुनने में दो खबरें सुनने में आ रही हैं कि शायद समाजवादी पार्टी कांग्रेल का फूलपुर की सीट भी दे सकती है यानी तीसरी सीट । दूसरी तरफ यह भी सुना जा रहा है कि यूपी में कांग्रेस के लीडर्स कह रहे हैं कि हो सकता है कि वो इन उपचुनावों से अपनी दूरी बनाकर रखें क्योंकि उसको मनचाही सीटें नहीं मिल रही है ,क्योंकि कांग्रेस पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी उसको दो सीटें ऑफर की गई है और सीटें भी वो ऑफर की गई है जहां पर कांग्रेस को पता है कि वो जीत नहीं सकती। खबरें आ रही हैं कि यूपी कांग्रेस कह रहे हैं कि अगर पांच सीटें नहीं मिलेगी तो वो अपने दम पर भी चुनाव लड़ सकते हैं। पर यह खबर फिलहाल हवा में है क्योंकि कांग्रेस को पता है अपने बलबूते पर वो यूपी में इस समय चुनाव नहीं लड़ सकती इसलिए वो अपने सम्मान को बचाने के लिए चुनाव से दूरी बनाने पर ज्यादा ध्यान दे रही है।
Priyanka Gandhi की एंट्री शायद मिल जाएं तीन सीटें
समाजवादी पार्टी कांग्रेल का फूलपुर की सीट भी दे सकती है यानी तीसरी सीट यह भी बातें सामने आ रही हैं कि कांग्रेस आलाकमान मतलब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ अखिलेश यादव की कोई डील बन जाए क्योंकि यूपी कांग्रेस ने अब सारे निर्णय इनपर छोड़ दिए हैं और सारे आऍप्शन के बारे में भी बता दिया है। राजनीति में सब संभव है और प्रियंका गांधी कि इस मामले को निपटने में फिर से एंट्री हो सकती है और सबको पता है कि लोकसभा में जिस तरह से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच एक तलवार खींच गई थी सीट डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर तब प्रियंका गांधी के फोन करने के बाद ही अखिलेश पिघले थे और कांग्रेस को लड़ने के लिए 17 सीटें दी थी ।लोकसभा चुनाव में तो सुलह हो गई थी अब देखना यही है कि क्या कांग्रेस प्रियंका गांधी यूपी उपचुनाव में अपना करिसमा दिखा पाती हैं क्या जो तीसरी सीट कांग्रेस को देने की बात चल रही है वहां से समाजवादी पार्टी अपना उम्मीदवार वापस लेगी। क्या कांग्रेस को तीन सीटे अपनी मनचाही मिलती हैं और या फिर कांग्रेस अपने आप को उपचुनाव से दूर रखती है, तमाम पहेलियां बनी हुई हैं जिसका खुलासा बहुत जल्द हो ही जाएगा।