कर्नाटक के मुख्यमंत्री के भी बोल बिगड़े – मोदी को कहा झूठा
विपक्ष कहता है कि देश में freedom of speech नहीं है और दूसरी तरफ हाल ये है कि विपक्ष के नेता प्रधानमंत्री मोदी पर खुलेआम झूठ बोलने का आरोप लगाकर उन्हें झूठा बोलते हैं उनकी पार्टी की तुलना सांप से करके मार डालने की बात करते हैं। अब जनता तो समझदार है वह इतना तो समझती है कि शायद हमारे देश में ही देश के दूसरे सर्वोच्च पद पर बैठे नेता को विपक्ष इस तरह अपमानित करके भी आजादी की सांस ले सकता है और उसे अपनी गलती का अहसास तक नहीं है। एक तरफ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सोमवार को कहा कि पीएम मोदी उनकी सरकार की प्रमुख गारंटी योजनाओं के बारे में झूठ फैला रहे हैं, महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस बारे में झूठे विज्ञापन दिए गए हैं और मोदी यह केवल वोट पाने और लोगों को गुमराह करने के लिए कर रहे हैं। सिद्दरमैया ने यह भी धमकी दे डाली की वह इसके लिए हम महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर करने के बारे में सोच रहे हैं। वैसे किसी से झुपा नहीं की खुद कर्नाटक में सरकार बनाने के चलते कांग्रेस ने जो मुफ्त की योजनाओं का लालच दिया था आज उसी को चलाते चलाते कर्नाटक कंगाल हो गया है।
अब दूसरी तरफ कांग्रेस के अध्यक्ष , वरिष्ठ समझदार , मल्किार्जन खरगे ने अपने एक बयान में राजनीती की सारी मर्यादाए ताक पर रखकर कहा कि भाजपा और आरएसएस जहर की तरह हैं और अगर सांप काटता है तो व्यक्ति मर जाता है इसलिए ऐसे जहरीले सांप को मार देना चाहिए।
विज्ञापन जारी करने के लिए मुकदमा दायर करने पर विचार कर रही है।
अखिलेश यादव ये क्या बोल गए-किस बात की है चिंता
यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव ने दो बड़े नेताओं की खासतौर पर नींदे गायब कर दी हैं, एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी हैं जो इन सीटों पर जीत पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, एक तरह से उन्होंने अपनी पूरी सरकार के नेताओं को अलग अलग जगहों पर चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंप रखा है, वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव के लिए भी इस चुनाव में ज्यादा सीटे जीतना बहुत जरूरी है क्योंकि जिस तरह से लोकसभा में समाजवादी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था अगर उपचुनाव में पीछे रह जाती है तो यूपी में दोबारा से बना पार्टी का रूतबा कम हो सकता है। अखिलेश यादव इन चुनाव में जीतने के लिए इतने desperate हो गए हैं कि उन्होंने यह तक कह दिया कि आजादी के बाद यह देश का सबसे कठिन उपचुनाव है। अखिलेश ने उपचुनावों को ‘रुख चुनाव’ करार दिया और कहा कि यूपी का भविष्य यही चुनाव तय करेंगे।अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए यह भी लिख दिया की जब तक हाथ में जीत का प्रमाण नहीं तब तक विश्राम नहीं। वैसे वोटिंग से ठीक पहले वोटर्स से ऐसी भाषा का इस्तेमाल अखिलेश क्यों कर रहे हैं। चर्चाएं यही चल रही हैं कि क्या अखिलेश बहुत व्याकुल हो गए हैं जो इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं क्या उन्हें लग रहा है कि इस बार योगी बाजी मार सकते हैं