मुख्यमंत्री चुनने में बीजेपी चाणक्य की अहम भूमिका

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, अभी तक इसपर सस्पेंस बना हुआ है लेकिन एक खबर जो छनछन कर बाहर आ रही है वो है महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री चुनने में बीजेपी के चाणक्य की अहम भूमिका रहेगी। यही कारण है महाराष्ट्र से एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार दिल्ली पहुंच चुके हैं और उन तीनों की मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से होनी फिक्स हो गई है।

अमित शाह की रणनीती-दूरदर्शिता चुनाव से पहले माहौल तैयार

ये अमित शाह की ही रणनीती और दूरदर्शिता थी कि उन्होंने चुनाव से पहले ही इस तरह का माहौल तैयार किया और तीनों दलों के नेताओं से मिलकर बातचीत कर ली थी कि नतीजों के बाद सब साथ बैठकर ही सीएम पद पर फैसला लेंगे। क्योंकि अमित शाह खेले खाए खिलाड़ी हैं और उन्हें पता था कि एनडीए को विजय के बीद सीएम पद चुनने की भी कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। और चुनाव में जीत मिलते ही परीक्षा शुरू भी हो गई, जहां बीजेपी कार्यकर्ता बिल्कुल दृढ़ता से कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में उनका सीएम देवेंद्र फडणवीस होना चाहिए क्योंकि उनके चेहरे पर यह चुनाव लड़ा गया , जनता ने उन्हें ही जितवाया है, वहीं एकनाथ शिंदे ग्रुप के लोग कह रहे हैं कि एकनाथ शिंदे के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया उन्हीं को सीएम बनाना चाहिएं , यही नहीं अजीत पवार को सीएम बनाने की मांग भी लगातार उठ रही है।

2-2-1 साल- तीन सीएम बनाने का फॉर्मूला सामने

वैसे पता चला है कि अजीत पवार की पार्टी एनसीपी कैंप की तरफ से तो 2-2-1 साल, तीन सीएम बनाने का फॉर्मूला तक आगे बढ़ा दिया गया है।मतलब दो साल बीजेपी, फिर दो साल शिवसेना और एक साल एनसीपी को सीएम पद मिले। ऐसे में अमित शाह के सामने बड़ी चुनौती है कि वह सब को लेकर किस तरह सीएम पद के लिए सहमति बनाते हैं ।

8 सर्वे करवाए 80 कमजोर सीट पर जबरदस्त काम

वैसे कम ही लोग ये जानते होंगे कि चाणक्य ने काफी समय पहले ही महाराष्ट्र चुनाव में जीत दिलाने का काम करना शुरू कर दिया था। अमित शाह ने महाराष्ट्र चुनाव में 8 सर्वे करवाए थे, जून महीने में शुरू किए गए इन सर्वे के आधार पर जो 80 सीट कमजोर पाई गई उसपर सबसे ज्यादा ध्यान दिया किया गया। हर बूथ पर 100 अतिरिक्त वोट का लक्ष्य रखा गया। कई राज्यों के 40 से ज्यादा कद्दावर नेताओं ने दिनरात इन 80 सीटों पर काम किया। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में चुनाव नहीं लड़ने वाले लगभग 50 मराठा नेताओं और 125 ओबीसी नेताओं और 150 से ज्यादा दलित और आदिवासी नेताओं की बाकायदा एक टीम बनाकर उऩ्हें उन जगहों पर भेजा गया जहां उन्हीं की जाती-वर्ग के लोग रहते हैं।

जीत है चाणक्य की सोची समझी रणनीती

इसलिए अगर कहा जाए कि महायुति गठबंधन की यह जीत संयोग नहीं, बल्कि चाणक्य की एक सोची समझी चुनावी रणनीती का परिणाम है तो कतई गलत नहीं होगा।

29 या 30 नवंबर को शपथ ग्रहण

चर्चा है कि महाराष्ट्र में वैसे तो शपथ ग्रहण समारोह 26 नवंबर से पहले होना था पर सीएम फेस पर फैसला नहीं होने से ऐसा नहीं हो सका। अब सबकी नजर अमित शाह की इन तीनों नेताओं के साथ बैठक पर टिकी है और माना जा रहा है कि नए सीएम 29 या फिर 30 नवंबर को शपथ ग्रहण कर सकते हैं।

एक सीट भी नहीं जीत सके राज ठाकरे, मगर 10 सीटों पर उद्धव ठाकरे की करा दी मौज, शिंदे सेना को डुबोया Maharashtra Assembly Results 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कुछ खास कमाल नहीं कर पाई, मगर उद्धव ठाकरे को 10 सीटों का फायदा करा दिया। अगर मनसे के उम्मीदवार मैदान में नहीं होता तो मुंबई में ही उद्धव सेना को 10 सीटों का नुकसान हो जाता। फिलहाल यह नुकसान एकनाथ शिंदे की शिवसेना को हुआ। उसके कई नेता मामूली अंतर से हार गए।राज ठाकरे की मनसे से शिंदे की पार्टी को हुआ ज्यादा नुकसा मराठी वोटों के बंटवारे से शिंदे की शिवसेना को मिली पराजय माहिम में राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे तीसरे नंबर पर रह राज ठाकरे की मनसे ने 10 सीटों पर उद्धव की राह की आसान।

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