दिल्ली में राहुल की एंट्री-कांग्रेस नेताओं में डर क्यों

दिल्ली चुनाव प्रचार-प्रसार में राहुल गांधी की एंट्री हो गई है , अलग अलग जगहों कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi चुनाव प्रचार कर रहे हैं , पर इससे एक तरफ राजनीति गलियारों में यह चर्चा बनी हुई है कि क्या राहुल भी दिल्ली के और कांग्रेसी नेताओं की तरह आम आदमी पार्टी सरकार और केजरीवाल पर हमला करते हैं या फिर उनकी startegy पूरे तौर पर bjp और मोदी पर हमला करने की नेता रहेगी। वहीं दूसरी और कांग्रेस के ही कईं कद्दावर नेता इस बात से परेशान हैं कि राहुल चुनावों में अपनी आदत के मुताबिक कुछ ऐसा ना बोल जाएं जो कांग्रेस पर भारी पड़ जाए। आपको बता दें कि हाल ही में हरियाणा में हुए चुनाव में राहुल गांधी ने राम मंदिर पर कुछ उल्टा सीधा बोला था जिससे कांग्रेस के खिलाफ सनातन धर्म विरोधी एक माहौल बन गया था और जानकार यह भी मानते हैं कि यह भी कईं कारणों के साथ एक बड़ा कारण था कि कांग्रेस हरियाणा में चुनाव जीतते जीतते हैर गई। अब दिल्ली में राहुल की एंट्री से जहां कांग्रेस के दिल्ली नेता काफी खुश हैं क्योंकि राहुल की जनसभाओं में भीड़ उमड़ती है इसलिए हर कोई कांग्रेस उम्मीदवार चाह रहा है कि राहुल उनके इलाके में आकर प्रचार प्रसार करें। दिल्ली कांग्रेस के नेता यह भी चाहते हैं कि राहुल केजरीवाल के शासन की विफलताओं के कांग्रेस के शूरू किए गए अभियान को आगे बढ़ाएं क्योंकि वह लोगों के बीच यह संदेश पहुंचाने में सफल रही है कि केजरीवाल ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया , कांग्रेस ही उनका भला करेगी। अब देखना यही है कि आने वाले समय में राहुल पहले की तरह केजरीवाल की बुराइयां करने से बचते है और अपने फेवरेट topic यानी मोदी की बुराइयों पर ही ध्यान लगाते हैं या नहीं।

चाणक्य की बिसात पर क्या स्मृति ईरानी-मीनीक्षी

दिल्ली चुनावों के लिए बीजेपी चाणक्य ने अपनी बिसात बहुत पहले ही बिछा दी थी जब लोकसभा चुनावों में दिल्ली के कई बार के विजेता सांसदों का टिकट काट लिया गया था। माना यही जा रहा है बीजेपी चाणक्य अमित शाह को यह अच्छी तरह से मालूम था कि दिल्ली में लोकसभा की सातों सीट तो मोदी के नाम पर जीत ली जाएंगी पर दिल्ली विधानसभा को 27 साल बाद अगर जीतना है तो दिल्ली चुनाव में मोदी के साथ दिल्ली के कद्दावर नेताओं का भी साथ चाहिएगा। और एक बड़ी रणनीती के तहत चाणक्य ने ऐसा ही किया , मनोज तिवारी को छोडकर किसी भी सांसद को दोबारा टिकट नहीं मिला और अब विधानसभा चुनाव में दिल्ली के कद्दावर नेता और पूर्व सांसदों प्रवेश वर्मा और रमेश विधूड़ी को मैदान में उतार दिया गया है।खबरें मिल रही हैं कि बीजेपी अपने 58 उम्मीदवार तो उतार चुकी है पर जो बाकी 12 सीटें बची हैं उनपर दिल्ली की पूर्व सांसद मीनाक्षी लेखी और स्म़ृति इरानी को उतारा जा सकता है. । माना जा रहा है कि 12 नामों के चयन पर बीजेपी जनता को चौंका सकती है। चर्चा यही है कि पार्टी स्म़ृति इरानी को दिल्ली कैंट या ग्रेटर कैलाश सीट , किसी एक पर उम्मीदवार बनाकर विधानसभा का चुनाव और रोचक कर सकती है क्योंकि भाजपा दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज के सामने ग्रेटर कैलाश से एक मजबूत चेहरा उतारना चाहती है और उन्हें चौथी बार जीतने से रोकना चाहती है। ऐसे में 48 साल की स्मृति ईरानी उन्हें कड़ी टक्कर दे सकती हैं क्योंकि महिलाओं में वह अपनी टेलिविजन सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहू थी से बहुत प्रसिद्ध हुई थी।

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