बिहार की राजनीती में पूरी तरह से उथलपुथल मची हुई है और कल कौन किसको छोड़ रहा है, , कौन किस दल में शामिल हो रहा है इसको लेकर जबरदस्त गहामाहमी चल रही है और चुनाव के मौसम में हाल ही में इसकी शुरूआत की है  बिहार के वाल्मीकिनगर  के MLA धीरेंद्र प्रताप सिंह ने। माना जा रहा है उनके इशारे पर rjd के  अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार, जिला सचिव तरुण कुमार, जिला महासचिव रमेश महतो व लाैकरिया ने नीतीश कुमार का दामन थाम लिया है, खुद तो गए हैं और अपने साथ सैकड़ों समर्थकों को ले गए हैं और माना जा रहा है कि rjd के साथ बड़ा खेला हो गया है।  इन नेताओं का यही कहना है कि rjd काम नहीं कर रही केवल  परिवारवाद से ग्रसित हो गई है और  पार्टी  कार्यकर्ताओं का कोई महत्व नहीं रह गया ।

प्रशांत किशोर की नई पार्टी बन रही है सिरदर्द

माना जा रहा है कि बिहार में rjd की हालत दिनोदिन पतली हो रही है एक तरफ लगातार उसके नेता , कार्यकर्ता नीतीश के साथ जा रहे हैं, दूसरी तरफ बिहार में बनी प्रशांत किशोर की नईं पार्टी rjd के वोटर्स को तोड़ रही है

क्या Rahul Gandhi के बिहार पहुंचते RJD  की आफत

और इन सब के  के बीच राहुल गांधी की बिहार यात्रा से पहले बिहार के कईं कांग्रेसी नेताओं ने rjd के साथ गठबंधन तोड़ने के बयान तक देने शुरू कर दिए हैं। उनका मानना है कि बिहार में ‘कांग्रेस  गठबंधन में आकर कमजोर हुई है और  कांगेस के आगामी विधानसभा चुनाव अलग लड़ने की संभावना पूरी तरह से बन सकती है। कांग्रेस के एक कद्दावर नेता इरशाद अहमद ने यह तक कह दिया  कि कांगेस ने 2009 में लोकसभा और 2010 में विधानसभा चुनाव अलग लड़ा था और बढ़िया किया था। अब राहुल गांधी ने आने पर ही रणनीती तय की जाएगी। कुल मिलाकर बिहार में जो भी हो रहा है उसमें कांग्रेस और jdu की तो win win position लग रही है पर rjd के बुरे दिन की शुरूआत लगती है।

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