मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव जीतना , समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सचमुच अपनी प्रतिष्ठा का ही सवाल बना लिया है और शायद यही कारण है कि वो लगातार वोटिंग के पहले और बाद तक ऐसे बयान दे रहे हैं जो उन जैसे वरिष्ठ, अनुभवी नेता को शोभा नहीं देता है। आपको बता दें कि अखिलेश लगातार मिल्कीपुर में फर्जी मतदान होने और वोटर्स को भगाने का आरोप लगा रहे हैं और अखिलेश यादव ने यह भी दावा किया कि पुलिस मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच कर उन्हें डरा रही थी, अखिलेश ने चुनाव आयोग से ऐसी खबरों से जुड़ी तस्वीरों पर तुरंत संज्ञान लेने की मांग भी की पर जब वहां से कोई जवाब नहीं मिला तो अखिलेश ने वह कह डाला जिसने उनका गुस्सा, उनकी frustation उजागर कर दी। अखिलेश ने एक्स में पोस्ट पर लिखा की कहा कि चुनाव आयोग से जांच करने की मांग की थी आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना पड़ेगा’,। अखिलेश ने यह भी कह दिया की यह बीजेपी के चुनाव लड़ने का तरीका है और आयोग कोई कारवाई नहीं करता। वैसे नगीना सांसद और आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने भी बीजेपी पर आरोप लगाया है और कहा है कि मिल्कीपुर में भाजपा ने लोकतंत्र का गला घोंटा है।लेकिन इसके तुरंत बाद अयोध्या पुलिस ने समाजवादी पार्टी प्रमुख के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि मतदाताओं की नहीं बल्कि बूथ एजेंटों के पहचान पत्र की जांच की जा रही थी। , साथ ही उन्होेने अखिलेश को झूठे बयान ना देने और भ्रामक ट्वीट न करने की भी सलाह दे डाली।
