कांग्रेस पार्टी खासकर राहुल गांधी बिहार को लेकर काफी कंफ्यूज दिख रहे हैं, हाल अब यह हो गया है कि बिहार के बीजेपी नेताओं ने खुलकर राहुल की दिमागी हालत पर बोलना शुरू कर दिया है। दरअसल पिछले कुछ समय में राहुल यह नहीं decide कर पाए हैं कि बिहार चुनावों में वह या कांग्रेस पार्टी किसी एजेंटे को लेकर चुनाव प्रचार में उतरेगी। बिहार में सबको पता है कि जाती के आधार पर ही वोटिंग होती है और ऐसे में राहुल अपना जातीय एजेंडा तक सेट नहीं कर पा रहे जी हां जहां पहले कांग्रेस बिहार में पहले दलितों पर बहुत ज्यादा फोकस कर रही थी, पर उसके बाद फॉरवर्ड जाति के कईं नेताओं मतलब ब्राह्मण और भूमिहार को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कुछ और संदेश देने की कोशिश की गई। मतलब अनिल शर्मा, मदन मोहन झा या फिर अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाना बड़ी राजनीति थी।अब हाल फिलहाल में जब राहुल गांधी ने पटना में अपना भाषण दिया तो वह काफी हद तक ओबीसी वोटर्स पर फोकस करते हुए दिखे। तो बीजेपी तो क्या कांग्रेस के ही नेताओं को लगन लगा है कि बिहार को लेकर राहुल गांधी इतना कंफ्यूज क्यों हो रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में तो यह तक चर्चा होनी शुरू हो गई कि क्या लालू यादव के दबाव में राहुल बार बार अपना स्टैंड। वैसे पिछले काफी सालों से कांग्रेस बिहार में अपना स्टैंड नहीं बना पाई है, कभी सवर्ण वोटर्स पर जोर अजमाइश होती है कभी दलितों पर लेकिन इस बार राहुल गांधी सब छोड़ कर क्या ओबीसी कार्ड खेलने के मूड में हैं। अब सब जगह यही चर्चा है कि आखिर कांग्रेस पर ओबीसी रंग क्यों चढ़ रहा है। पर राहुल से पूछने की हिम्मत है किसमें भई राहुल तो राहुल हैं और पार्टी में सभी जानते हैं कि उन्हीं की चलती है।

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