खबरें आ रही हैं कि पंजाब सरकार में कुछ ठीक नहीं चल रहा है और शायद इसी कारण केजरीवाल अपना बोरियां बिस्तरा समेट कर पंजाब में डेराडाले हुए हैं, दिल्ली तो हाथ से गई अब पंजाब को केजरीवाल किसी हाल में नहीं छोड़ना चाह रहे हैं।पर राजनीति गलियारों में जबरदस्त चर्चा हैकि केजरीवाल का पंजाब आना यहां के मुख्यमंत्रा भगवंत सिंह मान को ज्यादा रास नहीं आ रहा है। दिल्ली हार के बाद दोनों के रिश्तों मेंतल्लिखियां बढ़ने लगी हैं, कल तक केजरीवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले मान को अब यह डर सता रहा है कि कहीं केजरीवालउनकी गद्दी ना हथिया लें, इसके पीछे की वजहें भी सामने आ रही हैं, दरअसल पंजाब के कईं विधायक खुलकर मान के विरोध में सामने आ गएहैं, हाल ही में जब विधायकों की बैठक बुलाई गई तो 94 विधायकों में से आठ विधायक नहीं आये और वही कुछ का यह तक कहना था कीभगवंत मान को हटा देना चाहिए क्योंकी ना वह कुछ समझ पाते हैं और ना ही किसी की सुनते हैं। विधायकों ने तो यह तक कह दिया कि शायदअब राजनीती के काम उनसे हो नहीं पा रहे. । अब चर्चाएं यही है कि विधायकों की यह बगावत क्या केजरीवाल का गद्दी हटाने के लिए खेला तोनहीं।
Delhi —–किस बात के लिए पछता रहे AAP के नेता

दिल्ली चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी को तो जरूर अफसोस हो रहा है कि उसने कांग्रेस का दामन क्यों नहीं पकड़ा क्योंकि दिल्ली की बहुत सी सीटों पर आप विजयी हो सकती थी यदि उसे कांग्रेस का साथ मिलता आंकड़े बताते हैं कि 70 सीटों में से 14 ऐसी सीटें थीं, जहां कांग्रेस ने आप के साथ खेला किया , यहां आप की हार का अंतर कांग्रेस को मिले वोटों से कम था और गठबंधन होता तो उसे 37 सीटे मिलती । यानी सरकार बनाई जा सकती थी, पर दूसरी तरफ congress अभी भी अपनी अलग सोच बनाए हुए हैं और कह रही है कि आप के साथ गठबंधन congress को फायदा कम नुकसान ज्यादा देता । congress के कईं नेता खुलकर यह बात बोल रहे हैं। नई दिल्ली से चुनाव हारे कांग्रेस के दिल्ली के कद्दावर नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस और AAP गठबंधन करने पर भी नतीजे बुरे होते क्योंकि जनता ने केजरीवाल को हटाने का मन बना लिया था। वैसे संदीप दीक्षित की बातों में सच्चाई भी नजर आती है क्योंकि दिल्ली में चाहे कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली पर उसका वोटिंग शेयर बढ़ा है और congress नेताओं का साफ मानना है कि आप के साथ गठबंधन यानी कांग्रेस का वजूद दिल्ली से खत्म
