नीतीश ने चलाया तीर एक साथ लाखो मतदाता खुश

बिहार में चुनाव की गूंज सुनाई देनी शुरू हो गई है, सबको पता है कि इसी साल बिहार में चुनाव होने वाले हैं, सभी दल तमाम तरह की योजनाओं की घोषणा करके जनता को लुभाने में लगे हैं और इन सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘चुनावी तीर चलाकर 59 हजार बेरोजगारों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की योजना भी शुरू कर दी है। जैसा की बिहार में बेरोजगारी की बड़ी समस्या है ऐसे में युवाओं को लुभाने के लिए नीतिश के इस फैसले की हर तरफ चर्चा होनी शुरू हो गई है। कल तक शांत बैठे, बीमारी से जूझ रहे नीतीश लग रहा है आजकल पूरी तरह से एक्टिव हो गए हैं और बिहार में एक बार फिऱ एनडीए की सरकार बनाने के लिए अपनी कमान से हर तीर निकाल रहे हैं। नीतीश को पता है कि इस बार चुनाव में मुकाबला कड़ा है क्योंकि rjd एक तरफ तो पूरी टक्कर देने की तैयारी कर रही है पर दूसरी तरफ इस बार दिल्ली की तरफ कांग्रेस ने भी बिहार में जबरदस्त तैयारी शुरू कर दी है, हो सकता है कि कांग्रेस को सीट ना मिले पर उसकी तैयारी jdu के वोट काटने का पूरा काम करेगी और नीतीश जो राजनीती के मंझे खिलाड़ी हैं उनको इस बात का अंदाजा है तभी उन्होंने बिहार के युवाओं जिनकी वोटिंग percentage बहुत ज्यादा है उन सभी को इस योजना से एकसाथ लुभाने की कोशिश की है आपको बता दें कि इस योजना के लिए लोगों की उम्र बहुत सोच समझकर 18 से 50 वर्ष के बीच रखी गई है यानी बहुत बड़ा वोट बैंक अपने पाले में करने की कवायद।

 

स्वाती मालीवाल चुन चुन कर केजरीवाल से बदला

लगता है राज्यसभा सांसद और आप नेता स्वाती मालीवाल ने केजरीवाल को तंग करने की ठान ली है, इसके पीछे क्या कारण हो सकता है यह भी हम आपको बताएंगे, पर पहले जानिए उन्होंने एक चिट्ठी लिखकर केजरीवाल को फिर से परेशानी में डाल दिया है और लोगों की नजरों में फिर एक्सपोज करने की कोशिश की है। अपनी चिट्ठी में स्वाती ने आप’ के नेता पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया हुआ है स्वाती ने कहा कि पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव के समय केजरीवाल ने पंजाब में दलित डिप्टी सीएम बनाने का वादा किया था पर उसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है, कम से कम केजरीवाल दिल्ली में विपक्ष का नेता तो दलित समाज से बनाएं। ऐसा करके वह बाबासाहेब अंबेडकर को “सच्ची श्रद्धांजलि” दे सकते हैं। अब स्वाती के इस आग्रह पर केजरीवाल फंस गए हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी ने इलके बारे में दूर दूर तक नहीं सोचा है, और दूसरी तरफ आप के ही कईं विधायक इस पद को पाने के लिए जबरदस्त लाबी कर रहे हैं , ऐसे में केजरीवाल उनकी नाराजगी भी नहीं झेल सकते हैं । चर्चा यही है कि इस चिठी का मतलब केवल और केवल केजरीवाल को परेशान करना है, स्वाती अपना बदला निकाल रही हैं क्योंकि जब उनकी केजरीवाल के घर पिटाई हुई और पिटाई भी केजरीवाल के स्पेशल अधिकारी ने की थी पर उसके खिलाफ केजरीवाल ने एक शब्द नहीं बोला था । बस यही बात स्वाती को चुभ रही है और वो केजरीवाल को डाउन करने का कोई मौका नहीं छोड़ती।

महाराष्ट्र क्या फडणवीस सरकार में सब कुछ ठीक नहीं

महाराष्ट्र में चर्चाओं का बाजार जोर पकड़ रहा है कि फडणवीस सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। दरअसल चुनाव परिणाम के बाद से ही मुखयमंत्री बनने से लेकर मंत्रियों के विभाग बंटवारे को लेकर एकनाथ शिंदे और अजित पवार की नाराजगी की खबरें सामने आ रही थी खासकर शिंदे की नाराजगी तो जग जाहिर भी हो चुकी है लेकिन समय के साथ साथ ये दूरियां कम होने की जगह बढ़ती जा रही हैं , एक के बाद घटनाएं इसका उदहारण बनती जा रही है कि महायुति सरकार में दरारें साफ दिख रही हैं। अभी हाल ही एक घटना से इन बढ़ती दूरियों का खुलेआम पता चलता है। दरअसल शिवाजी जयंती पर आयोजित पदयात्रा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बहुत से बीजेपी नेता शामिल हुए, लेकिन उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार का कोई नामोनिशान नहीं दिखा। एनसीपी के एकमात्र नेता और महाराष्ट्र के युवा मामलों और खेल मंत्री दत्तात्रेय भरणे इसमें शामिल हुए दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे केवल शिवनेरी किले में शिवाजी की जयंती समारोह में शामिल हुए और वापस मुंबई लौट आए। बस फिर क्या था चर्चाएं चल निकली की महाराष्ट्र सरकार में सब ठीक नहीं चल रहा है और आगे इसकी संभावना भी नहीं दिख रही है।

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