बिहार राजनीती में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए कांग्रेस जीन जान कोशिश कर रही है लेकिन लग रहा है कि उसके पासे सीधे नहीं पड़ पा रहे हैं, राहुल गांधी के लगातार बिहार के दौरे यहां कोई करिसमा नहीं कर पा रहे और दूसरी तरफ कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में चल रही फूट आलाकमान के लिए बड़ी सिरदर्द बनी हुई है और इन सब के बीच हाल ही में बिहार पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की रैली में कम भीड़ आने से congress के बड़े बड़े नेताओं की नींदे गायब हो चुकी है, demage control करने के लिए कांगेस ने तुरंत अपने बक्सर जिला इकाई प्रमुख मनोज कुमार पांडेय को निलंबित कर दिया गया । किन बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के बेटे आकाश सिंह की सोशल मीडिया में वायरल हो रही एक पोस्ट से कांग्रेस के नेता सकते में ही चल रहे हैं कि ये पार्टी में क्या चल रहा है। दरअसल आकाश ने सोशल मीडिया पर लिख दिया कि उनके पिता अखिलेश को पद से हटाने का खामियाजा कांगेस को भुगतना पड़ा है और खरगे की सभा में बहुत सी कुर्सियां खाली रही । आपको बता दें कि आकाश सिंह ने भी 2024 में चुनाव लड़ा था। अब आकाश के इस बयान से पार्टी में चल रही गुटबाजी एक बार फ्र सामने आ गई है।
Bihar में बीजेपी के दो अनमोल रत्न क्या टूट जाएंगे

बिहार में चुनाव लड़ना तमाम छोटे बड़े दलों के लिए टेढी खीर ही साबित हो रहा है खासकर बीजेपी और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों के लिए , क्योंकि इस समय दोनों ही दल अंदरूनी बगावत से परेशान ही चल रहे हैं। दोनों ही पार्टियों अपने सहयोगी दलों के रूठने – मनाने में ही ज्यादा बिजी दिख रही हैं और चुनाव प्रचार का समय कम होता जा रहा है, अभी जहां मुकेश साहनी ने एनडीए को झटका देकर लालू का दामन थाम लिया तो अब एनडीए के और सहयोगी दल चिराग पासवान की पार्टी भी अपने रंग दिखा रही है। हाल ही में चिराग ने बिहार चुनाव लड़ने के संकेत देकर JDU को तो सकते में डाल दिया पर BJP को उससे भी ज्यादा मुसीबत में डाल दिया क्योंकि चिराग के चुनाव लड़ने का संकेत मुख्यमंत्री के लिए उनकी दावेदारी को माना जा रहा है और इसके लिए नीतीश कुमार पहले से ही बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं। इस बयान के आने के बाद एनडीए में बिहार नेतृत्व को लेकर जबरदस्त खींचतान शुरू हो गई है, अब बीजेपी नीतीश की तरह चिराग पासवान को भी नाराज नहीं कर सकती है क्योंकि 2020 के चुनाव में चिराग पासवान की अनदेखी करने का परिणाम JDU-BJP देख चुके हैं। अब देखना यही है कि बीजेपी चाणक्य इस मुशिकल घड़ी में अपना कौन सा पासा फेंकते हैं कि नीतीश और चिराग दोनों ही एनडीए से जुड़े रहें।