बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी जहां फिर से राज्य में अपनी जडें मजबूत करने के लिए और तेजस्वी यादव बिहार की गद्दी पाने के लिए जिस तरह से लगातार जाती जनगणना को लेकर मोदी सरकार को घेर रहे थे, बिहार के CM नीतीश कुमार पर निशाना लगा रहे थे , उससे लगने लगा था कि बिहार में जाती मुद्दे पर बीजेपी लगातार बैकफुट पर चल रही है। पर कमाल ही है मोदी के एक ही मास्टर स्ट्रोक ने दोनों नेताओं के सपने को धाराशयी कर दिया। जी हां माना यही जा रहा है कि सरकार की ओर से आजादी के बाद पहली बार देश में जातीगत जनगणना करवाने के फैसले ने जहां एक तरफ पूरे विपक्ष का मुंह बंद करवा दिया वहीं बिहार चुनाव से पहले यहां के बहुत बड़े तबके को अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास किया है। यही कारण है कि बिहार की सड़कों पर इस फैसले के आने के बाद जगह जगह नीतीश-मोदी के पोस्टर लगे दिख रहे हैं। इनमें लिखा है कि ‘नीतीश ने दिखाया, अब देश ने अपनाया! नरेंद मोदी जी को धन्यवाद, दरअसल आपको बता दें कि इस पूरे प्रकारण में JDU नीतीश को हीरों बनाकर इसलिए पेश कर रही है क्योंकि नीतीश सरकार ने 2023 में जाति आधारित सर्वेक्षण कर इतिहास रच दिया था। लेकिन उस समय नीतीश कुमार लालू के साथी थे मतलब महागठबंधन के पार्टनर थे। अब इस फैसले से जाहुर है कि बिहार में नीतीश का कद अचानक ही काफी उंचा माना जा रहा है और साफ लग रहा है कि इस फैसले के बाद आगमी होने वाले चुनाव में नीतीश और बीजेपी को भरपूर फायदा मिलेगा।