पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिस तरह से कांग्रेस समाजवादी पार्टी और RJD के कुछ नेता मोदी सरकार और सेना तक को लगातार कटघरे में खड़ा कर रहे थे उससे देशभर में इन पार्टियों की जमकर निंदा हो रही है , इससे इन पार्टियों को भी साफ संदेश मिला कि मोदी के खिलाफ खड़ा भारतीय भी ऐसे समय में सरकार और सेना के साथ है और उनकी निंदा करने वाले को माफ नहीं करेगा और शायद यही कारण है कि आपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के बाद सबसे ज्यादा कांग्रेस , समाजवादी पार्टी और rjd के नेता जमकर सेना की तारीफ में पुल बांध रहे हैं , खासकर कांग्रेस खेमा सेना को appreciate करने में सबसे आगे हैं और ऐसे में चर्चा यही चल रही है कि पार्टी आलाकमान अपने नेताओं के उल्टे सीघे बयानों का demage control करने में लगे हैं। कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, जयराम समेत, तमाम नेता सेना की तारीफ में पुल बांधे tweet पर tweet कर रहे हैं वहीं समाजवादी पार्टी और rjd के नेता भी इसमें पीछे नहीं दिख रहे। वैसे आपको बता दें कि कि ये वहीं राहुल प्रियंका और जयराम या तमाम कांग्रेस के नेता हैं जो आज सेना की बढ़चढ़कर तारीफ कर रहे हैं पर कल तक जब इनके अपने नेता सेना का मजाक उड़ा रहे थे, सरकार पर टिप्पणी कर रहे थे तो इनके मुंह से कुछ नहीं निकला, अजब ही है जिस तरह से कांग्रेस के यूपी नेता अजय राय ने सारी मर्चादाएं तोड़कर राफेल विमान पर नीबू-मिर्च टांग कर उसका का मजाक उड़ाया , कांग्रेस के एक नेता ने यह कहकर और भी मर्यादा को कुचल डाला कि आतंकवादियों के पास इतना समय थोड़े होता है कि धर्म पूछकर गोली मारे, इसके अलावा भी कांग्रेस के कईं नेताओं ने बहुत उल्टे सीधे बयान दिए पर उस समय उनके विरोध में कांग्रेस के आलाकमान का कुछ ना बोलना क्या उनकी दोहरी मानसिकता को नहीं दर्शाता , कोई कुछ ना बोल पर जनता सब देख रही है समझ रही है और समय आने पर वोटों के रूप में इसका जवाब भी देगी।
चिराग ने अकेले दिया था नीतीश को झटका अब तो काफी खड़े हैं

बिहार में वैसे तो एनडीए ने नीतीश कुमार को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपना मुख्यमंत्री फेस बता दिया है पर चुनाव में ज्यादा सीट लाना नीतीश कुमार और jdu के लिए बहुत कठिन बन सकता है और इसका कारण है किसी समय नीतिश कुमार के सहयोगी रहे कुछ नेता । जी हां आपको बता दे कि इस बार नीतीश कुमार के कभी अपने रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर की पार्टी,के साथ साथ नीतीश कुमार की ही पार्टी के अध्यक्ष रहे आरसीपीसिंह की पार्टी से बड़ा खतरा है क्योंकि ये दोनों पूरी तरह से नीतीश की कार्यप्रणाली, चुनाव रणनीती से परिचित हैं और उसी की तर्ज पर दोनों ही पार्टी नीतीश के वोट काफी हद तक तोड़ सकते है। यह इसलिए भी कहा जा रहा है कि इससे पहले सिर्फ चिराग पासवान की पार्टी ने अकेले ही अपने दम पर जेडीयू को 115 से 43 सीटों पर ला कर खड़ा कर दिया था और इस बार तो एक नहीं दो नहीं बलिक कई छोटी बड़ी पार्टियां नीतीश के खिलाफ चुनाव में खड़ी हो रही हैं। इसके अलावा jdu में चल रही गुटबाजी भी नीतीश को परेशान कर रही है और इसके बढ़कर क्या इस बार अतिपिछड़ा ,पिछड़ा और दलित वोट भी jdu को वोट देगा या rjd इन वोटों में सेंधमारी कर लेगा। कुल मिलाकर नीतीश के लिए इस बार ज्यादा सीटें जीतकर मुख्यमंत्री का ताज पहनना इतना आसान नहीं होगा जितना समझा जा रहा है।
अशोक गहलोत को किसने कहा भ्रष्टाचार की गंगोत्री Congress आई बैकफुट पर

क्या कांगेस के कद्दावर नेता, सोनिया गांधी के करीबी रहे और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पुलिस कांस्टेबल का ट्रांसफर करने के लिए भी पैसा चढ़ाया जाता था, क्या अशोक गहलोत अपने समय में भ्रष्टाचार की गंगोत्री थे। कांग्रेस की सरकार जा चुकी है और अशोक गहलोत को कांग्रेस में कोई ज्यादा पूछता भी नहीं और ऐसे समय उनके लिए ऐसी बातें सुनना करना अजीब ही लगता है , पर आपको बता दें कि ये बातें कोई बाहरी नेता या बीजेपी के नेता नहीं कर रहे बल्कि उनकी ही सरकार में एक मंत्री रहे एक नेता ने इस तरह की बयानबाजी करके कांग्रेस को backfoot पर लाकर खड़ा कर दिया है। आपको बताते हैं कि माजरा क्या है, हाल ही में जब भारत आदिवासी पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल एक सरपंच से रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए तो उसपर कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने खुलेआम कह डाला कि राजस्थान के कई विधायक ऐसे हैं जो सरपंचों से कमीशन लेते हैं। सरपंच बेचारे इस बारे में बोल तक नहीं पाते , पर नाम और पहचान उजागर किए बिना यदि कोई उनसे बात करे तो वो अपना दुखड़ा बयान कर देगा।पर राजेंद्र गु़ढ़ा यह कहकर भी नहीं रूके और तुरंत राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को भ्रष्टाचार के आरोप में घेर लिया और कहा कि बड़ी मछलियां को पकड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन घोटाला तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संरक्षण में हुआ था पर डॉ. महेश जोशी फंसे। महेश जोशी के हिस्से में बहुत कम पैसे आए। पूरी मलाई तो गहलोत ही खा गए थे, गुढ़ा ने यह भी कहा कि पहले कांग्रेस सरकार के समय हजारों करोड़ के कई घोटाले हुए पर पूरा खेल तत्कालीन मुख्यमंत्री की निगरानी में होता था। पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी।
एक कांग्रेस नेता का इस तरह से अशोक गहलोत पर इल्जाम लगाने से राजस्थान कांग्रेस में भी हलचल हो क्योंकि अहर विपक्ष आरोप लगाता है तो फिर भी उसका तोड़ निकाल लिया जाता है पर एक मुख्यमंत्री पर उसके ही एक मंत्री ने ऐसे आरोप जड़ दिए अब देखना यही है कि इसपर कांग्रेस आलाकमान का मुंह खुलता है या नहीं।
