बिहार में एक तरफ अपने ही घर में कलह झेल रहे RJD सुप्रीमों लालू यादव और तेजस्वी परेशान हैं और दूसरी तरफ अपने सहयोगी दलों की बढ़ती मांगे इन दोनों की रातों की नींद गायब कर रही है। पहले से ही कांग्रेस ने बिहार में अपनी मनपसंद 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाकर RJD को झटका दे रखा है उपर से विकासशील इंसान पार्टी की ओर से भी लडने के लिए ज्यादा सीटों की मांग बढ़ रही है। अभी इन्हीं टेंशन से लालू परिवार परेशान था कि अब उसके और प्रमुख सहयोगी वाम दलों ने भी ज्यादा सीटों पर लड़ने की मांग करके RJD की टेंशन बहुत बढ़ा दी है। आपको बता दे कि 2025 में वाम दल 65 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रहा है , भाकपा (माले) 30 सीट, भाकपा ने 25 सीटों की और माकपा ने 10 सीटों पर दावेदारी पेश कर दी है वैसे ये वही दल हैं जो 2020 के विधानसभा चुनाव में 29 सीटों पर चुनाव लड़े थे16 पर जीत हासिडल की थी, अब यही लग रहा है कि कांग्रेस की देखादेखी ये दल भी चौड़े हो रहे हैं और अपनी सीटों की डिमांड दुगनी कर दी है। वैसे पता यह भी चला है कि वाम के तीन दल कांग्रेस की तरह ज्यादा और अपनी मनपसंद सीटे rjd महागठबंधन से लेना चाह रहे हैं जैसे कि भाकपा (माले) उत्तर बिहार और सीमांचल में भी नई सीटें चाह रहा है। जबकि भाकपा दक्षिण बिहार में ज्यादा सीटे मांग रहा है। अब देखना यही है कि लालू जैसे मंझे हुए नेता कांग्रेस और वाम दलों की बढ़ती मांग को कैसे बस में करते हैं जिससे RJD के पास लड़ने को ज्यादा से ज्यादा सीटे बचे।
CONGRESS क्यों कर रही अपने ही नेताओं को अपमानित -कहना पड़ रहा देशभक्त होना इतना मुशिक
कांग्रेस का एक बड़ा कद्दावर नेता जब ये कहता है कि क्या देशभक्त होना इतना मुशिकल है तो अपने आप समझ जाइए कि कांग्रेस के अंदर ही अंदर किस तरह का विभाजन हो गया है, जी हां आपको बता दें कि जब से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इंडोनिशिया में यह बयान दिया है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में समृद्धि और लोकतांत्रिक प्रगति हुई है तो देश में बैठे कांग्रेस के कईं नेता उन्हें ताने दे रहे हैं , अपमानित कर रहे हैं और इसी से दुखी होकर सलमान खुर्शीद ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि जब हम आतंकवाद के खिलाफ एक मिशन पर हैं, ताकि दुनिया में आतंकवाद की पोल खोली जा सके। तब ये बात काफी तकलीफ देती है देश में बैठे लोग हमारी सियासी वफादारी का गुना-गणित कर रहे हैं। क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है, साफ लग रहा है कि देश के अंदर ही कांग्रेस नेताओं का एक ग्रुप वो है जो देश में लगातार मोदी सरकार की खिंचाई करता रहा है पर अब जब विदेश पहुंचा हैं तो सब एक हैं , देश एक है के विश्वास के साथ काम कर रहा है , पर अफसोस कांग्रेस में राहुल गांधी समेत कुछ नेता ऐसे भी हैं जो देश में भी और विदेशों में भी अपने देश और सरकार को अपमानित करने से बाज नहीं आ रहे हैं और इसी ग्रुप ने कांग्रेस के एक और नेता शशि थरूर को भी अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
कैसे पानी पानी कर दिया CONGRESS को इस तेजतर्रार BJP नेता ने

आपरेशन सिंदूर पर मोदी सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को घेरने वाली कांग्रेस लगातार बैकफुट पर नजर आ रही है क्योंकि भाजपा के तेजतर्रार नेता, इतिहास से वो वो कागज लेकर सामने आ रहे हैं जहां कांग्रेस अमेरिका के दबाव में भी आई और सेना संबंधी तमाम जानकारियां भी पाकिस्तान को दी और अब इसी कड़ी में जवाहर लाल नेहरू की लिखी हुई एक चिट्ठी पर सियासी घमासान मच गया है और बीजेपी इसको लेकर कांग्रेस पर जमकर बरस रही है। दरअसल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे एक पत्र को दिखा रहे हैं जिसमें उनका आरोप है कि इसमें नेहरू ने पाकिस्तान को भाई और मित्र बताया था और उनके साथ समझौता करने की बात की थी यह पत्र यह पत्र 16 नवंबर, 1962 को अमेरिका को लिखा गया था, जिसे दुबे के अनुसार, बाद में अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ साझा कर लिया था। दुबे ने सवाल किया है कि क्या इस पत्र के जरिए ही पाकिस्तान को 1965 में भारत पर हमला करने का अवसर दिया गया था। दुबे लगातार कांग्रेस को घेरने के लिए खुफिया सूची से हटाए गए दस्तावेजों का सहारा ले रहे हैं। दुबे ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लिखे एक खुफिया पत्र का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी पर भारत-पाकिस्तान कूटनीति में अमेरिकी भागीदारी पर सवाल उठाने के लिए पाखंड का आरोप लगाया था।