Vice President Election – कहां है Vice President —जगदीप धनखड़?

चर्चाओं का बाजार गर्म है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस समय कहां हैं, जब से उन्होंने इस्तीफा दिया है उसके बाद से ही उनकी तरफ से किसी भी तरह का कोई बयान नहीं आया है और यही नहीं उनकी पबल्कि appearence भी नहीं देखी गई, बस इसी बात का फायदा उठाने में विपक्ष जुट गया है जी हां पहले कपिल सिब्बल ने जगदीप धनखड़ का पता लगाने के लिए यह सवाल उठाए कि जगदीप धनखड़ अचानक कहां गायब हो गए और अब शिवसेना सांसद संजय राउत ने जगदीप धनखड़ का पता लगाने के लिए बाकायदा गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख दिया है, जाहिर सी बात है कि पत्र लिखा गया है वो भी चाणक्य को तो चर्चा का विषय तो बनेगा ही, यही नहीं विपक्ष एकजुट होकर इस बात को भी फैला रहा है कि पिछले कुछ समय से राज्यसभा के कुछ सदस्य उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं पर उन्हें असफलता ही मिली है, छनते छनते यह भी खबर आ रही है कि विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में धनखड़ जी का पता लगाने के लिए एक याचिका दायर करने की सोच रहा है।

क्या आवास में कैद हैं जगदीप धनखड़

 

संजय संजय राउत जो बातें बनाने में माहिर हैं वो यह भी कह रहे हैं कि दिल्ली से खबरें आ रही हैं कि धनखड़ को उनके आवास में ही सीमित कर दिया गया है और वह सुरक्षित भी नहीं हैं। राउत यह भी कह रहे हैं कि पूर्व उपराष्ट्रपति की तबीयत कैसी है, वह कहां है? क्या वह सुरक्षित हैं? जनता को यह सच्चाई जानने का हक है, उन्होंने कहा कि चिंता इसलिए भी हो रही है कि उनके किसी भी कर्मचारी से भी कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है, वैसे इससे पहले खुद उद्धव ठाकरे ने जगदीप धनखड़ के बारे में सवाल उठाते हुए कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए।वैसे बीजेपी के नेता भी विपक्ष पर तंज कसने में पीछे नहीं हैं, उनका कहना है कि संसद में यही विपक्ष था जिसने कभी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का सम्मान नहीं किया, इनके बार बार अनुरोध पर संसद नहीं चलने दी, और आज सिर्फ राजनीती करने के लिए उन्हें जगदीप धनखड़ की याद आ रही है।

विपक्ष बना रहा जानबूझकर इसे मुद्दा

माना यही जा रहा है कि विपक्ष की ओर से जगदीप धनखड़ को लेकर शुरू की गई ये कवायद उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को देखते हुए शुरू की जा रही है, विपक्ष पूरी कोशिश में है कि इस बार यह पद उनके किसी नेता के हाथ में आए, उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे विपक्षी दलों से संपर्क कर रहे हैं और पूरी कोशिश में हैं कि I.N.D.I.A गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार पर सहमति बन सके। विपक्षी दल इस बार चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटना चाहते हैं, पर इन सब के बीच शशि थरूर के इस बयान से कांग्रेस और मल्लिकार्जुन खरगे के अभियान को झटका जरूर लग सकता है

शशि थरूर क्या कहा चुनाव पर CONGRESS को लगी मिर्ची

जी हां पिछले कुछ समय से कांग्रेस से विपरीत दिशा में चल रहे शशि थरूर ने कह दिया कि एनडीए जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी और उपराष्ट्रपति बनाना चाहेगी, वही उपराष्ट्रपति बनेगा क्योंकि संसद सदस्यों के बहुमत उनके साथ है। थरूर ने यह भी कह दिया कि चुनाव में राज्य विधानसभाएं हिस्सा नहीं लेतीं इसलिए परिणाम तो लगभग तय ही है। माना यही जा रहा है शशि थरूर ने इशारों इशारों में कांग्रेस पर तंज भी कस दिया कि कितनी भी कोशिश कर लो उपराषट्रपति नहीं बनवा पाओगे। चुनाव में विपक्ष की हार तय है। आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होगा और इससे पहले विपक्ष जगदीप धनखड़ का मुद्दा उछाल कर सरकार को बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रहा है साथ ही विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस लगातार विपक्षी दलों से संपर्क में है और चुनाव के बहाने कम से कम कांग्रेस के साथ बाकी दलों से बढ़ती दूरियां कम करने की कोशिश में लगी है। पता चला है कि कांग्रेस सभी दलों से सहमति बनवा रहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा किया जाए, वैसे विपक्षी खेमे का एक वर्ग यह भी चाहता है कि भाजपा की ओर उम्मीदवार नाम की घोषणा के बाद ही वो अपना उम्मीदवार तय करें।

Bihar —-तेजस्वी को कैसे मिल गया करारा झटका

जैसे ही उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के पास दो वोटर आईडी रखने का मामला सामने आया rjd यानी तेजस्वी यादव को लगा कि बस अब छक्का मार लिया और तुरंत इसपर विजय सिन्हा के इस्तीफे की मांग भी कर डाली, तेजस्वी को लगा कि बीजेपी अब दो वोटर आईडी के जाल में खुद फंस गई तो उन्हें यानी तेजस्वी को किस मुंह से कहेंगे कि उनके पास दो वोटर आईडी हैं, लेकिन तेजस्वी की सारी मेहनत उस समय बेकार होते नजर आई जब विजय सिन्हा ने इस मामले में रविवार को बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका नाम एक मतदाता सूची से नाम हटाने के आवेदन से जुड़े तमाम सबूत मीडिया के सामने पेश कर दिए गए , यहां पर विजय सिंहा ने मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के बारे में तेजस्वी यादव की जानकारी के अभाव में उनपर तंज भी सका। दरअसल मामला कुछ ऐसा था कि तेजस्वी यादव की शिकायत पर आयोग ने बांकीपुर और लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में दो वोटर आईडी रखने के मामले में विजय सिन्हा को नोटिस जारी किया था, उनसे 14 अगस्त तक स्पष्टीकरण मांगा गया है पर इससे पहले ही विजस सिन्हा ने पूरा कच्चा चिठ्ठा जनता के सामने रख दिया और बताया कि बांकीपुर से नाम हटवाने के लिए उन्होंने फॉर्म भरा था।  पर किसी कारणवश मेरा नाम नहीं हटा तो बाकायदा बीएलओ को फोन करके लिखित आवेदन दिया और रसीद ली थी विजय सिन्हा ने बयाया कि वो  एक ही जगह से वोट करते हैं और वो है लखीसराय।

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