Bihar – नीतीश के पास जादू की कौन सी छड़ी जिता देती हारी हुई बाजी

आजकल हर कोई बिहार के बारे में जानना चाहता है। यही नहीं कि बिहार के लोग ही बिहार की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं क्योंकि बिहार के चुनाव इतने ज्यादा दिलचस्प होते हैं कि देश का हर नागरिक जानना चाहता है कि बिहार में क्या हुआ। और अगर अब बिहार की बात हो और नीतीश कुमार की बात ना हो तो ऐसे कैसे हो सकता है? हाल ही में जेडीयू ने एक नया नारा दिया है बिहार में 25 से 30 नीतीश कुमार के साथ मतलब 2025 से 2030 तक नीतीश के साथ ही रहना है, बीजेपी ने इसमें थोड़ा सा बदलाव किया और कह दिया है 25 से 30 दो भाइयों के साथ नरेंद्र और नीतीश। नीतीश कुमार की लोकप्रियता , एनडीए की एकता को दर्शाने के लिए ये सब प्रयास किए जा रहे हैं, वैसे पिछले कुछ समय से अटकलों का बाजार गर्म है कि नीतीश की लोकप्रियता कम हुई है और कुछ सर्वे भी यह बता रहे हैं लेकिन इसके बावजूद नीतीश का कॉन्फिडेंस उनके पार्टी वर्कर्स का उनके नेताओं का कॉन्फिडेंस कम नहीं है। इसके पीछे क्या कारण हो सकता है?

बिहार की महिलाएं हैं नीतीश की ताकत और हारा चुनाव जीताने की ताकत


आज उन्हीं कारणों पर चर्चा करते हैं, कम ही लोग यह जानते होंगे कि नीतीश के पास एक जादू की छड़ी है और उस छड़ी के सहारे नीतीश कुमार पूरे 20 साल तक बिहार की गद्दी पर बने रहने में कामयाब हुए हैं और इस बार भी उन्हें पूरी उम्मीद है कि वो जादू की छड़ी उन्हें जीत का रस्ता दिखाएगी। तो नीतीश के पास जादू की छड़ी है वो है देश की आधी आबादी यानी महिलाएं, यानी बिहार की महिलाएं। नीतीश इन महिलाओं के दिलों पर राज करना, इनके दिलों को जीतना जानते हैं और यही कारण है नीतीश कुमार का कोई भी चुनावी घोषणापत्र हो उसमें महिलाओं के बारे में कोई ना कोई अच्छी बड़ी योजना होती है और ऐसी योजना होती है जो सीधा महिला और सिर्फ महिला को प्रभावित करती है उसको लाभ देती है और बड़ी बात यह है कि वो योजना सिर्फ चुनावी घोषणापत्र तक नहीं रहती है वो इंप्लीमेंट भी होती है उससे महिलाओं को फायदा भी होता है और नीतीश कुमार के बारे में अक्सर यह बातें चुनाव से पहले उठती रहती है पिछले इलेक्शन में भी उठी थी। नीतीश कुमार अब फेड हो गए हैं। लोकप्रियता कम हो रही है। उनको हट जाना चाहिए। किसी और को रास्ता देना चाहिए। लेकिन बावजूद बिहार की महिलाएं उन्हें जीताती हैं । नीतीश कुमार चुनाव जीतते हैं। उनकी पार्टी उनके नेतृत्व में अच्छी खासी सीटें ले आती है। तो कारण हम आपने बता दिया है कि जादू की छड़ी है उनके पास बिहार की महिलाएं और बिहार की महिलाएं नीतीश को जिताने में एक अहम रोल अदा करती हैं।

शुरू से जातीगत राजनीती से हटकर महिला वोटर्स पर ध्यान दिया

इस बात को समझते हैं, शुरुआत से बात करें तो 2005 में जब नीतीश कुमार सत्ता में आए थे बिहार की तो उस समय बिहार में जबरदस्त जाति समीकरण चल रहा था। इस समय भी कास्टिज्म बहुत ज्यादा है। कास्ट के आधार पर वोट होता है। लेकिन 2005 का समय तो पूरा ही कास्ट बेस राजनीति थी । उस समय नीतीश कुमार आए और उन्होंने अपना ध्यान जो है महिला वोटर्स पर, दलित वोटर्स पर और महादलितों पर केंद्रित किया। जाति राजनीति से हटकर उन्होंने महिलाओं पर खासतौर पर ही महिलाओं पर फोकस करना शुरू किया और उसके रिजल्ट्स उनको मिलने शुरू हुए। 2010 में चुनाव से पहले अगर हम देखें नीतीश कुमार की घोषणा अगर आपको याद होगी कि स्कूल जाने वाली हर लड़की को एक साईकिल मिलेगी और दो पेयर स्कूल की यूनिफार्म मिलेगी। और इसके कारण क्या हुआ? नितीश ना केवल जीते बल्कि वोटिंग परसेंटेज जो महिलाओं- लड़कियों का रहा वो काफी बढ़ा।

शराबबंदी और सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिलाई बढ़िया जीत

उसके बाद अगर हम 2015 में देखें और नीतीश का करिश्मा वहां देखें कि शराबबंदी बंद की वहां पर सबसे पहले उन्होंने। शराब के कारण जो घर बर्बाद हो रहे थे और महिलाएं सबसे ज्यादा इससे पीड़ित थी क्योंकि डोमेस्टिक वायलेंस बहुत ज्यादा होती थी तो शराबबंदी बंद हो गई कानूनी तौर पर बंद हो गई है और उसके बाद सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण की घोषणा की लागू किया और चुनाव के रिजल्ट आए तो जीत नीतीश की हुई और जो आंकड़े सामने आए तो आंकड़ों का पता चला कि 60% महिलाओं ने नीतीश कुमार के फेवर में वोट किया है। उससे आगे जाते हैं। 2020 के चुनाव में जीविका दीदी जो योजना नीतीश कुमार थी हिट साबित हुई और फिर से नीतीश की पार्टी को अच्छे वोट दिलवाने में कामयाब हुई ।

 महिलाओं के खातों में दस हजार एडवांस-नीतीश जो कहते वही करते

और अब 2025 का चुनाव है तो नितीश जो बहुत मंझे हुए खिलाड़ी है और उनको पता है उनके पास बिहार की जो महिलाएं हैं उनका वोट उनके पास है क्योंकि महिलाओं के लिए उन्होंने बहुत काम किया है और इससे पहले चुनाव से पहले ही उन्होंने लगभग 1 करोड़ महिलाओं के खाते में दस हजार रूपएं ट्रांसफर करवा दिए हैं क्योंकि उनकी योजना है हर महिला को हर महीने पैसे दिए जाएंगे उसके तहत दस हजार एडवांस में ही जमा करवा दिए हैं। यही कारण है कि बिहार की महिलाएं हैं नीतीश को पसंद करती हैं और उनकी हारी हुई बाजी भी जीत में बदलने में उनका अहम रोल रहता है। नीतीश सिर्फ चुनावी वादे नहीं करते हैं महिलाओं के साथ उनको पूरा भी करते हैं। चुनावी वादे करके आदमी एक बार चुनाव जीत सकता है। ज्यादा से ज्यादा दो बार चुनाव जीत सकता है। लेकिन उसके बाद रियलिटी आती है। लेकिन बिहार की महिलाओं को पता है कि नीतीश कुमार जो कहते हैं वो उनके लिए करते हैं ।

Bihar —नहीं कम हुआ नीतीश का जादू

अब जो कहा जा रहा है कि नीतीश का जादू कम हो गया है। उनकी लोकप्रियता कम हो गई है और वो दोबारा सीएम बनने के योग्य नहीं है। कोई और चेहरा देखना चाहिए। नीतीश के बारे में अक्सर ये बातें चुनाव से पहले उठती है। लेकिन जब नीतीश चुनाव जीत कर आते हैं तो हर कोई हैरान परेशान रहता है। लेकिन इस फैक्टर पे शायद कम लोगों का ध्यान जाता है कि नीतीश जीतते क्यों हैं? इतने सब नेगेटिव पब्लिसिटी होने के बाद भी,नीतीश की जो परमानेंट एक वोटर्स हैं, महिलाएं जो नितीश का साथ देती आई हैं क्योंकि नीतीश उनके लिए बहुत कुछ करते हैं

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