क्या बंगलादेश पर होनी चाहिए Surgical Strike?

जो बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में हैं और उऩ्होंने वो भारत के बहुत में घुसपैठ करके अपनी जगह बनाए हुए हैं , विशेष रूप से आसाम में जिस तरह से वो जगह-जगह पर फैले हुए हैं , इनको लेकर आसाम के CM हेमंत विश्व शर्मा का एक बयान आया है। उनका दावा यह है कि आसाम में लगभग 40% बांग्लादेशी मूल के लोग रह रहे हैं , जो पार्टीशन के समय केवल 10 से 15% थे और वो प्रॉब्लम कर रहे हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, । अवैध दुकाने हैं बहुत सारे क्राइम क्रिमिनल केसेस में भी उनका इन्वॉल्वमेंट होता है। यहां तक कि चिकन नेक को थ्रेट किया जा रहा है और चिकन नेक के आसपास पूरे के पूरे बांग्लादेशियों का आसपास का कब्जा है। जिसको लेकर के भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी है। अब केवल बांग्लादेश के लोग ही नहीं भारत में बैठे हुए एक बड़ा वर्ग दिल्ली दंगों का आरोपी सरजील इमाम उसने भी कहा था चिकन नेक को काट दो। नॉर्थ ईस्ट अपने आप कट जाएगा और उसकी मंशा क्या थी यह सबको मालूम है। तो इन इस तरह के जब एलिमेंट्स से डील करना पड़ता है उसको लेकर के जो हेमंताविश्व शर्मा का बयान आया है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि जो भारत सरकार की ओर से अब तक जो इलाज किया जाता रहा है वो मेडिसिन दी जाती है। दवा दी जा रही है। मेडिसिन जो है एडमिनिस्टर की जा रही है। लेकिन बांग्लादेश की समस्या का या बांग्लादेशी इनफिल्ट्रेटर्स के भारत आना मतलब इनफिल्ट्रेशन की जो समस्या है उसका समाधान सर्जरी से है। वो दवा से दूर होने वाला नहीं है। अब यह सर्जरी का डिटेल क्या है? कैसा है? इसके बारे में तो हेमंत विश्व शर्मा को ही जानकारी है। लेकिन उनका बहुत साफ तौर से कहना है वो जो यह कहते हैं कि मियां मुस्लिम्स जो उनको बांग्लादेशी मुसलमानों को वो मियां मुस्लिम कहते हैं या आसाम में उनको मियां मुस्लिम कहा जाते हैं। उनसे वो जो समस्याएं पैदा कर रहे हैं उस समस्या का समाधान और बांग्लादेश की समस्या का समाधान सर्जिकल सर्जरी के द्वारा ही किया जा सकता है।
राहुल गांधी क्यों करते बार बार Congress को Embarrass

राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश में अपनी पुरानी ढपली उसको बजाना शुरू कर दिया। हालांकि ये ढपली वो जब भी विदेश यात्रा पर होते हैं तो लेकर के ही जाते हैं और वहां जाने के साथ ही वो राग अलापना शुरू कर देते हैं या ढपली बजाना शुरू कर देते हैं। एक विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में जहां वो गए हुए थे वहां जाकर के उन्होंने फिर यह कहना शुरू किया कि सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल जो है वो जो मौजूदा सरकार है नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वो अपोजिशन को सप्रेस करने के लिए कर रही है और उनका यह भी कहना है कि यह 3:1 का रेशियो है कि 30 विपक्ष के लोग और एक भारतीय जनता पार्टी या एनडीए से जुडें दल के नेता किसी लोगों को टारगेट किया जाता है। इसके अलावा राहुल ने एक बात और कही कि भारत में संविधान खत्म हो रहा है। हालांकि संविधान बचाने की अपील वो अमेरिका और यूरोप से अमेरिकी जमीन से कर चुके हैं। लेकिन इस तरह की बात से दो चीजें निकल कर के आती हैं। क्या जो बात राहुल गांधी कह रहे हैं उसका विदेश की धरती से उससे समाधान निकलेगा। कोई अमेरिकी या कोई जर्मन या कोई ब्रिटिश आकर के भारत में डेमोक्रेसी के लिए कुछ कर पाएगा। यह एक बड़ा बड़ी समस्या है। लेकिन इसका खामियाजा यह होता है कि ना केवल भारत में उनकी आलोचना होती है बल्कि भारत के लोग भी लगातार जिस तरह से वो भारत के इंटरेस्ट को बाहर कॉम्प्रोमाइज करते हुए दिखते हैं। उन उन्होंने दूरी बनानी शुरू कर दी है कांग्रेस से और यही कारण है कि कांग्रेस एक के बाद एक लगातार चुनाव हारती जा रही है।
क्यों लाए अटल बिहारी वाजपेयी का नाम संसद में

आम आदमी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी या सरकार की आलोचना बहुत तीखे ढंग से करना और पहले यह बात अरविंद केजरीवाल करते थे लेकिन अरविंद केजरीवाल लंबे समय से कहां पर हैं दिल्ली चुनाव हारने के बाद से वो लगभग लापता से हैं। लेकिन संजय सिंह जो है राज्यसभा के जो एमपी हैं वो लगातार संसद से लेकर सड़क तक बहुत मुखर हुए हैं और बहुत तीखी आलोचना करते हैं। अभी उन्होंने पार्लियामेंट में जो बयान दिया था उसको लेकर के हालांकि विवाद भी हुआ था कि हराम में भी राम है और इसको लेकर के उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भी लिया कि अटल जी ने भी ऐसे बोला था लेकिन कोई उसका प्रमाण वो नहीं दे पाए, संसद के बाहर अब उन्होंने एक यात्रा शुरू की है रामपुर से लेकर के अमरोहा तक की। यह बरेली होते हुए अमरोहा तक जाएगी और यह गांधी समाधि रामपुर में एक गांधी समाधि है। वहां से यह यात्रा कर रहे हैं और इस यात्रा में जो है वोट बचाओ संविधान बचाओ जो बात राहुल गांधी विदेश में कर रहे हैं वो बात संजय सिंह उत्तर प्रदेश में कर रहे हैं। अब इसके पहले एक और यात्रा संजय सिंह निकाल चुके थे जो उन्होंने अयोध्या से निकाली थी। तो यह उनकी दूसरी यात्रा है उत्तर प्रदेश में। अब इसको देख के तो यही अनुमान लगाया जा सकता है कि लगता है आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में विधानसभा के जो चुनाव 2027 में होने वाले हैं उन चुनावों को लेकर के सक्रिय हो गई है या सक्रियता दिखा रही है जिससे कि वो चुनाव जो है वो मजबूती के साथ लड़े दिखे लड़ते हुए दिखे और इसीलिए संजय सिंह जो है वो यात्रा निकाल रहे हैं और इस तरह की बात कर रहे हैं। जहां पर संविधान की बात हो, संविधान से जुड़े हुए मसलों की बात हो। यह सारी चीजें जो है वो अपनी यात्रा के दौरान भी करते हुए नजर आ रहे हैं।
