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America – Russia दोनों को ही अपने हित के लिए चाहिए India का साथ—Former Major General P.K Sehigal

हाल ही में अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटजी रिवाइज की है और उसमें इंडिया को बहुत ज्यादा Importance दी गई है और ये थोड़ा हैरान -परेशान करता है क्योंकि पिछले काफी समय से ट्रंप इंडिया के खिलाफ ही लग रहे हैं, जबरदस्त ट्रैरिफ लगाया हुआ है, फिर अचानक ये बदलाव , इसके पीछे अमेरिका का क्या मतलब है तमाम बातों पर हमने बात की Former Major General P. K Sehigal से ।

 

Ques — सर लग रहा था कि ट्रंप और मोदी की दोस्ती टूट गई है और दोनों देश एक दूसरे से दूरी बन गई है पर अमेरिका की हाल ही में सामने आई National Security Strategy कुछ और बयां कर रही है, आपका क्या मानना है इसके बारे में?

 

Ans — अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटजी का केवल एक मकसद है और वो मकसद है कि अमेरिका की मिलिट्री डोमिनेंस, स्ट्रेटेजिक डोमिनेंस, पोलिटिकल डोमिनेंस जग्राफिकल डोमिनेंस बनी रहे। अमेरिका चाहता है कि भारत क्षेत्र में अमेरिका should remain the first -वो साफ तौर पर जानता है कि इंडोपेसिफिक एक ऐसा इलाका है जो 21 सेंचुरी में इकोनमिक और ग्लोबल इश्यूज में सबसे बड़ा बैटल ग्राउंड होने जा रहा है। अमेरिका के इस इलाके के अंदर 100 से ज्यादा बैस हैं, 14 बेस तो जापान में है। 3,75000 फौज है। फिर यह जो इलाका है इसमें दुनिया का 50% जीडीपी इस इलाके के अंदर है। दुनिया का 1/3 ऑलमोस्ट 35 टू 40% ट्रेड इस इलाके से हो के जाता है। और अमेरिका के दो ट्रिलियन डॉलर assets हैं इस इस इलाके के अंदर। अमेरिका साफ तौर पर जानता है कि इस इलाके के अंदर उसको सबसे बड़ा जो चैलेंज है वो चाइना की तरफ से चाइना की दादागिरी बड़ी जबरदस्त है। पूरे नाइन डैश लाइन तक जो तकरीबन 1200 किलोमीटर नीचे तक पूरे पानी को कब्जा करना चाहती है। पूरा एयर स्पेस चाहती है। टोल लगाना चाहती है कि जो भी शिपिंग वहां से जाएगी और अमेरिका की अपनी शिपिंग भी ऑलमोस्ट 35 टू 40% इधर से होके जाती है। तो अमेरिका जानता है कि 10,000 कि.मी. दूर है ताइवान अमेरिका से। इस इलाके में चाइना का मुकाबला करने के लिए उसको हिंदुस्तान जैसे बड़े देश की आवश्यकता है। इसलिए हिंदुस्तान को एक स्ट्रांग नेशन के रूप में अमेरिका खड़ा करना चाहता है, यही अमेरिका की सबसे बड़ी रणनीती है।

 

Ques — क्या रशिया भी भारत से यही उम्मीद लगाए बैठा है और उसका Interest क्या है?


Ans — रशिया भी एक स्ट्रांग इंडिया चाहता है , पुतिन ने अपनी हाल की यात्रा में साफ कहा कि हम चाहते हैं कि हिंदुस्तान मजबूत बने क्योंकि यहां रशिया का भी अपना हित है। उसको भी पोटेंशियल खतरा चाइना से है। रशिया की पापुलेशन 130 से 144 मिलियन है। चाइना की पापुलेशन 10450 मिलियन है। चाइना ने बहुत बड़े पैमाने पर रशिया के कई इलाकों के ऊपर इंक्रोचमेंट कर दिया है। रशिया को जबरदस्ती इसको नजरअंदाज करना पड़ रहा है। फिर चाइना कह रहा है कि जो रशिया का केवल और केवल एक ही बम वाटर पोर्ट है। बॉस्ट 2049 तक उसको ऑक्यूपाइड कर लेगा।रशिया साफ तौर पे जानता है कि उसका सबसे बड़ा दुश्मन पोटेंशियल जो है वो चाइना है। खतरा उसको चाइना से है। अमेरिका से खतरा नहीं है। हिंदुस्तान से खतरा नहीं है। यूरोप से खतरा नहीं है। और इसी को लेकर वो चाहता है कि हिंदुस्तान को स्ट्रांग बनाया जाए ताकि हिंदुस्तान चाइना को चेक कर सके।

 

Ques — तो यहां कहा जा सकता है कि दो महाशक्तियां अपने फायदे के लिए India का साथ चाहती हैं?

Ans —  हर देश को अपना इंटरेस्ट जो है दैट इज द फर्स्ट एंड फॉरमोस्ट। जहां तक ट्रंप का ताल्लुक है ट्रंप ऑलवेज बिलीव्स इन अमेरिका फर्स्ट ऑलवेज एंड एवरी टाइम जैसे की मैंने कहा वो साफ तौर पे चाहते हैं कि 21वीं सेंचुरी में अमेरिका की मिलिट्री डोमिनेंस अमेरिका की इकोनमिक डोमिनेंसस्ट्रेटेजिक डोमिनेंस पिटिकल डोमिनेंस टाइम हो रहा है दुनिया के हर क्षेत्र में और सबसे इंपॉर्टेंट क्षेत्र जो है एक तो लैटिन अमेरिका वगैरह है और दूसरा जो है इंडोपेसिफिक है और साफ तौर पे जानता है कि इंडोपेसिफिक को जो कंट्रोल करेगा 21वीं सेंचुरी में वास्तव में वो दुनिया को कंट्रोल करेगा और वो वो साफ तौर पे जानता है इस इलाके में चाइना को अगर चेकमेट करना है उसकी दादागिरी को चेकमेट करना है और आपको ग्लोबल साउथ ग्लोबल कॉमंस को फ्री रखना है नेविगेशन के लिए और एयर स्पेस की मूवमेंट के लिए तो हिंदुस्तान बहुत ही इंपॉर्टेंट है इसलिए वो हिंदुस्तान के साथ रिश्तेदार इंप्रूव करना चाहता है बढ़ाना चाहते हैं इरिस्पेक्टिव ऑफ़ ट्रंप के टैरिफ या ट्रंप की नाराजगी तो ऊपर से ही है।

Ques — इन दोनों देशों से इंडिया को क्या फायदा होने वाला है? क्योंकि वो इंडिया को स्ट्रांग करना चाह रहे हैं। अपने हित में कर रहे हैं। लेकिन यहां इंडिया को क्या फायदा होगा?

Ans — इंडिया को जबरदस्त फायदा होगा। इंडिया की बहुत बड़ी दुश्मनी है। चाइना के साथ में चाइना पाकिस्तान बांग्लादेश मिलकर हिंदुस्तान को बर्बाद करना चाहते हैं। हिंदुस्तान की इकॉनमी को लोअर करना चाहते हैं। चाइना नहीं चाहता कि हिंदुस्तान जो है एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरे। खास करके वो चाहता है कि एशिया के अंदर तो हिंदुस्तान सबसिएंट रहे। सिर्फ हिंदुस्तान चीन की बातचीत बने। लेकिन हिंदुस्तान साफ तौर पे कह रहा है कि हम एक ग्रोइंग शक्ति है। हमारी ग्रोइंग इनफ्लुएंशियल पावर है। और हम वही करेंगे जो हिंदुस्तान के हित में है। अगर देखो हिंदुस्तान को भी अमेरिका ने अपना स्ट्रेटेजिक लाइफ बनाया हुआ है। रशिया ने भी स्ट्रेटेजिक लाइफ बनाया। दोनों ही देश अपना सब कुछ लेटेस्ट टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करना चाहते हैं। हर प्रकार की मिलिट्री सहायता मिल सकती है। जहां तक रशिया का तो रशिया ने साफ कहा, जो इंडिया चाहेगा वो देने के लिए तैयार है। चाहे वो S400 है S500 है या एक उनकी नई मिसाइल है जिसकी रेंज 200 से 300 कि.मी. है क्योंकि चाइना ने पाकिस्तान को एयर टू एयर मिसाइल दी है। जिसको बीवीआर मिसाइल कहते हैं विज़ोअ रेंज जिसकी 300 कि.मी. रेंज है। हमारे जो सबसे ज्यादा राफेल के साथ है मेट्योर मिसाइल उसकी रेंज 150 कि.मी. है। सो वी आर आउट डिस्टेंस उसको मेकअप करने के लिए रशिया इसी ऑफरिंग द लेटेस्ट मिसाइल जिसकी रेंज तकरीबन 200 से 300 किलोमीटर है। साथ ही साथ रशिया हमको S500 मिसाइल भी देना चाह रहा है। हमको एक लॉन्ग लीज़ पर 10 साल की लीज़ पर न्यूक्लियर सबमरीन भी ऑफर कर रहा है। यानी दूसरेों में फिर एसयू 30 को ऑपरेट करने की  की सहायता सहायता के लिए हर चीज जो हम चाहते हैं वो देने के लिए तैयार है। इसी माफिक अमेरिका ने हमको देखो पिछले कुछ सालों में अनेकों आपको प्रिडेटर डोंस दिए हैं जो दुनिया में सबसे अहम है इंडोपेसिफिक के ऊपर नजर रखने के लिए फिर आपको रोमियो हेलीकॉप्टर दिए जो एंटी सब वारफेयर के लिए दुनिया के सबसे बेहतरीन फिर आपको चक्स हेलीकॉप्टर दिए आपको हरकलीस दिए आपको स्टार फाइट स्टार लिफ्टर दिया है फिर आपको लेटेस्ट हवाई अपाची हेलीकप्टर अटैक हेलीकॉप्टर दिया है और फिर अमेरिका के जितने एसेट्स हैं जैसे कि बताया 100 बेसिस है इंडोपेसिफिक में आप उनको सबको इस्तेमाल कर सकते हो यानी दोनों ही देश अपने अपने हित के लिए अपने अपने फायदे के लिए हिंदुस्तान को वो कर रहे हैं।

 

Ques — अमेरिका के साथ हालात सुधर रहे हैं तो आने वाले समय में जो टैरिफ इंडिया के ऊपर जबरदस्त लगाए गए हैं क्या इसको हटाने की या कम करने की संभावना है?

 

Ans— मुझे तो साफ तौर पर नजर आता है कि ट्रंप को रियलाइज हो चुका है कि ये एक किस्म से बहुत बड़ा स्ट्रेटेजिक ब्लंडर था। लेकिन ट्रंप एक Egoistic है। वो आसानी से अपनी गलती को कबूल नहीं करेगा। लेकिन जब एफटीए साइन हो जाएगा हिंदुस्तान और अमेरिका का ये कब होता है ये तो मैं नहीं जानता। लेकिन वो इंसिस्ट कर रहे हैं कि हिंदुस्तान जो है उनसे डेयरी फार्म की चीजें खरीदे। कुछ एग्रीकल्चर प्रोडक्ट खरीदे। हिंदुस्तान कह रहा है कि हम अपने फार्मर्स की और डेरी फार्मर्स के उनके इंटरेस्ट को कॉम्प्रोमाइज नहीं कर सकते ना ही हम फिशर फिशरमैन के कॉम्प्रोमाइज कर सकते हैं और हमऐसा एफटीए चाहते हैं जो दोनों के लिए फायदेमंद हो दोनों के लिए विनविन हो इसमें टाइम लग सकता है ।

Ques – विपक्ष कहता है कि देश की विदेश नीती कमजोर है पर जब दो महाशक्तियां भारत के साथ हैं तो नीती कमजोर कैसे हो सकती है , आपका क्या मानना है?

Ans – दो देश जो है दो महाशक्तियां है वो इंडिया को अपने साथ जोड़ना चाहती हैं, नॉट ओनली महाशक्तियां पूरा पूरा यूरोप जो हिंदुस्तान के साथ चाहता है। अरब कंट्रीज जो है और जीसीसी कंट्रीज है जो साथ है और ओआईसी कंट्री जो लगभग 57 है 65 मुस्लिम नेशन है और अरब नेशन है जो पाकिस्तान के समर्थ में बात करते थे आज सारे के सारे हिंदुस्तान के साथ में है, दूसरी तरफ चीन ने पैसे के माध्यम से वो नेपाल को उसने खरीद लिया है पैसे के माध्यम से बांग्लादेश को खरीद लिया पैसे से पाकिस्तान को लेकिन इन देशों को भी आहिस्तेआहिस्ते सबको नजर आ रहा है कि वो इनडेटेड उनके डेड ट्रैप में फंस रहे हैं। ये शॉर्ट टर्म डिसएडवांटेज है। लॉन्ग टर्म में वो सारे के सारे को महसूस होगा कि कल बांग्लादेश में अगर साइक्लोन आ जाता है या अर्थक्वेक आ जाता है तो हिंदुस्तान ही है जो उसकी सहायता कर पाएगा। चाइना बड़ी दूर है। पाकिस्तान बड़ी दूर है। हिंदुस्तान विल ऑलवेज बी द फर्स्ट स्पॉटर। बांग्लादेश इकोनमिकली बहुत ज्यादा डिपेंडेंट है हिंदुस्तान पर, वहां गैस हिंदुस्तान से जाती है, एनर्जी हिंदुस्तान से जाती है उसका रॉ मटेरियल जो है टेक्सटाइल इंडस्ट्री हिंदुस्तान से जाता है पानी हिंदुस्तान से जाता है तकरीबन 14 से 15 बड़ी नदियां है जिनका पानी हिंदुस्तान से जाता है हिंदुस्तान उनके खिलाफ वही कर सकता जो हिंदुस्तान पाकिस्तान को कह रहा है कि ब्लड एंड वाटर कैन नॉट फ्लो टुगेदर और बांग्लादेश को सुखा सकते हैं बांग्लादेश में फ्लडिंग कर सकते हैं और हिंदुस्तान साफ तौर पे कह रहा है कि हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे क्योंकि वो उनके लोगों के हित में नहीं है हिंदुस्तान के लोगों के हित में है। फिर अभी जो अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटजी आई है सामने ये हमारे लिए बहुत अच्छी बात है। इंडिया के लिए इसमें किसी प्रकार का कोई शक नहीं। हिंदुस्तान की अहमियत को बड़े पैमाने पर अमेरिका भी समझता है, रशिया भी समझता है और चाइना भी समझता है। लेकिन चाइना उसके बावजूद हिंदुस्तान के ऊपर हावी होना चाहता है।तो यह सब जो हो रहा है देश की मजबूत विदेश नीती के कारण ही है।

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