Anupriya Patel -जुझारू- दबंग नेता -पिता को दिया कंधा
यूं तो अपना दल की सर्वेसर्वा अनुप्रिया पटेल ने पहले उत्तरप्रदेश विधान सभा और बाद में लगातार तीन बार लोक सभा चुनाव जीतकर अपना नाम कद्दावर नेताओं में शामिल कर लिया है, पर अगर कहा जाए कि इसमें उनके व्यक्तिगत काम से ज्यादा उनके स्व०पिता सोनेलाल पटेल की राजनीतिक विरासत का कमाल है तो कोई गलत नहीं होगा
पूर्वी उत्तर प्रदेश में सोनेलाल पटेल एक रसूख वाले बड़े दलित नेता और बहुजन समाज पार्टी के संस्थापकों में से एक थे, जिसका फायदा अनुपिरिया पटेल अभी तक जीत के तौर पर उठा रही हैं , यह बात अलग है कि पार्टी और परिवार दोनों में ही फूट पड़ी हुई है।
अनुप्रिया पटेल राजनीति में नहीं आना चाहती थीं लेकिन उनके पिता सोने लाल पटेल की अचानक मौत के बाद अनुप्रिया पटेल ने राजनीति में कदम रखा और पिता की पार्टी संभाली। सोने लाल पटेल अपने दौर के बड़े नेताओं में शामिल थे। लेकिन मायावती से मतभेद के बाद उन्होंने अपना दल की स्थापना की। जब 28 साल की अनुप्रिया ने राजनीति में कदम रखा तो उन्हें पिता की पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।
अनुप्रिया पटेल नहीं आना चाहती थीं राजनीती में
पिता की अचानक मौत पर अनुप्रिया पटेल राजनीति में आई
सोने लाल पटेल अपने दौर के बड़े नेताओं में शामिल थे।
मायावती से मतभेद के बाद उन्होंने अपना दल की स्थापना की
28 साल की अनुप्रिया को पिता की पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।
साल 2014 में जब मोदी सरकार केंद्र की सत्ता में आईं थीं, तब अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाया गया था। अनुप्रिया पटेल ने साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में वाराणसी से करीबी रोहनिया विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की। वहीं साल 2014 में उनकी पार्टी ने भाजपा से गठबंधन कर लिया। अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से भी सांसद बनीं। जब वह सांसद बनी तो रोहनिया सीट खाली हो गई। उन दिनों अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल पार्टी की कमान संभाल रही थीं। लेकिन आगे चलकर परिवार में तनाव हो गया और पार्टी दो भागों में बंट गई। अनुप्रिया ने साल 2016 में खुद की पार्टी अपना दल (एस) बना ली। साल 2018 में वह इस पार्टी की अध्यक्ष बनीं।
इस समय अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार में तीसरी बार राज्य मंत्री बनाया गया है। इस बार उन्हें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री, रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है.
। अनुपिरिया काफी जूझारू रही हैं और यूपी में यह बात काफी दिनों तक चर्चा में रही थी कि पिता की मौत पर अनुप्रिया और उनकी तीनों बहनों ने अपने पिता सोनेलाल पटेल की अर्थी को कंधा दिया था