BEWARE —बालों को सीधा रखने का craze दे सकता है मौत को दावत

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बालों को सीधा, सुंदर बनाने का फैशन बन सकता है मौत का कारण भी

अपने रूखें , बेजान , गुच्छेदार बालों को चमकदार , सीधे और आकर्षक बनाना कौन नहीं चाहता है। वैसे बालों की सेहत के लिए अच्छा-खान पान, घरेलू नुस्खे भी काफी कारगर साबित होते हैं पर इनको नियमित रूप में अपनाना पड़ता है और इसके लिए किसके पास टाइम नहीं है। हर कोई शार्ट कट तरीका अपनाना चाहता है और सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली बड़ी बड़ी कंपनियां लड़कियों और महिलाओं की इसी चाह को पूरी तरह से भूनाने में लगी हैं और किसी को इस बात की परवाह नहीं कि ये प्रसाधन पार्ट टाइम सुंदरता देने के साथ फुल टाइम गंभीर बीमारी भी दे सकते हैं।

बालों को सीधा, चमकदार बनाने के लिए महिलाओं में बहुत ज्यादा लोकप्रिय है कैरेटिन ट्रीटमेंट , जी हां आज इस ट्रीटमेंट से हर महिला परिचित है चाहे वो वर्किंग वीमन हो या हाउस वाइफ , स्कूल -कालेज में पढ़ने वाली लडकियां या ग्लैमर इंडस्ट्री में काम करने वाली लडकियां। पर आपको यह जानकर डर लगेगा कि इस ट्रीटमेंट का बढ़ता क्रेज ना केवल आपकी किडनी बीमार कर सकता है बलिक किडनी फेल होने से आपकी मौत तक हो सकती है।

दो रिसर्च से पता चला कि क्रीम में मौजूद रसासन किडनी के लिए जहर

 दो रिसर्च से पता चला कि क्रीम में मौजूद रसासन किडनी के लिए जहर

दि न्यू इंडिया जरनल आफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट में बताया गया कि 26 साल की एक महिला की किडनी खराब रहने लगी जब से उसके कैरेटिन ट्रीटमेंट लेने की शुरूआत की और बाद में किडनी फेल होने से उसकी मौत हो गई। उस महिला के खून में डाक्टरों को क्रिटनिन का लेवल बहुत ज्यादा मिला जो बता रहा था कि महिला की किडनी ठीक से काम नहीं कर रही थी।

यह भी देखा गया कि महिला को बालों को सीधा करने के लिए जो क्रीम लगाई गई थी उसमें ग्लाईकोलिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा थी जिसके कारण उसके स्कल जल गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए डाक्टरों ने ग्लाईकोलिक एसिड और किडनी डैमेज में संबंध स्थापित करने के लिए चूहों पर रिसर्च की और रिजल्ट चौकाने वाले थे पता चला कि एसिड त्वचा में एबसोर्ब होकर किडनी तक पहुंच गया और किडनी फेल का कारण बन गया।

वहीं दूसरी तरफ अमेरिकन जरनल आफ किडनी डीजीज में छपी एक स्टडी में भी इसी तरह की बात सामने आई है इसमें बताया गया कि कैरेटिन करवाने वाले 26 मरीजों की जांच में उनकी किडनी में गंभीर समस्या होने की बात सामने आई थी।

कैरेटिन में मौजूद ग्लाईकोलिक एसिड क्यों खतरा

आपको बता दें कि कैरेटिन ट्रूीटमेंट के लिए जो क्रीम इस्तेमाल की जाती है उसमें ग्लाईकोलिक एसिड बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। बालों के साथ ये स्कल में भी लगती है और फिर सिर की त्चचा इस एसिड को एबसोर्ब कर खून में पहुंचकर मेटोबोलाइज होकर एक और खतरनाक एसिड बन जाता है और फिर यह एसिड आक्सलेट नामक पदार्थ में बदल कर सीधा किडनी को नुकसान पहुंचाता है। इन रिसर्च के सामने आने से कैरेटिन ट्रीटमेंट की सेफ्टी पर सवाल खड़े हो गए हैं।

ग्लाईकोलिक एसिड से कईं और बीमारियों का भी खतरा

साथ ही यह ट्रीटमेंट कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का भी कारण बन सकता है। उल्टी , दस्त बुखार, आंखों में जलन कुछ और बीमारियां हैं जो लंबे समय तक इस ट्रीटमेंट को करवाने के बाद देखी जा रही हैं,

कैरेटिन ट्रीटमेंट का बढ़ता इस्तेमाल ——-एकसपर्ट का साफ कहना है कि पहले महिलाएं साल में एक बार कहीं आने जाने के लिए इस ट्रीटमेंट को करवाती थी पर धीरे-धीरे इसे साल में तीन से चार बार करवाना शुरू कर दिया गया है जिससे किडनी पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है। मरीज के खून में क्रीटनिन की मात्रा ज्यादा पाई जाने लगी है जो सीधा किडनी की खराबी की तरफ इशारा करती है।

ग्लाईकोलिक एसिड का इस्तेमाल कईं सौंदर्य प्रसाधनों में

डाक्टरों का कहना कि वैसे तो ये एसिड, तमाम सौंदर्य प्रसाधनों जो हम सुबह शाम इस्तमाल करते हैं होता ही है जैसे त्वचा को साफ रखने वाला, क्लीनर, सीरम और त्वचा को मुलायम रखने वाले तमाम माशचराइजर में होते हैं पर इन सभी में इनकी मात्रा कम होती है। लेकिन बालों को सीधा और चमकदार बनाने वाले कैरेटिन क्रीम में इसकी मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो नुकसान देती है। ये शरीर में कईं तरह के प्रोसेस होने के बाद खून में क्रिएटनिन की मात्रा बढ़ा देती है।

क्या होता है क्रिएटनिन

क्रिएटिनिन एक तरह के वेस्ट पदार्थ है जो मसल्स में ऊर्जा-उत्पादन प्रोसेस के दौरान निकलने वाले वेस्ट बाय-प्रोडक्ट है। हमारी किडनी इन्ही वेस्ट पदार्थ को रक्त से छान कर बाहर निकालती है और मूत्र के जरिए बाहर कर देती हैं। यदि रक्त या मूत्र में क्रिएटिनिन की मात्रा ज्यादा आ रही है तो पता चल जाता है कि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही हैं। कहा जाता है किडनी को खराब करने के लिए यह एक धीमे जहर की तरह काम करता है।

कितना करें कैरेटिन ट्रीटमेंट का इस्तेमाल

कईं डाक्टर तो सीधे तौर पर इसके इस्तेमाल को मना करते हैं पर कईं मानते हैं कि साल में एक बार यदि इसे एकसपर्ट से करवाया जाए और क्रीम को बालों में ही लगाया जाए, स्कल पर लगाने से बचा जाए, साथ ही इस अच्छी जगह से करवाएं, नकली क्रीम और ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है, बहुत सी जगह इस ट्रीटमेंट के कम पैसे लिए जाते हैं तो सावधान रहना चाहिए कही नकली क्रीम या खराब प्रोडक्ट तो इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं।

कैरेटिन ट्रीटमेंट की बजाय बालों को सीधा करने के कईं घरेलू उपाय भी अजमा सकते हैं

नारियल तेल को कैस्टर ऑयल में मिलाकर हल्का गर्म करके बालों में लगाएं और फिर थोडे समय बाद धो लें , बाल सीधे होते हैं यही नहीं कोकोनट मिल्क का स्प्रे बालों में रोजाना लगाना भी फायदेमंद । दो चम्मच नींबू के रस में कोकोनट मिल्‍क मिलाकर एक स्प्रे बोतल में भर लें फिर कंघी से बालों को सीधा करते समय इसका प्रयोग करें ना केवल बाल चमकदार होंगे बलिक सीधे भी होंगे। थोडें ये चावल रात को एक लीटर पानी में भिगो दें, शैंपू करने के बाद इसमें से आधा कटोरी बालों में लगाएं, 5 मिनट छोडकर धो दें , बाल सीधे होने शूरू हो जाते हैं। इस पानी को सप्ताहभर फ्रीज में रख सकते हैं. ऑलिव ऑयल और अंडे का लगातार लगाने से भी बाल सीधे हो जाते हैं

चलिेए अब आपको बताते हैं कि अपने शरीर के एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग किडनी का ध्यान कैसे रखें, आपको कैसे पता चलेगा कि आपका कौन सा शौक या खान-पान आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा रहा है । किडनी जब खराब होती है तो लंबे समय तक इसका पता नहीं चल पाता कुछेक लक्षण आते हैं जो हम मामूली समझकर इगनौर कर देते हैं लेकिन यदि उन लक्षणों पर ध्यान दे दिया जाए तो किडनी डैमेज होने से बच जाती है और डैमेज होने का प्रोससे रिवर्स किया जा सकता है। पर इसके लिए आपको यह जानना जरूरी है कि आपकी किडनी खराब हो रही है, उसके लक्षण पहचाने, टेस्ट के जरिए पता चल जाता है कि किडनी किस हद तक खराब हो चुकी है। साथ ही जानिए किडनी के लिए क्या क्या जरूरी है। और शरीर में बढ़ते क्रिएटिनिन लेवल को कैसे पहचाने।

क्रिएटिनिन लेवल कितना होना चाहिए

आपकी उम्र , वजन और लिंग के हिसाब से खून में इसकी मात्रा तय की जाती पर महिलाओं में इसकी मात्रा 0.59 से 1.04 मिलीग्राम/डीएल यानी 52.2 से 91.9 माइक्रोमोल्स/एल और आदमियों में इसका लेवल 0.74 से 1.35 mg/dL यानी 65.4 से 119.3 माइक्रोमोल्स/एल) तक होना ठीक माना जाता है।

अगर मूत्र और खून में क्रिएटिनिन ज्यादा तो क्या हैं लक्षण

किडनी खराब होने का शुरूआती दौर में पता नहीं चल पाता है क्योंकि लक्षण खुल कर दिखाई नहीं देते पर बीमारी बढ़ने के साथ पांव में सूजन आ जाती है , बहुत ज्यादा थकान रहती है, बार -बार मूत्र आता है या आना बिल्कुल कम हो जाता है। कईं मरीजों में भूख लगनी बंद हो जाती है। बार -बार जी मिचलाता है और शरीर में खुजली भी शुरू हो जाती है।

कुछ लोगों को किडनी का खास ध्यान रखना चाहिए

बीपी और डायबीटीज के मरीजों को किडनी खराब होने का ज्यादा खतरा रहता है, जो व्यकित पानी का कम सेवन करते हैं उन्हें भी सावधान हो जाना चाहिए, बढ़ती उम्र भी किडनी को नुकसान पहुंचाती है। यदि परिवार में किडनी मरीज हैं तो बच्चों को ध्यान रखना चाहिए, उन्हें क्रिएटिनिन टेस्ट कराते रहना चाहिए।

गर्मियों में किडनी पर खासतौर पर ध्यान देने की जरूरत——————खूब पानी पिएं

गर्मियों में किडनी पर खासतौर पर ध्यान देने की जरूरत सबसे पहले गर्मियों में पानी पीना बहुत जरूरी है इससे खून में मौजूद क्रिएटिनिन, मूत्र के जरिए बाहर निकलता रहता है, कम पानी पीने से किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है और जहरीला पदार्थ शरीर के अंदर ही जमा होना शुरू हो जाता है।

नमक का सेवन कम करें

गरमी से पहले ही शरीर में पानी की कमी बन जाती है उपर से यदि खाने में नमक की मात्रा ज्यादा होती है तो बीपी की शिकायत बढ़ती है जो किडनी को नुकसान पहुंचाती है इसलिए यदि फल -सलाद खा रहे हैं तो कोशिश करें ज्यादा नमक ना खाएं। कोशिश करें की दिन में 4-5 ग्राम नमक का ही सेवन करें।

इन फलों का सेवन किडनी के लिए बढिया

कईं गुणों से भरपूर जामुन गर्मी में खूब आता है इसका भरपूर सेवन करें इसके साथ सेब, खट्टे फल अंगूर, संतरा एवोकाडो , नीबू भी किडनी को फायदा पहुंचाते हैं। जूसी फलों का सेवन जैसे तरबूज खीरा भी खाने में शामिल करें। सबजी में लहसुन भी किडनी के लिए अच्छा होता है, साथ ही फूल गोभी में मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए और विटामिन सी होता है जो किडनी के लिए बढ़िया है।

क्रिएटिनिन को शरीर से बाहर निकालने के लिए आयुर्वेदिक कईं तरह के इलाज हैं

आयुर्वेद में कईं ऐसे खान-पान है जो इस गंदे पदार्थ को शरीर से बाहर निकाल कर किडनी को स्वस्थ बनाने में पूरा सहयोग करते हैं।

आंवला

आंवला

दिखने में छोटा सा यह फल खून को साफ करके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में अहम रोल अदा करता है। अकसर देखने में आता है कि खराब किडनी मरीज की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी भी कम कर देती है पर आंवले में मौजूद विटामिन सी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में पूरी मदद करता है। साथ ही किडनी के साथ डायबीटीज के मरीजों के लिए भी आंवला बहुत फायदेमंद है और इसके इस्तेमाल से दोनों बीमारियां एक साथ कंट्रोल की जाती हैं।

हल्दी

नारंगी रंग और पीले रंग में आने वाली हल्दी के नियमित प्रयोग से किडनी के काम करने की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है जो किडनी में आई सूजन को कम कर देते हैं। यही नहीं रोजाना गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से खून में क्रिएटिनिन लेवल को कम किया जा सकता है साथ ही हल्दी एंटीसेप्टिक भी होती है इसलिए शरीर के इंफेक्शन सो लड़ने में पूरी तरह मदद करती है।

खीरा

खीरा

खीरे में बहुत ज्यादा पानी होता है जो शरीर को कूल रखता है, इसमें मौजूद फाइबर और पोषक तत्व गर्मी में किडनी के लिए बहुत फायदेमंद रहते हैं। इसका लगातार सेवन करने से क्रिएटिनिन का वेस्ट मूत्र के रास्ते जल्दी बाहर आता रहता है।

साबुत अनाज

आयुर्वेद में कईं तरह के साबुत अनाज जैसे भूरे चावल , बाजरा, जौ को भी किडनी के लिए अच्छा माना गया है इसमें फाइबर और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं जो किडनी को लाभ पहुचाते हैं।

जड़ी -बूटियां

आयुर्वेद की कईं जड़ी -बूटियां भी किडनी के लिए अच्छी हैं पर इनका सेवन डाक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए क्योंकि हर शरीर में इसको लेने की क्षमता अलग हो सकती है। और ये किसी दवा या इलाज का विकल्प हो सकते हैं या नहीं ये आयुर्वेदिक डाक्टर ही बता सकता है। पुनर्नवा जड़ी -बूटी ना केवल क्रिएटिनिन को बलिक कईं और गंदे पदार्थों को मूत्र से बाहर निकैलने में सहायक होती है इसके अलावा गोक्षुरा जड़ी बूटी किडनी को मजबूत बनाने के साथ इसके काम को सुचारू रूप से करने में मदद करती है.

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