BEWARE wearing high heels- can cause permanent foot pain

ऊंची हील्स— मिल सकता है जिंदगीभर का दर्द

काफी यंग उम्र में आजकर पांवों में दर्द रहना बहुत आम बात हो गई है , पांव के तलवों में दर्द रहता है, एड़ी दुखती हैं, घुटनों में असकर दर्द महसूस होता है, पांव की अंगुलियां भिची-भिची सी महसूस होती हैं, पर आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि इनमें से ज्यादातर का कारण हमारी खराब लाइफ स्टाइल , खाने -पहनने का ढ़ंग हैं।

चिंता की बात ये भी है कि युवा वर्ग अपनी खराब लाइफ स्टाइल , खाने-पीने में सुधार करने की बजाय इसका निदान डाक्टरों के चक्कर लगाकर, सेल्फ मेडीकेशन में ढूंढ रहा है। पर इसी कारण युवाओं में पांव दर्द की समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही समस्याओं , उनसे बचाय, उनके निदान के बारे में जो सिर्फ और सिर्फ हमारी खराब जीवनशैली की देन है।

उंची हील्स की चप्पल पांव दर्द की बड़ी वजह

उंची हील्स की चप्पल पांव दर्द की बड़ी वजह

सबसे पहले बात करते हैं लड़कियों में बहुत ज्यादा लोकप्रिय उंची हील्स की सैंडिल पहनने के बढ़ते क्रेज की। अगर हम कहें कि उंची हीलस की सैंडिल पहनना आजकल हर लड़की की पहली पसंद बनता जा रहा है तो कोई गलत नहीं होगा।

फैशन ऐसा भी चल निकला है कि बहुत से लडके अपनी हाइट बढ़ाने या फैशन के चलते उंची हील्स के जूते पहन रहे हैं। लेकिन कम लोगों को ही इस बात की जानकारी होगी कि उंची हील्स पहनने का ये शौक, ये जूनून आपके पांवों को जिंदगीभर के लिए दे सकता है एक दर्द , जी हां लगातार उंची हील पहनने से ज्यादातर लडकियां बहुत ही कम उम्र में वैरिकोज वेन यानी नसों की बीमारी का शिकार हो रही हैं।

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इस बीमारी का शिकार होने के कईं और प्रमुख कारण हैं जैसे कि लंबे समय तक खड़े रहने से शरीर का पूरा भार पांव पर होता है और नसों को दिल की तरफ खून को प्रवाहित करने के लिए अधिक वेग से काम करना पड़ता है, जिसकी वजह से खून रुकना शुरू हो जाता है। युवाओं में यदि खड़े होकर काम करने के साथ ही यूरीक एसिड की समस्या भी है तो वैरिकोज वेन का खतरा चार गुना बढ़ जाता है।

जबकि महिलाओं में मोटापे को भी नसों में रुकावट की एक बड़ी वजह माना गया है। -प्रसव के बाद प्रत्येक दस में से तीन महिलाओं को वैरिकोज वेन की समस्या होती है।कुछ मामलों में वैरीकोज वेन की वजह जेनेटिक भी होती है ऐसे मरीजों में कम उम्र जैसी 12 से 24 साल की उम्र में ही पैरों में झंझनाहट होना, खुजली और सूजन दिखने लगती है।

इसके क्या लक्षण हैं यह जानना जरूरी है

इसके क्या लक्षण हैं यह जानना जरूरी है

नसों में संकुचन होने के कारण खून दिल की तरफ नहीं जा पाता और पैरों में ही यह गुच्छे के रूप में इकठ्ठा हो जाता है, क्योंकि यह अशुद्ध खून होता है, इसलिए इसके रूकने असर नीलेपन के रूप में नजर आता है। कई बार खून के गुच्छे पैर में जगह-जगह गांठ बनने के रूप में नजर आते हैं तो कभी सूजन और लालिमा भी दिखती है। पांव में लगातार दर्द रहता है।

वैरीकोज वेन के लक्षण को पहचान कर इसका इलाज कराना बहुत जरूरी है नहीं तो कईं बार ये बीमारी बिगड़ जाती है और कईं और गंभीर बीमारियों को जन्म दे देती है। वैरीकोज वेन का इलाज न कराने या सही समय पर पहचान न होने पर यह एडिमा में बदल जाता है, जिसमें त्वचा संबधी संक्रमण होता है। इसकी पहचान त्वचा लाल पड़ना व चकत्ते के रूप में होती है। इसके अलावा डीप वेन थ्रोमबोसिस हो जाता है, पैर में अल्सर बढ़ जाते है और कई बार अल्सर गैंगरीन में बदल जाते हैं।

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इस बीमारी से बचने के लिए रोजाना जिंदगी में कुछ सावधानी बरतनी जरूरी है जैसे कि एक ही दिशा में लंबे समय तक काम करते रहने पर हर पन्द्रह मिनट में दिशा बदलनी चाहिए। -ऑफिस में पांच से छह घंटे नियमित खड़े रहकर काम करना है तो प्रत्येक आधे घंटे में एड़ियों के बल खड़े होकर पैरों को आगे की तरफ झुकाए यह प्रक्रिया दो से तीन बार अपनाएं इससे पैरों की नसों की टोनिंग होती है।

-महिलाएं को विशेष रूप से यदि नियमित हाई हील पहननी पड़ती है तो वह हफ्ते में एक बार पैडिक्योर करा सकती हैं, इस प्रक्रिया से मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह बना रहता है। जबकि गुनगुने पानी में पैर डालकर सिंकाई करने से भी राहत मिल सकती है।रोजाना व्यायाम करे, धूम्रपान से बचें

मोटापा दूसरी बड़ी वजह है पांव में दर्द रहने की

मोटापा दूसरी बड़ी वजह है पांव में दर्द रहने की

मोटापे से आजकर बहुत लोग परेशान रहते हैं और मोटापा किसी एक उम्र के लोगों को परेशान नहीं कर रहा, बच्चे , युवा, बड़ी उम्र के लोग भी अपने मोटे होते शरीर से परेशान पहते हैं। और अगर शरीर का वजन ज्यादा होता है तो जाहिर सी बात हैं कि उसका वजन पांव को ही उठाना पड़ता है। देखा गया है कि लंबे समय तक मोटापा रहने से इसका सीधा असर पांव पर पड़ता है और पांव के तलवों में विशेष तौर पर दर्द रहने लगता है।

गलत तरीके से चलना बढ़ाएं पांव के दर्द को

गलत तरीके से चलना बढ़ाएं पांव के दर्द को

चलने के तरीके पर भी पांव का दर्द निर्भर करता है। बहुत से लोगों की चाल ठीक नहीं होती और ना ही उन्हें पता चल पाता कि उनकी गलत चाल के चलते ही उनके पांव में लगातार दर्द रह रहा है।

ऐसे लोगों की छोटी सी यह परेशानी बहुत बार डाक्टर तक की समझ में नहीं आ पाती है और ये लोग लंबें समय तक अपनी पांव के तलवों में दर्द की समस्या से जूझते रहते हैं। यह भी देखा गया है की पांव के निचले हिस्से की मांसपेशियां कमजोर होने के कारण भी पांव में दर्द रहता है। खाने में कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन की कमी के चलते अकसर ऐसा हो जाता है।

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बहुत बार ज्यादा व्यायाम करने, भागने या फिर लंबे समय तक तंग जूते पहनने की आदत के चलते भी पांव में दर्द बना रहता है। कईं बार देखा गया है कि लोगों के पांव का आकार ही उनके दर्द का कारण बना होता है। उनके पांव की शेप ऐसी होती है जो पांव के निचले हिस्से पर बहुत ज्यादा जोर डालती है और जिस कारण पांव दर्द बना रहता है।

कठोर और फटी त्वचा है वो भी पांव दर्द का कारण बनती है इसलिए पांव की हाइजीन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा मांसपेशियों में सिकड़न आने, बैठने का ढंग खरा होने के चलते भी पांव में दर्द हो जाता है।

प्लांटर फैसीसाइटिस बीमारी भी होती है दर्द का कारण

प्लांटर फैसीसाइटिस बीमारी भी होती है दर्द का कारण

यह दर्द सुबह-सुबह ही महसूस हो जाता है जब आप बिस्तर से नीचे पांव रखे हो तो एडी में भयंकर दर्द होने लगता है और आप चल भी नहीं पाते हो। लगता है जैसे एड़ी टूट जाएगी , अगर इस तरह के लक्षण हैं तो इसे हल्के में मत लीजिए यह मत सोचिए यह दर्द चलने-फिरने से अपने आप कम हो जाएगा ।

यह बड़ी बीमारी के कारण हो सकता है। वैसे इस लक्षण के साथ होने वाले दर्द को प्लांटर फैसीसाइटिस नाम की बीमारी भी माना जाता है। वैसे इस प्रकार के दर्द के कईं कारण हो सकते हैं पर ज्यादातर मामलों में एड़ी का दर्द इसी बीमारी के चलते देखा जाता है, अकसर ये दर्द शुरूआती दौर में थोड़ा चलने के बाद अक्सर कम हो जाता है पर अगर इस समस्या की समय रहते पहचान और इलाज न की जाए तो यह गंभीर रूप भी ले सकता है और दर्द स्थायी रूप से आपको परेशान कर सकता है।

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प्लांटर फैसीसाइटिस बीमारी में प्लांटर फेशिया लिगामेंट, जो आपके पैर की उंगलियों को एड़ी से जोड़ता है, उसमें दर्दनाक रूप से इंफ्लामेशन यानी सूजन आ जाती है और इसके कारण एड़ी के आसपास चुभने वाला दर्द रहने लगता है। जब हम सोते हैं तो एड़ी के क्षेत्र में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है जिससे जागने के बाद यह दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसका समय पर इलाज जरूरी है।

टेंडोनाइटिस होने से भी पांव में दर्द रहता है।

टेंडोनाइटिस होने से भी पांव में दर्द रहता है।

अकिलिस टेंडन टखने के पीछे मौजूद होते हैं जो पिंडली की हड्डी को पैरों से जोड़ता है। इसमें सूजन और अकड़न होने से पांव में दर्द शुरू हो जाता है, बहुत ज्यादा खेलने, शारीरिक काम करने से इस दर्द का खतरा भी बढ़ता जाता है।

पांव में दर्द तो किन बातों का ध्यान रखें

टाइट जूते या चप्पल ना पहने और  नीची  एड़ी  मुलायम तलवे वाली सैंडिल का ही चयन करें। दर्द परेशान कर रहा है तो अपने जूतों में मुलायम इनसोल या पैड का उपयोग कर सकते हैं। अपना वजन कम करने का पूरा प्रयास करें ये पांव दर्द का एक प्रमुख कारण है। डाक्टर की सलाह पर दर्द निवारक दवाओं का सेवन कर सकते हैं।यदि किसी खेल को खेलते समय या व्यायाम करते समय पांव में दर्द बढ़ रहा है तो उसे मत करें। 

कईं घरेलू नुस्खे होते हैं फायदेमंद

कईं घरेलू नुस्खे होते हैं फायदेमंद

आराम करें और जब संभव हो तो अपना पैर उठाएं, दर्द वाली जगह पर 20 मिनट बर्फ का पैड रखें , इसे हर 2 से 3 घंटे में दोहरा सकते है, मालिश से आराम मिल रहा है तो किसी एकसपर्ट से ही मालिश करवाएं, कईं बार गलत मालिश दर्द कम करने की बजाय बढ़ा देती है।

अरंडी का तेल मालिश के लिेए अच्छा माना जाता है। अंग्रेज़ी में कैस्टर ऑयल के नाम से जाना जाता है। तेल नहीं तो आरंडी के पत्तों को कढ़ाई में हल्का फ्राई कर इसमें नमक डाल लें। फ्राई करने के बाद थोड़ी देर ठंडा कर लें और पेस्ट बनाकर लगाएं , आराम मिलेगा।किसी भी तरह की चोट लगने पर सबसे पहले घर वाले दूध में हल्दी मिलाकर देते हैं।

यह नुस्खा काफी हद तक असरदार भी होता है। लेकिन हल्दी का इस्तेमाल अलग तरह से पैर में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए भी कर सकते हैं। अगर आपके पैरों में दर्द है तो आप हल्दी को गर्म नारियल तेल में मिला लीजिए। पेस्ट तैयार करने के बाद इसे दर्द वाली जगह पर लगाएं और कपड़ा बांध लें।

हर चीज के लिए बहुत फायदेमंद सबजी है पर कम ही लोगों को पता होगा कि इसके पते भी दर्द निवारक औषधी की तरह काम करते हैं। इसके लिए करेले को पत्ते को बहुत बारीक पीसकर एक पेस्ट बना लें और फिर उसे किसी साफ कपड़े में लपेट कर दर्द वाली जगह पर बांध लें आपको कुछ ही देर में राहत मिलेगी। ये पेस्ट आप एकसाथ तैयार कर लें और फ्रीज में रखकर रोज इसका इस्तेमाल करें।

नमक का पानी एक और बहुत बढिया उपचार है दर्द से राहत पाने का। लेकिन दर्द ज्यादा तेज नहीं तभी ये फायदा दे सकता है। पानी उबाल कर उसमें नमक मिलाएं और पांव डुबा कर थोड़ी देर बैठे बहुत राहत महसूस करेंगे।

आजकर डाक्टर बर्फ की सिकाई करने पर भी जोर देते हैं । बाजारों में आइस पैक उपलब्घ हैं, उन्हें फ्रीजर में रखिए और जब पांव में दर्द हो उसे लगाएं। बर्फ के टुकड़ों की पोटली बनाकर भी सिकाई कर सकते हैं।

पांव में दर्द तो खाने-पीने में क्या शामिल करें

पांव में दर्द तो खाने-पीने में क्या शामिल करें

साबुत अनाज का लगातार सेवन, मसूर की दाल, सेम , फल नट्स और मछली सेवन का दर्द में अच्छा माना गया है। ध्यान रहे आपके शरीर में विटामिन की कमी ना हो यह भी दर्द बढाते हैं। जैसे की मैग्नीशियन बहुत ज़रूरी है। आपको आश्चर्य होगा कि शरीर की 300 से ज़्यादा बायोकेमिकल क्रियाओं में मैग्नीशियम का इस्तेमाल होता है, इसके अलावा शरीर में विटामिन डी की कमी भी जोड़ों- मांसपेशियों में दर्द का बड़ा कारण बन जाती है।

शरीर में आयरन, विटामिन-बी12, पोषक तत्वों की कमी भी पांव दर्द का कारण है। दूध, दही, पालक, सेव, अनार, चुकंदर को नियमित रूप से भोजन में शामिल करें। मेथी बहुत फायदेमंद मानी जाती है दर्द में, रात को एक ग्लास पानी में एक चम्चम मेथी भिगो दें और सुबह पिए।

डाक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए

यदि पांव के निचले हिस्से में दर्द लगातार बना हुआ है, दर्द बढ़ता ही जा रहा है और बार-बार हो रहा है, आपको काम करने में परेशानी आ रही है तो डाक्टर के पास जाना जरूरी है। तमाम घरेलू उपचार आजमाने के बाद भी दर्द में कोई सुधार महसूस नहीं , पैर में लगातार झुनझुनाहट हो रही है या संवेदना की कमी लग रही है तो खतरे की घंटी है। यदि आपको डायबीटीज है और पांव बार बार सुन्न पड़ रहे हैं तो डाक्टर की सलाह जरूर लें।

बढ़ती उम्र- कई बीमारियों भी पांव दर्द का कारण

बढ़ती उम्र- कई बीमारियों भी पांव दर्द का कारण

इसके अलावा पांव दर्द की कुछ बीमारियां बढ़ती उम्र और कई प्रकार की बीमारियों से होती है जैसे की गठिया यानी अर्थराइटिस बड़ी समस्या है पांव दर्द और जोड़ों के दर्द की , इसमें पांव की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, उसमें टूटफूट होती है, साथ ही जोड़ों में सूजन आने से दर्द बन जाता है।साइटिका -इसमें हड्डियों के किनारे वाली कुछ हड्डियां साइटिका नसों पर दबाव डालती हैं जिससे कमर से लेकर पांवों तक दर्द चला जाता है।

दर्द के साथ पांव में झनझनाहट, सुन्नपन की शिकायत रहती है। टेंडोनाइटिस —इसमें उसमें मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ने वाले टुशुओं में सूजन आती है और पांव हाथ में दर्द रहती है। इसके अलावा जब पांव की नसों में थक्के बन जाते हैं तो भी पांव में दर्द रहना शुरू हो जाता है।

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