पार्टी के अंदर ही मची अंदरूनी कलह
बिहार के दो प्रमुख दलों के नेता आजकल पार्टी के अंदर ही मची अंदरूनी कलह से परेशानी में हैं, बिहार में चुनाव सर पर हैं ऐसे में दोनों ही पार्टी प्रमुखों के लिए यह कलह बड़ी सिरदर्द बन गई है । एक तरफ उन्हें चुनावी रणनीती तैयार करनी है, विपक्ष को हराने की योजनाएं बनानी हैं पर दूसरी तरफ इनका ज्यादातर समय पार्टी के अंदर की कलह को सुलझाने में वेस्ट हो रहा है , और साथ ही विपक्षी दलों को इन्हें घेरने का भी पूरा मौका मिल रहा है। जी हां हम यहां बात कर रहे हैं बिहार के दो प्रमुख दल जेडीयू और RJD की। इन दलों के भीतर हो रही उठा-पठक से एक तरफ ना केवल नीतीश कुमार परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ लालू यादव और तेजस्वी यादव की भी रातों की नींद गायब हो चुकी है।
JDU में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर नीतीश परेशान
सबसे पहले बात करते हैं JDU में चल रही तनातनी की। पार्टी में नीतीश के बाद कौन, इसको लेकर वर्चस्व की जंग शुरू हो गई है। चर्चाएं तो जेडीयू में कई गुट बनने की हैं पर मुख्य टकराव राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा के बीच शुरू हो चुका है। जब से नीतीश ने संजय झा को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है उनके अंदर नीतीश के बाद पार्टी में नंबर दो होने का मुगलता पनप गया है। वैसे संजय झा के महत्व को समझा जा सकता है क्योंकि वह आरएसएस से हैं और जेडीयू और भाजपा के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी भी हैं। माना जाता है कि विपक्षी गठबंधन से नीतीश को वापसी एनडीए में लाने में संजय झा की खास भूमिका रही है। अब हाल ही में उन्होंने , नीतीश की सलाह पर आईएएस की नौकरी छोड़ कर जेडीयू में आए मनीष वर्मा को डाउन करने के लिए एक आदेश जारी कर दिया। इसमें नीतीश कुमार की ओर से उन्हें जिलों में कार्यकर्ता समागम का दायित्व सौंपने के काम को स्थगित कर दिया गया । अब जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा जो नीतीश के बाद दूसरे नंबर का पावर सेंटर माने जाते हैं उनमें और संजय झा में जबरदस्त तनातनी शुरू हो गई है जिससे नीतीश बहुत परेशान हैं। वैसे चर्चाओं का बाजार गर्म है कि ठीक पांच साल पहले भी नीतीश ने इसी तरह की स्थिति पर कड़ा निर्णय ले लिया था। जीं हां उस समय जेडीयू के दो कद्दावर नेताओं आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर में जबरदस्त गुत्थमगुत्था हो गई थी , नीतीश ने दोनों को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया था। देखना है कि क्या इस बार भी नीतीश कोई कड़ा कदम उठाएंगे।
RJD में परिवार के सदस्य ने ही नाको चने चबवाए
अब बात करते हैं RJD कैंप की। लालू यादव के घर में भी वर्चस्व’ की लड़ाई तेज हो गई है और चुनौती देने वाले कोई और नहीं लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप हैं जो अपने तेवर और अंदाज से कईं बार परेशानी पैदा कर देते हैं। अब फिर इस बार तेज प्रताप ने एक और मुसीबत खड़ी कर दी है। महुआ से चुनाव लड़ने का ऐलान कर उन्होंने तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ा दी है। तेजप्रताप आरजेडी में अपना अलग वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं और इस कारण वो कईं बड़े कारनामे कर चुके हैं। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से उलझ चुके हैं। यहां तक की लालू को हस्तक्षेप कर नाराज जगदानंद को मनाना पड़ा। अब तेज प्रताप ने बिना किसी की सलाह लिए अपनी हसनपुर सीट छोड़ कर महुआ की पुरानी सीट से अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। महुआ से आरजेडी के टिकट पर मुकेश रोशन अभी विधायक हैं। वैसे तेज प्रताप यादव महुआ से पहले भी विधायक रहे हैं। हाल ही में उन्होंने साफ कह दिया कि वो अगला चुनाव महुआ से ही लड़ना पसंद करेंगे। तेज प्रताप के इस ऐलान से मुकेश रोशन को इतनी पीड़ा पहुंची कि वे कैमरे के सामने ही रोने लगे। इसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है। मुकेश रोते हुए कह रहे हैं कि लालू का बेटा होने के कारण वह कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं।