Bihar क्या चिराग पासवान तोड़ना चाहते हैं NDA गठबंधन

बिहार की जनता शायद ही यह बात भूली होगी कि कल तक चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच 36 का आंकड़ा था, कोई दिन ऐसा नहीं जाता था जब चिराग पासवान मुख्यमंत्री से गद्दी छोड़ने को नहीं कहा हो, लेकिन समय बदला चिराग पासवान एनडीए में आए और फिर से नीतीश से दोस्ती कर ली, अब भई राजनीती में ऐसा ही होता है पर हाल फिलहाल में चिराग ने एक बार फिर बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं खासतौर पर कुछ सीटों को लेकर उनके और नीतीश के बीत जबरदस्त तनातनी चल रही है और ये तकरार अब खुलकर सामने आ गई है। कहा जा रहा है कि चिराग पासवान के कारण एनडीए में सहयोग -तालमेल की कैमिस्ट्री खत्म हो रही है। यही नहीं पता यह भी चला है कि हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी के कारण ही एनडीए को अपनी साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करनी पड़ी , वहीं दूसरी तरफ उपेन्द्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी भी चिराग पासवान को अधिक तवज्जो दिये जाने काफी नाराज लग रहे हैं। यह बात अलग है कि कोई खुल कर नहीं बोल रहा पर दबे स्वर में चर्चाएं चल रही हैं कि पहले भी तो चिराग के बिना ही जीत हासिल की थी अब उसके नखरे क्यों सहन किए जा रहे हैं, पता चला है कि चिराग पासवान ने jdu की चार सीटिंग सीटों पर बिना समन्वय बनाये उम्मीदवार भी तय कर दिये हैं। इससे नीतीश काफी भड़के हुए हैं , अब देखना यही है कि इस भड़कती आग पर चाणक्य कैसे पानी डालते हैं।
BJP -JDU नया दल ला रहा अशांति

बिहार में कुछ ही समय बाद दो बड़े गठबंधनों में सीटों को लेकर चल रही नेताओं की नाराजगी, खुशी बाहर आ जाएगी, उपर से सब बोल रहे हैं सब ठीक है पर अंदर ही अंदर दोनों ही गठबंधनों में अंदरूनी कलह चल रही है पहले बात करते हैं एनडीए कि जहां सीटों का बंटवारा हो चुका है और कहा जा रहा कि सब खुश हैं पर पता चला है कि ‘हम’ यानी मांझी और चिराग पासवान की पार्टी में सीटों को लेकर कुछ असंतोष है। यहीं नहीं jdu ने भी चिराग पासवान को दी गई कुछ सीटों पर आपत्ति जताई है। इससे भी अहम है कि एनडीए को विपक्षी खेमे के एक दल का अपने यहां आने का इंतजार है जाहिर सी बात है उसके आने पर सीटों का बंटवारा एक बार फिर से होगा और तब जिस भी दल की सीटे कटेंगी वहां बगावत हो सकती है, वैसे यह भी पता चला है कि jdu ने अपनी सीटों की संख्या कम करने से साफ मना कर दिया है, अब देखना यही है कि किसकी सीटे कम होती है और बीजेपी आलाकमान उस दल को कैसे मनाते हैं, दूसरी तरफ महागठबंधन में और भी बुरा हाल चल है , यहां सीट बंटवारा हुआ ही नहीं और भाकपा-माले ने अपने आठ मौजूदा विधायकों को नामांकन के लिए सिंबल जारी कर दिए हैं। यही नहीं झारखंड़ मुक्ति मोर्चा ने महागठबंधन को अपने कड़े तेवर दिखा दिए हैं और साफ कह दिया कि सीट बंटवारे पर जल्दी और ठोस फैसला होना चाहिए यदि ऐसा नहीं होता तो पार्टी अपनी रणनीति बना लेगी।
Bihar दो दोस्तों की दोस्ती पर अंदर से बनी हुई पूरी दूरी

चर्चाएं चल रही हैं कि तेजस्वी का समय ठीक नहीं चल रहा, एक तरफ चुनाव से पहले जेल जाने का खतरा मंडराना शुरू हो गया है और दूसरी तरफ उनके भाई तेजप्रताप की हरकते उन्हें परेशान कर रही हैं अब जैसे ही तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव को अपने एक्स एकाउंट पर अनफॉलो कर दिया है, हवा बह निकली कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार में तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है।यही नहीं तेजप्रताप ने अपनी दो बहनों मीसा और हेमा को भी अनफॉलो कर दिया जिससे यह भी पता चलता है कि तेज प्रताप की नाराजगी अपने पूरे परिवार से ही है क्योंकि कोई उनके साथ खड़ा नहीं दिखा। उन्होंने अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल बना ली है और वो और 13 अक्टूबर को उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। वहीं दबे स्वरों में यह भी चर्चा चल निकली है कि तेजस्वी के कोर्ट केस में फंसे रहने के कारण ही कांग्रेस का एक बड़ा खेमा उनके cm पद की दावेदारी को नकारता आया है जिसमें खुद राहुल गांधी भी शामिल हैं, याद करें अभी तक किसी भी मौके पर राहुल गांधी ने तेजस्वी के नाम पर मुख्यमंत्री होने की मोहर नहीं लगाई है जबकि लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और उनसो लगातार इस बारे में पूछा भी जाता है पर उन्होंने कभी इसका सीधा जवाब नहीं दिया।
