बिहार की राजनीति में रोजाना कोई ना कोई नया शगुफा सामने आ रहा है और उसके जरिए नेता  दूसरी पार्टी से जुड़े वोटर्स को अपनी तरफ लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और यह होना भी है क्योंकि बिहार में चुनाव धीरे धीरे पास आ रहे हैं। अब चिराग पासवान के वोट बैंक यानी पासी समुदाय को लुभाने के लिए एक नया वादा , नया शगुफा छोड़ दिया है , जी हां तेजस्वी ने कहा है कि अगर वो सत्ता में आएंगे तो  ताड़ी पर लगा प्रतिबंध हटा दिया जाएगा तेजस्वी ने ताड़ी व्यवसाय को शराबबंदी कानून से अलग करको उसे  एक उद्योग का दर्जा देने की बात कही है और उसके साथ ही चर्चाओं  का बाजार गर्म हो गया कि इससे कहीं ना कहीं चिराग के घर में  सेंधमारी की तैयारी हो रही है। दरअसल माना जा रहा है कि  तेजस्वी यादव की नजर चिराग पासवान के उस 7 प्रतिशत वोट पर है जिसकी बदौलत वह   लोकसभा की  पांच सीटें हासिल करने में सफल रहे थे। इसी पासी समुदाय को rjd तोड़ने की कोशिश कर रहा है, पर इसको लेकर भी संदेह है कि क्या तेजस्वी अपने वादों के जरिए इस समाज को तोड़ पाएंगे क्योंकि इससे पहले भी जब नीतीश कुमार ने शराबबंदी की और  ताड़ी पर प्रतिबंध लगाया था। तब भी पासी समुदाय से rjd सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने वादा किया था कि जब वो सरकार बनाएंगे तो  यह प्रतिबंध हट जाएगा, पर कहते है ना कि जनता बहुत समझदार है उसे पता चल जाता है कि नेताओं के वादे और हकीकत में कितना फर्क है , पहले लालू और अब तेजस्वी बिहार की गद्दी के लिए तरस रहे हैं।

Rahul Gandhi की जुबान के खिलाफ क्यों हैं ये नेता

कांग्रेस के बारे में उसके ही कईं बड़े कद्दावर नेता कहते हैं कि पार्टी में किसका नेतृत्व है, किसकी चलती है कोई पता नहीं, राहुल अलग बोलते हैं, प्रिंयका अलग राह पर चलती हैं और खरगे की कोई सुनता नहीं है और बहुत से  नेता कब पार्टी से अलग लाइन लेकर बोलना शुरू कर देते हैं  पता ही नहीं रहता और यही बात पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद खुलकर सामने आ गई, जहां कांग्रेस पार्टी ने खुलकर इसकी निंदा की और सरकार के साथ खड़े रहने की बात कही, यहां तक की राहुल गांधी ने भी कह दिया कि सरकार जो भी कदम उठाती है कांग्रेस उसका पूरा समर्थन करेगी, लेकिन काग्रेस के ही कई नेता खुलकर अपनी पार्टी और राहुल की लाइन से हटकर  शर्मनाक बयानबाजी कर रहे हैं ।  कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने तो यह तक कह दिया की  आतंकियों के पास इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर मारे, मतलब साफ है जिनके सामने उनके अपनों को धर्म पूछकर मार दिया गया,  विजय साहिब  कह रहे हैं कि वो ही झूठ बोल रहे हैं। यही नहीं उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बोलने की बजाय अपनी सरकार के उपर ही  सुरक्षा  व्यवस्था ना कर पाने के कारण आतंकी घटना की  जिम्मेदारी लेने की बात कह डाली। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे साहिब ने भी सुरक्षा चूक की बात कही थी। अजब हाल है आज जब दुश्मन से निपटने के लिए देश को सरकार को विपक्ष की जरूरत है तो विपक्ष के कुछ नेता बेलगाम घोडे की तरह अपना ही राग अलाप रहे हैं, कांग्रेस के साथ राहुल को भी ध्यान देना चाहिए।

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