बिहार में पिछले कुछ समय से बीजेपी नेता हैरान -परेशान दिख रहे हैं, कारण है jdu मुखिया और मुख्यमंत्री का बीमार होना, अब नीतीश बीमार क्या पड़े हैं राज्य में राजनीती को लेकर नई नई कहानियां सामने आने लगी हैं और इससे सबसे ज्यादा चिंता बीजेपी खेमे में हैं क्योंकि बिहार में जल्द चुनाव होने वाले हैं और नीतीश बीजेपी के लिए तुरूप का इक्का ही है जो आजकल ठंड़ा होकर घर बैठा हुआ है और सबसे अहम नीतीश के बाहर ना दिखने से कांग्रेस और rjd इसे खुलकर nda में टूट बताकर मजे ले रहे हैं। दरअसल आपको बता दें कि बिहार की राजनीती कैसे गरमाई। बीमारी का हवाला देते हुए नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस और कर्पूरी जयंती जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लिया और इसी वजह से एनडीए में खटपट की अफवाहें और ज्यादा फैल रही हैं। अब जब नीतीश चुनाव प्रचार से दूर हैं तो संभावना यही वयक्त की जा रही है कि एनडीए में बिखराव हो सकता है।क्योंकि नीतीश की बीमारी लंबी चली तो एनडीए के छोटे छोटे दल जो अपने को बड़ा और कद्दावर चेहरा दिखाने की कोशिशों में लगे रहते हैं उनको भी मौका मिलेगा इन्होंने पहले से ही डिमांड का पहाड़ खड़ा कर रखा है। और दूसरी तरफ jdu में कोई सेकंड लाइनर नहीं होने के कारण पार्टी में विभाजन भी हो सकता है।जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा बीजेपी को ही उठाना पड़ेगा।

महाकुंभ में चाणक्य की डुबकी क्यों बनी विवाद का कारण


राजनीती इतनी गंदी होती जा रही है कि चाहे आस्था हो चाहे हादसा हो या किसी की मौत भी हो गई हो , नेतागण उसमें भी अपनी राजनीती की रोटियां सेकने से बाज नहीं आते हैं। अब महाकुंभ की बात ही ले लीजिए , 144 साल बाद आने वाले इस महाकुंभ में नहाने का लोगों में इतना क्रेज, इतनी आस्था है जो पहले शायद ही कभी देखने को मिलेगी पर कुछ नेता इसपर भी टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहे हैं, कांग्रेस अधयक्ष मल्लिकारजुन खरगे पहले भी कईं बार कई विषयों पर विवादास्पद टिपणियां देकर चर्चा में आ चुके हैं और महाकुंभ को लेकर उन्होने जो टिप्पणी की है उससे बीजेपी में तो क्या आम जनता के बीच भी वह बहुत ट्रोल हो रहे हैं और निंदा हो रही है। दरअसल हाल ही में अमित शाह के महाकुंभ स्नान पर खरगे ने तंज कसा था कि क्या डुबकी लगाने से लोगों को रोजगार मिलेगा, गरीबी मिट जाएगी, यही नहीं खरगे ने यह तक कह दिया की भाजपा नेता जब तक डुबकी लगाते रहे जब तक कि यह कैमरे पर अच्छा shot ना आ जाए। बस इस बयाने के बाद खरगे की जबरदस्त निंदा हो रही है भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि महाकुंभ हजारों वर्षों से सनातन आस्था का प्रतीक रहा है और क्या खरगे, राहुल और सोनिया गांधी किसी और धर्मों के विरुद्ध ऐसी टिप्पणियां कर सकते हैं, पात्रा ने यह तक कह दिया कि क्या आप पूछ सकते हैं कि क्या इफ्तार पार्टी में हिस्सा लेने से गरीबी मिट जाएगी।

कमाल सबसे ईमानदार पार्टी ने सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं


दिल्ली चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में हर पार्टी की कोशिश है कि विपक्षी दल की कुछ ना कुछ ऐसी खामी हाथ लग जाए जिससे उसे जनता के बीच डाउन किया जा सके और वोट कटने से बचें । और अब आम आदमी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस और बीजेपी को एक ऐसा ही हथियार मिल गया है जिसको लेकर दोनों ही पार्टी के नेता आप को पूरी तरह से घेरने की तैयारी में जुट गए हैं । दरअसल स्वयंसेवी संस्था एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने एक रिपोर्ट जारी की है और बताया है कि आम आदमी पार्टी ने सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं उसके 70 में से 44 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। यही नहीं और भी ज्यादा चौकान वाली बात ये हैं कि गंभीर आपराधों की श्रेणी में आने वाले 29 उम्मीदवार भी आम आदमी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। यानी जो पार्टी अपने आप को सबसे ज्यादा ईमानदार होने का दम भरते नहीं थकती उसी पार्टी के लगभग 63 फीसदी उम्मीदवार किसी ना किसी अपराध में लिप्त पाए गए थे। बस इसी बात पर congress और bjp दोनों ने ही आप के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोल दिया है।

कुल उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवार अरबपती हैं

वैसे एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली की 70 सीटों पर अलग अलग दलों से खड़े हुए 699 उम्मीदवारों के बारे में और भी कईं दिलचस्प जानकारी पेश की हैं। जैसे की इस बार चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवारों में से 5 अरबपतियों की श्रेणी में शामिल हैं और इनमें से भाजपा के तीन उम्मीदवार अरबपति हैं। वहीं, कांग्रेस और आप का एक प्रत्याशी अरबपति की लिस्ट में हैं। भाजपा के सबसे ज्यादा (12 फीसदी उम्मीदवारों के पास 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपति है। जबकि कांग्रेस के 7 और आम आदमी पार्टी के 6 उम्मीदवारों के पास 50 करोड़ की संपति है।

324 उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव सिर्फ 5वीं से 12वीं क्लास तक ही पढ़े

और सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात ये हैं कि डिजिटल दुनिया और २१ वी सदी में पहुंचकर भी चुनाव लड़ रहे 324 प्रत्याशि 5वीं से 12वीं क्लास तक ही पढ़े हुए हैं, अब ऐसे लोग यदि दिल्ली की सत्ता संभलते हैं तो बस दिल्ली का क्या हाल हो सकता है बताने की जरूरत नहीं है। बीच घोषित की है। इसके अलावा 322 ने खुद को ग्रैजुएट या इससे ज्यादा पढ़ा-लिखा घोषित किया है। इसके अलावा 18 उम्मीदवारों ने खुद को डिप्लोमाधारक बताया है। कुल 29 प्रत्याशियों ने खुद को असाक्षर बताया है। इसके अलावा 6 उम्मीदवारों ने अपने को सिर्फ साक्षर लिखा है।

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