गर्मी से दम तोड़ते पक्षी - पक्षियों को गर्मी से बचाने के लिए क्या क्या कर सकते हैं

अपनी बालकनी -छत या किसी खुले स्थान पर यदि आप पक्षियों के पीने के लिए पानी भरकर रखते हैं तो यकीन जानिए गर्मी के कारण दम तोड़ते हजारों पक्षियों की जिंदगी बचाने का काम करेंगे। जी हां जहां भयंकर गर्मी , लू के चलते – पारा 48-49 डिग्री तक पहुंच कर लोगों की बीमारियों का कारण बन रहा है, उनकी मौत का कारण बन रहा है , वहीं इस गर्मी से बहुत से पक्षी बीमार पड़ रहे हैं , उनकी मौत हो रही है।और ऐसे में सिर्फ दो मिनट का समय निकाल कर यदि आप रोजाना पक्षियों के पीने के लिए पानी रखते हैं तो कितना अच्छा रहेगा।

गर्मी से दम तोड़ते पक्षी

गर्मी से दम तोड़ते पक्षी

पिछले कुछ समय से कुछ खबरे ऐसी आ रही हैं जो मन को विचलित कर रही हैं। देश के अलग -अलग भागों में गर्मी से दम तोड़ते चमगादड़, कबूतर, चिडियां रोजाना खबरों में आ रही हैं। हाल ही में रतलाम, विदिशा सहित कई जगहों पर चमगादड़ों के मृत पाए जाने की खबरे सामने आई । फिर उसके बाद पन्ना में गर्मी से ब़ड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार चमगादड़ों का मृत शरीर पेडों पर लटका मिल रहा है। झारखंड के गढ़वा में भी इसी तरह की खबरें आई कि सैकड़ों चमगादड़ गर्मी के कारण मौत का शिकार हो गए

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पक्षियों को गर्मी से बचाने के लिए क्या क्या कर सकते हैं

पक्षियों को गर्मी से बचाने के लिए क्या क्या कर सकते हैं

एक्सपर्ट बताते हैं कि नमक और एनर्जी पक्षियों की किडनी के फंक्शन के लिए जरूरी है। खनिज-लवण युक्त पानी से ही इसकी पूर्ति होती है, ऐसे में पानी के बर्तन में गुड डालकर पक्षियों को और एनर्जी दी जा सकती है। कोशिश करें कि गर्मी में अपने घरों के बाहर, छतों पर पानी के बर्तन रखें और साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि अपनी छतों पर पक्षियों के लिए थोड़ी बहुत छाया की व्यवस्था करे दें।

बने बनाए पक्षियों के घोसलों को छतों पर टांक दे, इसमें पक्षी गर्मी में आकर ठहर सकते हैं। गर्मियों में कीड़े मकोड़े मर जाते हैं, पेड़ सूख जाते हैं , पानी बहुत जल्दी उड़ जाता है जिससे पक्षियों को अपना खाना-पानी मिलने में बहुत मुशिकल होती है और वो भूख-प्यास से दम तोड़ देते हैं, पक्षियों के लिए चना, चावल, ज्वार, गेंहूं या बची हुई रोटी आदि छत पर डाल सकते हैं।एक्सपर्ट बताते हैं कि पक्षियों के शरीर में पहले से ही बहुत ज्यादा गर्मी रहती है, ऐसे में जबरदस्त गर्मी, उपर से खाने -पीने की कमी उनकी मौत का कारण बन जाती है।

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पेड़ कटने से भी पक्षियों की आबादी कम हो रही है

पेड़ कटने से भी पक्षियों की आबादी कम हो रही है

बढ़ते शहरीकरण के चलते जंगल कट रहे हैं, बड़े-बड़े छायादार पेड़ कम हो रहे हैं , पक्षियों को घर बसाने, रहने की जगह नहीं मिल पा रही है और उनकी आबादी कम हो रही है। एकसपर्ट के मुताबिक मार्च और अप्रैल का महीना पक्षियों के परिवार को बढ़ाने का महीना होता है , पर पेड़ कटने और रहने की जगह ना मिलने से बेजुबान पक्षि प्रजनन भी नहीं कर पाते हैं।

30 फीसदी कम हो गई है पक्षियों की आबादी

कईं कारणों के चलते पक्षियों की आबादी लगातार कम हो रही है। एक रिसर्च में पता चला है कि 1970 के बाद से उत्तरी अमेरिकी पक्षियों की आबादी में लगभग 30% की गिरावट आई है। यानी लगभग तीन अरब पक्षी गायब हो गए हैं। मतलब जंगलों के कटने, हरियाली कम होने, घरों से पेड़ पौधें गायब होने से एक इंसान के जीवनकाल से भी कम समय में ये पक्षी गायब हो गए हैं।

भयंकर गर्मी प्रजनन क्षमता को कम कर रही है

आपको यह जानकर आशचर्य होगा कि दुनियाभर में बढ़ती गर्मी ना केवल हमारी हेल्थ, हमारी फसलों हमारे पर्यावरण पर बुरा असर डाल रही है बलिक हाल ही में यूएस की एलए और मिशिगन यूनिवर्सिटी की ओर से की गई एक स्टडी में पता चला है कि इससे पक्षियों की प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ रहा है। रिसर्च में बताया गाया है कि बसंत रितु के दौरान पक्षियों का सबसे ज्यादा प्रजनन समय होता है और इस दौरान तामपान बढ़ने से उनकी प्रजनन क्षमता कम हो रही है।रिसर्च में बताया गया है कि यदि पक्षी बहुत देर से या बहुत जल्दी प्रजनन शुरू करते हैं तो उनमें अंडा देने की क्षमता कम हो जाती है ।

जैसे कि तापमान बढ़ने से बसंत रितु लगभग 25 दिन पहले आने लगी है जिससे पक्षियों का प्रजनन 6…7 दिन पहले होना शुरू हो गया है और इसी कारण उनके अंडा देने की क्षमता भी कम हो रही है। रिसर्च में पता चला कि गाने वाले पक्षियों जैसे कोयल, पपीहा, बुलबुल के साथ और बहुत से गाने वाले पक्षियों की प्रजनन क्षमता 12 प्रतिशत तक कम हो गई है।

चलते चलते आपको बता दें कि शतुर्गमुर्ग एक ऐसा पक्षी जिसको सबसे ज्यादा गर्मी लगती है।एक्सपर्ट बताते हैं कि गर्मी के मौसम में पक्षी अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए हांफना शूरू कर देते हैं । इससे इनमें निर्जलीकरण और तनाव पैदा हो सकता है, जो पक्षियों को कमजोर कर देता है और वो जल्दी मर भी जाते हैं और उनका आसानी से शिकार किया जा सकता है।

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