भारतीय जनता पार्टी महिला नेता को आगे कर सकती है

भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में चुनाव का बिगुल बजा दिया लगता है , लेकिन महत्त्वपूर्ण बात यह है कि क्या दिल्ली में इस बार भारतीय जनता पार्टी किसी महिला नेता को आगे कर सकती है और अगर नाम ना भी अनाउंस करे तो किसी एक महिला नेता पर दांव लगा सकती है। अभी भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को एक 23 सदस्य कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई है चुनाव को लेकर।

छह सांसदों का टिकट काटना एक बड़ी रणनीती

दिल्ली में लंबे समय से बीजेपी सत्ता में नहीं आ पाई है, हालांकि दिल्ली से लोकसभा की सातों सीटें जीतती रही है । अब जो 23 सदस्य टीम बनी है , ये डिसाइड करेगी कि भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा क्या होगा। जैसा की सब जानते हैं कि इस बार लोकसभा के चुनाव में सात में से छह सांसदों का टिकट काट दिया था सिर्फ मनोज तिवारी को वो भी पूर्वांचली के नाम पर उनको उनका टिकट रिटेन किया गया था बाकी सबका टिकट काट दिया गया था। अब ऐसा नहीं था कि यह सारे नेता जीत नहीं सकते थे पर निश्चित तौर पर एक स्ट्रेटजी के तहत ऐसा किया गया था स्ट्रेटजी यही है कि कईं नेताओँ को विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है।

क्या मीनाक्षी लेखी बनेंगी दिल्ली का फेस

लेकिन इस समय बीजेपी दिल्ली की कमांड किसी महिला नेता के हाथ सौंपने की सोच पर काम कर रही है। कई नाम चल रहे हैं पर चार नाम सबसे प्रमुख हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण नाम है मीनाक्षी लेखि का जो नई दिल्ली से दो बार की सांसद हैं, विदेश राज्य मंत्री रह चुकी हैं और वह संगठन की दृष्टि से भी और जिस तरह से लोगों के साथ और बाकी सारी चीजें वो कैरी करती हैं वो उनको एक महत्त्वपूर्ण दावेदार बनाता है और हो सकता है कि उनको भी विधानसभा चुनाव में उतार दिया जाए और अगर उनको विधानसभा का टिकट मिलता है और वह चुनाव लड़ती है तो मुख्यमंत्री पद की बड़ी दावेदार होंगी मीनाक्षी लेखी ।

बांसूरी स्वराज काम करने के तरीके से हैं Popular

एक और महत्त्वपूर्ण नाम है बंसरी स्वराज का जिसको जिसने रिप्लेस किया था मीनाक्षी लेखी को । दिल्ली लोकसभा सीट से बहुत वोकल है उनको दिल्ली की राजनीति में जवाइन कराया गया था दिल्ली की प्रदेश सचिव बनी थी प्रवक्ता बनी थी और पहले लीगल सेल में आई थी फिर प्रदेश सचिव और प्रवक्ता बनी और उसके बाद उनको लोकसभा का टिकट दिया गया और वह जीत करके आई अभी लोकसभा में है उनकी भी दावेदारी को इसलिए कहा जा सकता है कि उनको दिल्ली की राजनीति का अनुभव है। उनकी स्वर्गीय मां सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रह भी चुकी है । मीनाक्षी लेखी बांसूरी स्वराज का अपना जो अपना उनका जो काम करने का तरीका है असके कारण दोनों ही पॉपुलर हैं।

नूपुर शर्मा उठ रही वापस राजनीति में सक्रिय करने की मांग

तीसरा नाम जो है वो नूपुर शर्मा का है । नूपुर शर्मा भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता रह चुकी हैं लेकिन एक विवादास्पद बयान के कारण उनको साइड कर दिया गया और अभी भी सुरक्षा के मद्देनजर या और बहुत सारे कारणों से वह सक्रिय नहीं है लेकिन लगातार इस बात की डिमांड की जा रही है कि उनको फिर से वापस राजनीति में सक्रिय करना चाहिए इसमें एक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि जिस तरह की राजनीति भारतीय जनता पार्टी अभी कर रही है। हिंदुत्व की राजनीति, उस दृष्टि से नुपुर शर्मा पार्टी के लिए एक बहुत बड़ा मतलब एसेट साबित हो सकती हैं और दिल्ली में भी उस तरह की पॉलिटिक्स होगी और उस तरह की पॉलिटिक्स की जानी चाहिए , वह अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुकी हैं तो उनको एक बार फिर बीजेपी वापस लेकर के, चुनावी मैदान में उतार सकती है। और वह जिस तरह की फायर ब्रांड नेता है व निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए एक बड़ा प्रभावी कदम हो सकता है, वह दिल्ली के लिए प्रभावी नेता
साबित हो सकती हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए उनको लिया जाएगा या नहीं लिया इसका पता अभी नहीं है।

स्मृति ईरानी मजबूत- कद्दावर नेता हैं

चौथा नंबर है स्मृति ईरानी का , जिन्हें भी दिल्ली की बागडोर सौंपी जा सकती है। लोकसभा का चुनाव राहुल गांधी से अमेठी में हारने के बाद वह सक्रिय रहने की पूरी कोशिश कर रही हैं लेकिन उनका नाम सामान्यत से उन्हीं की टीम के लोग बार-बार इस बात को चला रहे हैं कि वो मुख्यमंत्री पद के लिए उनका भी नाम आ सकता है पर स्मृति इरानी के नाम को नकारा नहीं जा सकता है। वह भी एक मजबूत कद्दावर पार्टी की नेता हैं और दिल्ली में वह दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी है चांदनी चौक से यह अलग बात है कि दिल्ली में वह चुनाव हार गई थी

BJP हर हाल में चाहिए दिल्ली की गद्दी

तो मजबूत नेताओं के रूप में इन चारों महिलाओं का नाम चल रहा है। हालांकि नाम और भी हो सकते हैं लेकिन वह उस समीकरण में फिट नहीं बैठते जितने इन चारों के। अब बीजेपी जिस तरह से सक्रिय हुई है चाहे वह कैलाश गहलोत को वापस लाने की बात है या अभी जो चुनाव हुए हैं मेयर वाले उसमें सारे प्रयासों के बावजूद आम आदमी पार्टी सिर्फ तीन सीट तीन मतों से जीत करके आई है मेयर का चुनाव तो यह सारे चीज दिखा रहा है कि बीजेपी बहुत मजबूती के साथ दिल्ली में अपनी चुनावी तैयारियों में लगी हुई है, मजबूती से लड़ रही है। वह आम आदमी पार्टी को लगातार कईं मामलों में कटघरे में खड़े करने में कामयाब भी हुए हैं।

आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार भुनाने में कामयाब हो रही BJP

इंफ्रास्ट्रक्चर का बुरा हाल , पानी भराव से लेकर है वाटर यमुना का सफाई का मामला है ,पोलूयशन का मामला है जिस बात का दावा करके आम आदमी पार्टी दिल्ली में आई थी कि वह भ्रष्टाचार खत्म करेंगे उनके सारे के सारे नेता भ्रष्टाचार में लिप्त नजर आ रहे हैं और बीजेपी इन को भुनाने में कामयाब भी हो रही है।फिर बीजेपी का इस बार किसी महिला नेता पर दांव खेलने की कोशिश सकता उसको कई दृष्टि से फायदा करेगी ना केवल महिलाओं को जोड़ने के लिए बल्कि और भी बहुत सारे मसले हैं जो इससे प्रभावित होंगे।

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