क्या Rahul Gandhi को वक्फ पर बोलने की मिली पर्ची
कांग्रेस लगातार इस कोशिश में है कि किसी तरह से वो संगठन में एक बार फिर जान फूंक सके लेकिन उसके नेताओं की या पार्टी की जो भी बैठकें होती हैं उसके बाद जो बात निकल कर के आती है वो घूम फिर करके फिर वही ढाके तीन पांच जैसी होती है, और कुछ भी ऐसा नया कांग्रेस जनता को या लोगों को ऑफर कर नहीं कर पाती है जिससे लोग उसकी तरफ आकर्षित हो सके। लंबे समय यानी 64 साल के बाद एक बार गुजरात में फिर से कांग्रेस की डब्ल्यूसी की बैठक आयोजित की गई। इसमें दो चीजें हैं, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद में अपने एक भाषण के दौरान उत्साह में यह बोला था कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ इशारा करते हुए कि अबकी आपको हम गुजरात में हराएंगे अब इससे दो चीजें निकल कर के आती हैं एक तो यह कि मतलब अबकी हराएंगे इसका मतलब अब ईमानदारी से प्रयास करेंगे इसके पहले ईमानदारी से प्रयास नहीं कर रहे थे, दूसरा राहुल गांधी ने गुजरात की पिछली यात्रा के दौरान यह बोला था कि जो लोग कांग्रेस में रहकर भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे हैं उनसे मुक्ति पाने की जरूरत है और अगर इस तरह के लोग 30% 40% है तो सबको निकाला जाना चाहिए, लेकिन गुजरात से तो अभी एक भी व्यक्ति को नहीं निकाला गया।फिर पिछले चुनाव में कांग्रेस कुल 17 सीटें जीत कर आई थी एमएलए विधानसभा की और उसमें से पांच ने त्यागपत्र दे दिया तो कांग्रेस के पास वहां पर 12 एमएलए हैं और वोट शेयर का हाल बहुत खस्ता है वहां आम आदमी पार्टी एक एक मजबूत दावेदार के तौर पर उभर रही है तो क्या रिवाइवल प्लान है , अधिवेशन में ऐसा कुछ निकल कर के नहीं आया अब जो इन सब के बीच इसलिए कि यह सारी चीजें ही 2029 के चुनाव के लिए भी तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है हालांकि 2029 के चुनाव में भी चार साल हैं चार साल से भी ज्यादा है लेकिन अब इनकी तैयारियों में क्या किया गया क्या कहा गया।
Rahul Gandhi नहीं किया RSS को लेकर अपना होमवर्क
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष लोकसभा राहुल गांधी जातीय जनगणना की बात की गई अब जातीय जनगणना को लेकर के भाजपा पर आक्रमण किया गया इसको लेकर के संघ पर आक्षेप लगाया गया लेकिन लगता है कि राहुल गांधी की सूचना ठीक नहीं है संघ ने अभी अपनी जो प्रतिनिधि सभा बोर में हुई थी उसने इसमें स्पष्ट कहा है कि वो जाती जनगणना के खिलाफ नहीं है अब पार्टी के तौर पर कांग्रेस प्रतिपक्ष में विपक्ष में है तो उसका यह दायित्व है कि वह भारतीय जनता पार्टी पर आक्रामक रहे वह संघ पर आक्रमक है वह भारतीय जनता पार्टी की पॉलिसीज पर आक्रमण कर रही है लेकिन उसका अल्टरनेटिव बताना होगा खाली आलोचना करने के लिए बात नहीं बनेगी ,कांग्रेस ने वहां पर संघ पर आक्रमण किया कि संघ इसके खिलाफ है संघ सारी व्यवस्थाएं लीड कर रही है।
अधिवेशन में East-West पर भ्रामक बयान
इसके बाद अधिवेशन में एक अगला मसला आया ईस्ट और वेस्ट को डिवाइड करने का उनके यूथ कांग्रेस के नेता श्रीनिवास जी हैं उन्होंने बोला कि राहुल गांधी लड़ाई लड़ रहे हैं ईस्ट और मतलब वेस्ट के खिलाफ उनके पुरखों ने ईस्ट के खिलाफ ईस्ट इंडिया के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी ये वेस्ट इंडिया के खिलाफ लड़ रहे हैं मतलब वेस्ट इंडिया के खिलाफ किसके खिलाफ लड़ रहे हैं वो गुजरात के खिलाफ लड़ रहे हैं कि महाराष्ट्र के खिलाफ लड़ रहे हैं कि गोवा के खिलाफ लड़ रहे हैं कि कर्नाटक के खिलाफ लड़ रहे हैं, किसके खिलाफ लड़ रहे हैं तो यह डिवसिव पॉलिटिक्स पुराना हिसाब किताब है इसके पहले वह नॉर्थ और साउथ के बारे में पहले ही कह चुके हैं साउथ इंडियन ऐसे होते हैं नॉर्थ इंडियन ऐसे होते हैं वो सब पहले कह चुके हैं फिर बाद में इसको सुधारा गया और यह बताया गया कि अडानी के खिलाफ यह बात कही थी उसका महाराष्ट्र उनसे कोई लेना देना नहीं तो अडानी के खिलाफ क्यों किसी राजनीतिक दल का लेना देना है क्या कांग्रेस बिरला के साथ टाटा के साथ या बाकी और जो कंपनीज़ थी Bajaj के साथ डील नहीं करती थी। ये लोग वेल्थ क्रिएटर हैं तो किसी देश के नाते किसी सरकार के नाते इन सब से डील करना पड़ेगा ये ये कंट्राडिक्शन है और ये पुरानी बात है जो लगातार कांग्रेस करती रही है कांग्रेस के अंदर विशेष रूप से राहुल गांधी करते रहे हैं ।
वक्फ को लेकर संसद में बोलने की बजाय RAHUL GANDHI यहां बोले-सवाल क्या तैयारी करने के लिए पर्ची नहीं मिली थी
अब इसके अलावा जो महत्वपूर्ण बात है कि वह वक्फ को लेकर के कि जमीन हड़प लेगी की जमीन कब्जा करने की भारतीय जनता पार्टी की मुसलमानों के जमीन को कब्जा करने की कोशिश है अब इसमें भी दो चीजें हैं एक तो यह कि जब यह मामला चर्चा में हो रहा था जब यह मामला चर्चा में था संसद में तो जो नेता उपनेता प्रतिपक्ष गौरव गोगोई हैं उनका वो कहीं से यह नहीं बता पाए कि किस तरह से भारतीय जनता पार्टी या सरकार जो है वक्फ की संपत्ति को कब्जा करेगी उनका सारा ध्यान ये इस बात में था अपनी बात के दौरान कि किस तरह से भारतीय जनता पार्टी की सरकारें मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देना चाह रही और भारतीय जनता पार्टी का ये खुला वो है कि सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देंगे सड़क पर नमाज सड़क चलने के लिए है नमाज पढ़ने के लिए नहीं है तो फिर पुराने राग को अलापती हुई कांग्रेस नजर आई जहां वो यह कह रही थी कि वह जो है मुसलमानों पर जो भारतीय जनता पार्टी की पॉलिसी है वो ठीक नहीं है एक और पुराना राग और अलाप आ गया इंदिरा गांधी को लेकर के कांग्रेस के नेताओं का यह नारा था कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा , गुजरात में एक वैसा ही नारा दिया गया हिंदुस्तान जिंदाबाद उसके बाद सोनिया गांधी जिंदाबाद राहुल गांधी जिंदाबाद के बाद जो एक नदीम करके कांग्रेस नदीम जावेद नदीम करके कांग्रेस के नेता हैं उनका उन्होंने नारा दिया सोनिया हिंदुस्तान राहुल हिंदुस्तान तो पुरानी पुराना राग फिर एक बार अलाप आ गया ।
अधिवंशन से PRIYANKA GANDHI गायब रही
तो जो पूरी की पूरी दो दिन की बैठक थी उस बैठक में कुछ ऐसा नहीं निकला सिवाय पुरानी बातों को रिपीट करने का उससे आगे जनता के सामने कुछ ऐसा नया प्रस्तुत करने में नाकामयाब रही उसके अलावा जो मुश्किलें हुई मुश्किलें यह कि इस दो दिन की बैठक में प्रियंका गांधी नदारत रही, कुल मिलाकर के जो स्थिति है कांग्रेस लगातार यह कोशिश कर रही है और कोशिश उसकी कई कई बार इरिटेशन के रूप में दिखता है और वो अब्यूसिव होती है जिसका नेगेटिव परिणाम होता है चाहे वो नदीम बात करें चाहे वो श्रीनिवास बात करें चाहे वो मल्लिकार्जुन खड़गे बात करें चाहे वो राहुल गांधी बात करें सोनिया गांधी तो बात ही नहीं करती हैं इसलिए कि उनको लिखा भाषण पढ़ने के अलावा वो बोल नहीं पाती हैं तो कुल मिलाकर के ये जो गुजरात में बैठक हुई है ये फिर रूटीन जैसी बैठक साबित हुई और इसमें कुछ ऐसा नहीं निकल कर के आया जिससे बीजेपी चिंतित नजर आए