Congress अपने बिछाए जाल में खुद फंसी
कांग्रेस संविधान के मामले पर भारतीय जनता पार्टी को घेरना चाहती थी और इसके लिए संसद में इस मामले पर चर्चा की सहमति हुई और उस पर चार दिन की चर्चा हुई दो दिन लोकसभा में और दो दिन राज्यसभा में लेकिन
इस पूरी चर्चा में कांग्रेस सरकार को घेरने की बजाय खुद गिरती हुई नजर आई। साफ लगा कि कांग्रेस को उनका ही चला हुआ दांव उन्हीं को उल्टा पड़ गया । अब कांग्रेस की तरफ से लोकसभा में चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने बात की , कांग्रेस के और बहुत सारे नेताओं ने बात की और उसके बाद प्रधानमंत्री ने जवाब दिया।
प्रधानमंत्री ने Congress को दिखा दिया आईना
प्रधानमंत्री ने एक के बाद एक जवाब दिया और कहा कि वह किस तरह की freedom of speech थी, जब चुनी हुई सरकार भी नहीं थी और चुनाव से पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहला संविधान संशोधन कर दिया। फ्रीडम ऑफ स्पीच की जो स्वतंत्रता थी उसको भी उन्होंने थ्रोटल किया।फिर उसके बाद 39 वां 40 वां 41 वां और 42वां संशोधन किया गया , उस समय किया गया जब देश के सारे नेता जेल में थे, संसद , विपक्ष था ही नहीं। संसद भी इमरजेंसी के अंडर था । प्रधानमंत्री की स्पीच ने सबके मुंह बंद कर दिए।
अमित शाह ने भी कांग्रेस को जमकर सुनाया
उसके बाद मामला राज्यसभा में आया और राज्यसभा में अमित शाह ने अपनी बात को बड़े तरीके से एक के बाद एक बहुत शोध के बाद भाषण दिया। अपने 80 मिनट के भाषण में उन्होंने अपनी बात रखी, उस बातचीत के दौरान अमित शाह ने एक बात कही कि जो विपक्ष है वह अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर करता रहता है अगर इतना नाम भगवान का ले लेते तो उनको स्वर्ग मिल जाता अब यह बात उन्होंने कही ।
Congress ने चली पुरानी चाल-Clip को कांट छांट के किया वायरल
यह बात किसी को उस समय स्ट्राइक नहीं की लेकिन रात को 10 बजे इससे संबंधित , इस क्लिप को काट करके
कांग्रेस और उसके मीडिया सेल ने उसे तोड़ -मरोड़ कर वायरल किया और गृहमंत्र से अंबेडकर के अपमान को लेकर के माफी की एक मुहिम चला दी।
BJP ने भी दिया जवाब-पूरी Clip वायरल की
इसके बाद पूरा वीडियो भारतीय जनता पार्टी ने भी शेयर कर दिया और भारतीय जनता पार्टी ने यह बता दिया कि पूरा भाषण यह था कि अमित शाह ने आगे कहा था कि अच्छी बात है 100 बार आप नाम लीजिए लेकिन
जो बातें अंबेडकर जी ने कही थी उन बातों को मानिए, स्वीकार कीजिए । अंबेडकर जी की कई बातों को आगे बढ़ाइए, उनकी बातों के साथ तोड़ मरोड़ मत कीजिए। उनकी बातों को झुटलाइए मत । यह भी बताएं कि किस तरह से कांग्रेस ने अंबेडकर को चुनाव हरवाया था और किस तरह से उनको त्याग पत्र देना पड़ा था । इस तरह के मसले सामने आए तो कांग्रेस को उल्टे पड़ गए। संसद में कांग्रेस जो बताना चाह रही थी की मोदी सरकार यानी अभी की सरकार है संविधान को लेकर उसका रवैया अच्छा नहीं है, पर कांग्रेस का यह पूरा परसेप्शन उल्टा बन गया कि कांग्रेस का जो पूरा का पूरा कार्यकाल रहा है वह
संविधान की धज्जियां उड़ाने वाला कार्यकाल रहा ।
Congress ने Divert करने के लिए चली चाल
संसद में चार दिन की चर्चा कांग्रेस के खिलाफ गई । कांग्रेस के पास कोई चारा नहीं था उसको डाइवर्ट करने के लिए अचानक वहां से सबकी अटेंशन हटाने के लिए कांग्रेस ने अमित शाह की तोड़ मरोड़ कर क्लिप शेयर कर दी, पर इसपर भी भारतीय जनता पार्टी ने साबित कर दिया कि कांग्रेस यहां पर भी झूठ बोल रही है। इसके साथ एक और बात है जिसका खुलासा हो रहा है कि प्रधानमंत्री को लेकर के भी कांग्रेस इस तरह की बातें, उनकी क्लिप शेयर करती है और भ्रम फैलाती है। वैसे इससे पहले अप्रैल 2024 में गृहमंत्री के उड़ीसा के एक भाषण को काट पीट कर कांग्रेस और उसके इको सिस्टम ने शेयर किया था और यह बताने की कोशिश की थी कि अमित शाह कह रहे हैं कि रिजर्वेशन खत्म कर देंगे उसके बाद चुनाव के दौरान संविधान बदल दिया जाएगा।
कांग्रेस को सुनाया बाबा साहेब ने ही कहा था-भ्रम मत फैलाना
बीजेपी ने संसद में इस बात पर भी Congress को घेरा और जब प्रधानमंत्री अपना भाषण दे रहे थे लोकसभा में तो उन्होंने कॉशन किया और बाकायदा कहा कि वह बाबा साहब को कोट कर रहे थे , सुन लीजिए फिर से बाबा साहब अंबेडकर ने ऐसा कहा था और कांग्रेस चुप रही। मतलब यह है कि प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री इस बात को लेकर पहले से सशंकित थे और खुराफात जो कांग्रेस कर सकती थी उसका तोड़ निकाल लिया।
कांग्रेस ने भ्रम फैलाया- संविधान बदल जाएगा, रिजर्वेशन खत्म कर दिया जाएगा
2024 के लोकसभा चुनाव में सबको बाद में पता चला कि कांग्रेस ने क्या क्या भ्रम फैलाए थे पहला, संविधान बदल दिया जाएगा, रिजर्वेशन खत्म कर दिया जाएगा और 8500 सबके अकाउंट में पहुंच जाएंगे। पर जनता को बाद मे कांग्रेस का झूठ समझ में आ गया। तो कांग्रेस अपने इसी पैटर्न पर बने रहना चाहती है , दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी या सरकार ने यह निश्चित कर लिया है या यह तय कर लिया है कि अब वह भी कांग्रेस को उसी भाषा में जवाब देंगे और देना उन्होंने शुरू कर दिया है