Congress क्यों छेड़ी दो सहयोगी के साथ जबरदस्त जंग

देश में कांग्रेस की हालात ठीक नहीं चल रही, खुद पार्टी के अंदर तो जबरदस्त कलह रहती है साथ ही कईं सहयोगी दलों के साथ कांग्रेस का छतीस का आंकड़ा चल रहा है, इसमें आम आदमी पार्टी और ममता दीदी की पार्टी टीएमसी टांप पर चल रही है जो कांग्रेस की टांग खिंचने का कोई मौका नहीं छोड़ती। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिल्ली और बिहार के चुनावों में अच्छी सीट लाना कांग्रेस के लिए जरूरी और बहुत जरूरी बन गया है,  नए साल में इन दोनों राज्यों में कुछ बेहतर प्रदर्शन एक तरफ तो सहयोगी दलों में उसका रूतबा बढ़ेगाएगी  और दूसरा सबसे important है कि राज्यसभा में भी कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने के लिए congress को हर हाल में इन दो राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करना है। शायद बीजेपी आलाकमान को भी उसकी गिरती साख का पता है तभी एक तरफ वह बिहार में अपने पुराने दोस्त , राहुल गांधी के गुरू लालू यादव की पार्टी rjd को आंखे दिखा रही है और बिहार में बड़ा भाई बनने की पूरी कोशिश कर रही है, वहीं दिल्ली में भी कांग्रेस आम आदमी के साथ अपने पुराने सारे संबंधों को तोड़कर पूरी तरह से जंग के मूड में आ गई है। अब चर्चा यही है कि congress की यह रणनीती नए  साल में  क्या नई उम्मीदें लेकर आएगी और नया साल कांग्रेस का कद घटाएगा या  या बढ़ाएगा ,

Supreme कोर्ट का डंडा तब जागी मोदी सरकार

 यह तो सबको ही पता होगा की देश में जातपात के आधार पर अभी भी तमाम तरह के भेदभैव किए जाते हैं , कई गांवों तक में तो अभी तक छोटी जाती के लोगों यानी दलित लोगों को कुएं तक से या नलों से पानी भरने नहीं दिया जाता, मंदिर नहीं जा सकते और जाती के नाम पर ना जाने क्या क्या होता है,  कम ही लोग यह जानते होंगे कि जेलों में बंद कैदियों तक को  उनकी जाती के आधार पर ही काम दिया जाता है, यानी नीची जाती के लोगों को बाथरूम की सफाई , टायलेट धोने के काम दिए जाते हैं रसोई का काम उच्च जाती के लोगों को ही सौंपा जाता है। शर्म की बात तो यह है कि जेल के नियमों में ही इस तरह की बाते लिखी हुई हैं और कुछ समय जब ये मामले सामने आया तो मोदी सरकार ने नहीं बल्कि देश के सुप्रीम कोर्ट ने इसपर गंभीरता दिखाई और कोर्ट को डंडा पड़ा तो सरकार को भी यह भेदभाव नजर आ गया। नए साल में कम से कम सरकार ने एक अच्छे काम से शुरूआत की और गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को  इस बारे में कड़ें निर्देश जारी किए हैं कैदियों में किसी भी तरह के भेदभाव और वर्गीकरण को खत्म करें। इसके तहत जेल मैनुअल के नियमों में सभी को बदलाव करने जरूरी हो गए जिससे कम से कम जेल में तो नीची जाती कि लोगों को अपमानित ना किया जा सके और उन्हें भी रसोई में खाने के काम में लगाया जाए।

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