DEFICIENCY OF VITAMINS-MINERALS IS DEADLY BUT MISUSE ALSO SOMETIME PROVES FATAL

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DEFICIENCY OF VITAMINS-MINERALS IS DEADLY BUT MISUSE ALSO SOMETIME PROVES FATAL ——विटामिन की कमी और शरीर में ज्यादा होना, दोनों ही खतरनाक

आजकल गलत खान-पान, एक्ससाइज और नींद का अभाव लोगों में खासकर बच्चों और युवाओं में कईं तरह के विटामिन-मिनरल्स की जबरदस्त कमी पैदा कर रहा है।

हालत ये है कि डाक्टर तक को कईं बार आइडिया नहीं हो पाता कि मरीज में कईं बीमारियों के साथ कई तरह के दर्द जो ठीक होने का नाम नहीं ले रहे वो कुछ और नहीं बलिक कुछ मिलीग्राम विटामिन और मिनरल्स की कमी के कारण हैं।

आज समझते हैं कि विटामिन-मिनरल्क की कमी से क्या क्या बीमारियां पैदा हो रही हैं, कैसे पहचाने, कैसे बचाव करें और क्या खाएँ जिससे फायदा हो।

विटामिन-मिनरल्स की गोलियां खाने की पूरक नहीं हैं

विटामिन-मिनरल्स की गोलियां खाने की पूरक नहीं हैं

आजकल ये फैशन बन गया है कि लोग समझने लगे हैं कि यदि वो पौष्टकि खाना नहीं खा रहे तो उसकी भरपाई विटामिन से कर लें ऐसा नहीं है, समझना है कि विटामिन-मिनरल्स की गोलियां खाने की पूरक कभी नहीं हो सकती हैं। स्वस्थ रहने के लिए हमे पौष्टिक आहार ही लेना होगा।

साथ ही एक्ससाइज के जरिए आहार का शरीर में सही तरह से इस्तेमाल हो इसका भी ध्यान रखना होगा। यह भी समझना है कि संतुलित आहार जिसमें फल-सब्जियां, दालें, अनाज, दूध, दही , मेवा, बीज का सेवन शरीर में किसी भी तरह की विटामिन और मिनरल्स की कमी पैदा नहीं होने देता।

यहां बता दें कि दूध और दूध से बनी चीजों में आयरन के अलावा विटामिन सी बिल्कुल नहीं होता , इसलिए जो लोग सिर्फ इसपर निर्भर रहते हैं उन्हें आयरन और विटामिन सी की कमी के कारण कईं बीमारियां घेर लेती हैं।

हमारे शरीर को माइक्रो और मिलीग्राम स्तर पर कम ही विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है जिसे हमारा शरीर संतुलित आहार के जरिए अपने आप ही बना लेता है। इसमें रेगुलर एक्सरसाइज भी जरूरी है जो शरीर का भोजन से विटामिन और मिनरल्स का निर्माण करने में मदद करती है।

शरीर को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना होती है कुछ विटामिन और मिनरल्स की जरूरत

शरीर को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना होती है कुछ विटामिन और मिनरल्स की जरूरत

कुछ विटामिन और मिनरल्स ऐसे हैं जिनकी शरीर को रोजाना जरूरत सिर्फ एक मिलीग्राम से लेकर लगभग 15 मिलीग्राम तक ही होती है । इनमें शामिल हैं विटामिन बी -१ यानी थाइमिन-thiamin, बी -२ यानी रिबोफ्लाविन-riboflain, बी -३ यानी निआसिन-niacin, बी-६ यानी पीराईओसाइड-pyrioxide, विटामिन ई, बायोटिन । इसके अलावा मिनरल्स में शामिल हैं- आयरन और जिंक

कुछ विटामिन और मिनरल्स की जरूरत शरीर में ज्यादा मिलीग्राम की होती हैं जो लगभग ७० मिलीग्राम से शुरू होकर लगभग पांच हजार मिलीग्राम तक पहुंचती हैं—इस श्रेणी में शामिल हैं—-विटामिन सी, कैलशियम, मैगनिशियम, फोसफोरस, पोटाशियम आदि

कुछ विटामिन ऐसे हैं जिनकी रोजाना शरीर को बहुत कम जरूरत होती है , ये ३ माइक्रोग्राम से शुरू होक १५ माइक्रोग्राम और ८०० माईक्रोग्राम तक भी पहुंचती है। आपको बता दें एक हजार माइक्रोग्राम एक मिलीग्राम के बराबर होता है। इनमें शामिल हैं—बी-९ यानी फोलेट-फोलिक एसिड, folate, बी १२ यानी कोबालमिन-cobalamin, विटामिन डी और विटामिन ए

शरीर को सबसे ज्यादा चाहिए विटामिन सी

शरीर को सबसे ज्यादा चाहिए विटामिन सी

समझ लें कि हमारे शरीर को सबसे ज्यादा विटामिन सी की जरूरत होती और उसके बाद मिनरल्स में कैलशियम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, इसके अलावा मैगनिशियम, फोसफोरस और पोटाशियम जैसे मिनरल्स की भी ज्यादा जरूरत होती है।

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डाक्टरों के पास पहुंच रहे बहुत मरीज जो विटामिन की कमी से परेशान

डाक्टरों के पास कईं ऐसे मामले पहंचते हैं जहां मरीज दर्द से परेशान है, इलाज चल रहा है पर कोई फायदा नहीं पहुंच रहा, आखिरकार पता चलता है कि शरीर में विटामिन की कमी इसकी जिम्मेदार है। दिल्ली के पालम विहार इलाके में रहने वाले ३२ साल के आनंद पिछले काफी समय से कमर के निचले हिस्से में दर्द से परेशान थे।

दर्द इतना भयंकर होता था जो आगे चलकर घुटनों तक पहुंच जाता था और आनंद को चलने तक में समस्या आने लगी थी। आनंद को खून की भी कमी बताई गई।

डाक्टरों ने कईं तरह के डायग्नोस करवाएं किसी ने इस मांसपेशियों मे खिचाव बताकर तमाम टेस्ट करवा दिए, किसी डाक्टर ने स्लिप डिस्क की समस्या बताकर सर्जरी कराने की सलाह दे डाली।

लेकिन किसी को भी आनंद की असली समस्या पता नहीं चली। लगभग छह महीने इधर-उधर भटकने के बाद आखिरकार एक डाक्टर ने आनंद के शीरीरिक लक्षणों के आधार पर उसके कुछ विटामिन की कमी के टेस्ट करवाए। इसके रिजल्ट चौकाने वाले थे । आनंद विटामिन बी-१२ की जबरदस्त कमी से जूझ रहा था।

बी-१२ की कमी उसके हीमोटोलाॅजी सिस्टम को भी कमजोर कर रही थी जिसके कारण शरीर में रक्त बनने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ रहा था । इसी कमी के कारण न्यूरोलाजिकल समस्या भी पैदा हो गई। नर्व कमजोर हो गई और उसकी कमर में भयंकर दर्द रहने लगा था।

डाक्टर ने आनंद को पहले विटामिन बी १२ के इंजेक्शन दिए, धीरे-धीरे इसकी मात्रा कम की गई और विटामिन बी -१२ की गोलियों की शुरूआत की गई. २ महीने में ही आनंद का दर्द और एनीमिया बिल्कुल ठीक हो गया।

शरीर में विटामिन -मिनरल्स की कमी के कईं कारण हैं

शरीर में विटामिन -मिनरल्स की कमी के कईं कारण हैं
  1. रोजाना लेने वाले भोजन में पौष्टिक आहार की कमी
  2. फास्ट फूड, डिब्बा बंद फूड पर बहुत ज्यादा निर्भरता
  3. परंपरागत तरीकों से खाना ना पकना। जैसे लोहे-पीतल के बर्तनों का, मिट्टी की हांडी का इस्तेमाल ना होना। मसाले कूटने के लिए मिट्टी की ओखल, लोहे के बर्तन की जगह आधुनिक चीजों का इस्तेमाल। इन तरीकों से अपने आप ही कईं मिनरल्स शरीर में चले जाते थे लेकिन आजकल ऐसा नहीं हो पा रहा है।
  4. सब्जियों को बहुत ज्यादा पकाना, तलना जसके कारण उसके मिनरल्स लगभग खत्म हो जाते हैं।
  5. शारीरिक व्यायाम की कमी एक बहुत बड़ा कारण है जिसके कारण हमारे शरीर का सिस्टम हमारे आहार से विटामिन, मिनरल्स का निर्माण ठीक से नहीं कर पाता और ना ही शरीर में उसका इस्तेमाल ठीक से हो पाता है।
  6. पैसों की कमी के कारण गरीब लोगों को पौष्टिक चीजें नहीं मिल पाना।
  7. कई सर्जरी और कईं बीमारियों के दौरान या बाद में शरीर में कईं विटामिन और मिनरल्स की कमी हो जाना।

कितने प्रकार के विटामिन और मिनरल्स हैं

१३ तरह के विटामिन हमारे खाने में मौजूद रहते हैं —विटामिन ए, सी, डी ई, के और विटामिन बी-१, बी-२, बी-३, बी-५ बी-६ बी-७, बी -९ , बी -१२ । इनमें से नौ विटामिन पानी में धुल जाते हैं और अतिरिक्त विटामिन यूरीन के रास्ते बाहर निकल जाता है। लेकिन चार विटामिन -विटामिन डी, ए ए और ई हमारें शरीर के टिशु में जमा हो जाते हैं क्योंकि ये पानी में नहीं घुलते। इसी प्रकार १६ तरह के मिनरल्स होते हैं कुछ मुख्य हैं—कैलशियम, फोसफोरस, आयरन, जिंक, पोटाशियम, सोडियम, क्लोराइड, मैगनिशियम, काॅपर आयोडीन, फलोरइड आदि शामि हैं।

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किन विटामिन- मिनरल्स की कमी सबसे ज्यादा देखी जा रही है।

किन विटामिन- मिनरल्स की कमी सबसे ज्यादा देखी जा रही है।

विटामिन बी-१२, विटामिन बी ३ और बी १ के अलावा विटामिन डी, विटामिन सी और विटामिन ई , फोलिक एसिड यानी विटामिन बी-९ की कमी लोगों में ज्यादा देखी जाती है ।

विटामिन ए की सब-कलीनिकल कमी के काफी मामले बच्चों में देखे जा रहे हैं । ये कमी ऐसी है जो कई टेस्ट के जरिए पता चलती है।

लक्षण दिखाए नहीं देते हैं लेकिन विटामिन ए की कमी से बच्चों में खून ना बनना, इम्यून सिस्टम का कमजोर होना आदि बातों का पता चल रहा है। इसके अलावा मिनरल्स में आयरन, कैलशियम, आयोडीन, सोडियम, पोटाशियम की कमी ज्यादा देखी जाती है।

कितने तरह की कमी है

  • शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी मुख्य तौर पर दो रूप में देखी जाती है प्राइमरी कमी जो कम खानेपीने के कारण होती है लेकिन इसे आसानी से पौष्टिक आहार और कुछ दिन विटामिन की गोलियां लेने से दूर किया जा सकता है।
  • लेकिन शरीर में सैकेंडरी रूप से विटामिन-मिलरल्स की कमी का बड़ा कारण गलत जीवनशैली कुछ बीमारियां या बड़ी सर्जरी के बाद होने वाली कमी होती है जिसपर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जैसे की सिगरेट पीने वालों को ३० से ४- फीसदी विटामिन सी ज्यादा खाने की सलाह दी जाती है। बच्चों और बड़े लोगों में भी अकसर ये कमी हो जाती है और उन्हें डाक्टर सप्लीमेंट खाने की सलाह देते हैं।
  • विटामिन और मिनरल्स की कमी के कारण शरीर में आने वाली कुछ आम समस्याएं
  • थका-थका रहना, कमजोरी लगना, पीठ और शरीर के तमाम जोड़ों में दर्द, लगातार बाल गिरना, त्चवा की चमक खत्म होना, शरीर में बार-बार कोई इंफेक्शन होना, मेमोरी लोस, नाखूनों का जल्दी टूटना आदि।
  • शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी के कारण होने वाली कुछ प्रमुख बीमारियां
  • रिकेट्स -शरीर में विटामिन डी और कैलशियम की कमी के कारण ये बीमारी बच्चों को अपना शिकार बना लेती है । जिससे उनकी हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और चलने तक में समस्या आती है। इस बीमारी में बच्चों में पहले विटामिन डी की कमी होती है जिसके कारण शरीर में कैलशियम को एबसोर्ब करने की क्षमता खत्म हो जाती है और शरीर में कैलशियम की कमी हो जाती है ।
  • गोअटर—-Goitre—-शरीर में आयोडीन की कमी का होना, जो बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है, दिमाग विकसित नहीं होता , शरीर के विकास पर फर्क पड़ता है।
  • एनीमिया—-आयरन की कमी से ये बीमारी होती है जिससे शरीर में कमजोरी, त्वचा का पीला पड़ना शुरू हो जाता है।
  • डिप्रेशन——शरीर में विटामिन बी ७ की कमी से होता है इससे बाल भी झड़ते हैं और लाल रेशिश पड़ जाते हैं। फोलिक एसिड विटामिन बी ९ इसकी कमी से महिलाओं में गर्भपात तक हो जाता है।
  • ओस्टियोपीरोसिस—-पहले इसे बूढ़े लोगों की बीमारी कहा जाता था लेकिन अब ये बीमारी यंग लोगों को भी अपना शिकार बना रही है। कारण है शरीर में विटामिन डी और कैलशियम की कमी। इससे हड्डियां कमजोर होकर जल्दी टूटती हैं खासकर हिप और नी के जोड़ पर असर पड़ता है।
  • रात में ना दिखना- Night Blindness or Xerophthalmia —विटामिन ए की कमी से रात में दिखना बंद हो जाता है और यदि इसकी कमी पूरी ना हो तो पूरी रोशनी तक चली जाती है। इसकी कमी त्वचा की नमी खत्म कर देती है , बाल झड़ते हैं

तमाम तरह के विटामिन और मिनरल्स का शरीर में क्या रोल है

  1. विटामिन ए—शरीर के विकास के लिए जरूरी है,दांतों, हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में मदद करता है, विटामिन ए में मौजूद बीटा कैरोटिन आंखों की रेटिना, कार्निया को स्वस्थ और सही काम करने में मदद करता है। आंखों के लिए जरूरी। इम्यून सिस्टम को चलाने में मदद करता है।
  2. विटामिन बी —-विटामिन बी ८ तरह के होते हैं और सभी शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं जैसे विटामिन बी ६ ब्लड शुगर ठीक रखता है, एंटीबायोटिक बनाने में मदद करता हैं जो शरीर को बीमारियों से बचाते हैं। बी -१२ हेल्दी नर्वस सिस्टम के लिए जरूरी है, ये रेड ब्लड सैल को बनाने में मदद करता है।
  3. विटामिन सी —हमारे शरीर को तमाम तरह के इंफेक्शन से बचाता है, हमारा इम्यून मजबूत करता है। दांतों और मसूडों का लचीलापन बनाए रखता हैं, त्वचाआ को चमकदार बनाए रखता है।
  4. विटामिन डी और कैलशियम —-हड्डियों , दांतों, शरीर के तमाम जोडों को मजबूती देता है।
  5. विटामिन ई—-शरीर में रेड ब्लड सैल को बनाने में मदद करता है। .विटामिन के को शरीर में एबसोर्ब करने के लिए विटामिन ई का होना जरूरी है, विटामिन के खून को गाढ़ा करने में मदद करता है इसकी कमी ब्लीडिंग को जन्म देती है।
  6. पोटाशियम —शरीर में ब्लड प्रेशर का संतुलन बनाता है।
  7. आयरन —शरीर में रेड बल्ड सैल बनाने के लिए जरूरी है। मांसपेशियों को बनाने और खून को स्वस्थ रखने के लिए ये बहुत जरूरी है।
  8. आयोडीन —शरीर में थायराइड हार्मोन्स बनाने के लिए ये बहुत जरूरी है। ये हार्मोन दिमाग और हड्डियों के विकास के लिए जरूरी हैं। ये शरीर में मेटाबालिसम कंट्रोल करते हैं।
  9. सोडियम शरीर में ब्लड प्रेशर ठीक रखता है, मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है, इसी प्रकार क्लोराइड शरीर में रक्त के संचालन को ठीक रखता है।
  10. काॅपर भी शरीर में इन्यून सिस्टम को मजबूत रखने में मदद करता है। क्रोमियम हर सैल को जरूरत के समय शक्ति देता है, शरूर में ग्लूकोज के तालमेल के लिए जरूरी है।
  11. जिंक —-इम्यूनिटी के साथ साथ फर्टिलिटी के लिए भी जरूरी है। ये घाव को जल्दी भरने में मदद करता है।
  12. विटामिन और मिनरल्स का ओवरडोज भी है खतरनाक
  13. दूसरी तरफ विटामिन और मिनरल्स के ओवरडोज या मिसयूज के मामले भी बढ़ रहे हैं जो भी शरीर के लिए खतरा है।

क्यों हो रहा है मिसयूज

सबसे बड़ा कारण है कि आजकल युवा डाइट तो ठीक से नहीं ले रहा और शरीर में विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए बिना डाक्टर की सलाह से सिर्फ और सिर्फ पोपिंग पिल्स का सहारा ले रहे हैं।

दूसरा शरीर में विटामिन या मिनरल्स की कमी की जांच के बाद लोग सप्लीमेंट लेना शुरू तो कर देते हैं लेकिन निर्घारित सीमा पर बंद नहीं करते जो बाद में कईं परेशानियों का कारण बन जाता है।
तीसरा कई प्रकार की सर्जरी से पहले या बाद में डाक्टर मरीज को कुछ खास विटामिन या मिनरल्स खाने की सलाह देते हैं लेकिन ठीक होने के बाद भी मरीज वो खाना नहीं छोड़ते और हाइपरवीटामिनोसिस की समस्या शुरू हो जाती है।

किन विटामिन -मिनरल्स की गोलियों का ज्यादा दुरूपयोग हो रहा है

  1. विटामिन डी, सी , विटामिन बी—१२ और कैलशियम के दुरूपयोग के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
  2. किस तरह से विटामिन और मिनरल्स का ओवरडोज खतरनाक होता है
  3. ज्यादा आयरन मौत का कारण बन सकता है। इसका ज्यादा सेवन दिमाग और स्पाइनल कोर्ड पर असर डालता है।
  4. विटामिन ए का ज्यादा सेवन शरीर में जहर का काम करता है, सिर में पानी जमा हो सकता है जिससे दिमाग तक को नुकसान पहुंचता है।
  5. विटामिन डी और कैलशियम का ज्यादा सेवन दिल और किडनी में कैलशियम की ज्यादा मात्रा जमा करके उसको नुकसान पहुंचाता है। कब्ज की शिकायत रहती है, डायरिया का कारण बनता है और हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है।
  6. काॅपर का ज्यादा सेवन लिवर को नुकसान पहुंचाता है।
  7. विटामिन सी का ज्यादा सेवन डायरिया, उल्लिटयां , पेट में मरोड़ करता है। ज्यादा विटामिन सी शरीर में जहरीले पदार्थ बनाता है।
  8. सोडियम का ज्यादा इस्तेमाल किडनी में स्टोन, दिल की बीमारियां करता है, साथ ही बीपी को बढ़ाता है।

किन -किन खाने में विटामिन -मिनरल्स के बेस्ट सोर्स हैं—

  1. सबसे पहले पानी में घुलनशील विटामिन की बात करते हैं
  2. विटामिन बी-१ सोयामिल्क, तरबूज
  3. विटामिन-बी-२——दूध, दही, चीज, होल ग्रेन वीट
  4. विटामिन बी-३——-मीट, मछली, आलू, मशरूम
  5. विटामिन बी —५——-चिकन, ब्रोकली, एवोकडोस, मशरूम
  6. विटामिन बी——६——मीट , फिश, टोफू और दूसरे सोया का सामान, केला
  7. विटामिन बी—-७——अंडा, होल ग्रेन, सोयाबीन, फिश
  8. विटामिन बी—९——-सीरियल्स, ब्रोकली, संतरे का जूस, पालक
    विटामिन बी—१२——मीट, दूध, सोयामिल्क, सीरियल्स, फिश
  9. विटामिन सी——सभी खट्टे फल जैसे संतरा, नीबू, आलू, ब्रोकली, पालक, स्ट्राबैरी, टमाटर,
  10. विटामिन जो पानी में नहीं घुलते टिशू में जमा होते हैं उनके बेस्ट सोर्स हैं
  11. विटामिन ए——बीफ, अंडा, फिश मिश्रित दूध, चकुंदर, गाजर, पालक , आम
  12. विटामिन डी——मिश्रित दूध, फैटी फिश , सूरज की किरणों से हमारी त्वचा विटामिन डी बनाती है।
  13. विटामिन ई—-बादाम , सूरजमुखी के बीज
  14. विटामिन के——गोभी, अंडा, दूघ, पालक ब्रोकली
  15. मिनरल्स किन-किन खाने के सोर्स से मिलते हैं
  16. कैलशियम——दही, चीज, दूध , हरी पत्तेदार सब्जियां , सैलमैन—salmon मछली,
  17. कलोराइड—-नमक
  18. मैगनिशियम——पालक, ब्रोकली, बीज, होल वीट ब्रेड
  19. पोटाशियम ——मीट, दूध, फल , सब्जियां, फलियां
  20. सोडियम—-नमक, सोयासोस, सब्जियां
    क्रोमियम—-मीट, मुर्गा, फिश, मेवा, चीज
  21. काॅपर——सैलफिश, मुर्गा, बीज, अलग-अलग तरह के बींस, आलूबुखारा
  22. फ्लोराइड—-फिश, चाय
  23. आयोडीन —आयोडीन नमक, सीफूड
  24. आयरन—-रेड मीट, अंडा, मुर्गा, अनार, पालक
  25. मैंगनीस—-मेवा, फलियां, चाय , अनाज
  26. सैलिनियम——मीट, सीफूड, अखरोट
  27. जिंक——मीट, सैलफिश, फलियां, पूरा अनाज
  28. दूसरी तरफ हाइपरवीटामिनोसिस —-hypervitaminosis——-के मामले भी सामने आ रहे हैं जिसका मतलब है विटामिन और मिनरल्स का मिसयूज या ओवरडोज।
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