चुनाव प्रचार के लिए मिल रहे लाखों रूपए के Offer
चुनावी मौसम आता है और लोकगीत गाने बजाने वाले, कविता-कहानी, लिखने वाले और मीम्स-कार्टून बनाने वालों की बले बले हो जाती है, यही नहीं स्टैंडअप कॉमेडी करने वाले लोगों की पूछ भी खूब बढ़ जाती है , आजकल यही हो रहा है, दिल्ली, बिहार में विधानसभा चुनाव हैं और इन कामों में लगे जिन कलाकारों का बिजनेस मंदा चल रहा है आजकल इनके पास टाइम नहीं है, खासतौर पर उन लोगो की जो सोशल मीडिया और कईं प्लेटफार्म पर अपनी कला के लिए काफी नाम कमा चुके हैं।
पलक झपकते ही नेताओं की बयानबाजी, दिनचर्या- उठाए गए सियासी मुद्दे बड़ी आबादी तक पहुंचते हैं
पिछले कुछ सालों से देखा यही जा रहा है कि चुनाव प्रचार प्रसार के लिए इस तरह का चलन तेजी से बढ़ रहा है। यू-ट्यूब समेत सभी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म चुनावों में अहम भूमिका निभा रहे हैं , कारण यही है कि पलक झपकते ही नेताओं की बयानबाजी, उनकी दिनचर्या और उठाए गए सियासी मुद्दे बड़ी जल्दी बड़ी आबादी तक पहुंच जाते हैं। इन दिनों हर हाथ में स्मार्ट फोन है चाहे झुग्गी-झोपड़ी में रहने बाले हों या रेहड़ी-पटरी वाले या पढ़े लिखे लोग भी काम के बीच में या बोर होने पर ये लोग सोशल मीडिया जमकर देखते हैं। जिसका फायदा चुनावों में नेताओं को मिल ही जाता है।
उन लोगों को मिल रही तव्वजों जिनके फोलो अर्स की संख्या लाखों में
आपको बता दें कि आजकल चुनाव के चलते सभी राजनीतिक दल चाहे वो छोटे हों या बड़े अपने सियासी नारों को, संदेशों को , दूसरी पार्टी पर किए गए कटाक्ष को जनता तक पहुंचने के लिए गानों, कविताओं, मिमिक करने वाले कलाकारों की तलाश कर रही है। साथ ही राजनीतिक दल सोशल मीडिया पर मशहूर शख्सियतों को भी अपने पाले में करने के लिए पूरी जोर अजमाइश भी कर रही है। अलग-अलग इलाकों में सक्रिय यूट्यूबर की तो जैसे मौज ही आ गई है। लेकिन हां उन्हीं लोगों तो तव्वजों दी जा रही है जिनके फोलो अर्स की संख्या लाखों में है।
दिल्ली चुनाव- पूर्वांचल, उत्तराखंड, पंजाब से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बुलाए गए
पता चला है कि दिल्ली चुनावों के लिए पूर्वांचल, उत्तराखंड, पंजाब समेत कईं ऐसे राज्यों से दिल्ली में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बुलाए जा रहे हैं, जिनकी स्थानीय पहचान है। दिल्ली में इन लोगों को उन्हीं इलाकों में भेजा जा रहा है, जहां उनके राज्य की आबादी ज्यादा है और इन्हीं के जरिए राजनीतिक दल आम जनता के दिलो दिमाग पर अपना सियासी संदेश, वोट देने की अपील पहुंचा रहे हैं। और माने ना माने इन्फ्लूएंसर व यू-ट्यूबर को इसके बदले लाखों रूपए तक मिल रहे हैं या पेशकश की जा रही है।