अभी अभी राहुल गांधी दिल्ली के चुनाव प्रचार में उतरे हैं और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि क्या राहुल गांधी पर पुलिस fir करने जा रही है।दरअसल राहुल गांधी पर मुस्लिमों के खिलाफ अभद्र बोलने के आरोप में 12 साल पहले मामला दर्ज हुआ था और 24 जनवरी को इसकी सुनवाई है जिसमें माना जा रहा है कि राहुल पर भी fir दर्ज हो सकती है।आरोप है वर्ष 2013 में अपने भाषण में राहुल ने मुजफ्फरनगर के दंगों का जिक्र करते हुए मुसलमान युवकों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी isi से संपर्क होने का बयान दिया था। जिसपर बहुत विवाद हुआ था। वैसे आपको बता दें कि राहुल पर तो fir होने की चर्चा है पर अपने इलाके में जूते बांटने को लेकर BJP प्रत्याशी प्रवेश वर्मा पर भी मंदिर मार्ग पुलिस थाने में आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में शिकायत दर्ज की गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि प्रवेश वर्मा को वाल्मीकि मंदिर परिसर में मतदाताओं को जूते बांटते देखा गया था। उनपर fir दर्ज करने के चुनाव आयोग ने आदेश दिए हैं। वैसे इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ गोविंद पुरी इलाके में एफआईआर दर्ज की गई थी। बताया गया कि उनपर चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन करने का आरोप था। आतिशी पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपना सरकारी वाहन चुनाव में इस्तेमाल किया था। देखना यही है कि दिल्ली के चुनाव प्रचार कितने नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराते हैं।
दिल्ली की महिलाएं इस बार किसके साथ
दिल्ली चुनाव प्रचार जिस तरह से आम आदमी पार्टी महिलाओं को लुभाने के लिए तमाम तरह की योजनाओं की घोषणा कर रही है, उससे कांगेरेस और बीजेपी भी सतर्क हो गई और कहीं महिला वोटर्स उनके पाले से ना खिसक जाए इसके लिए दोनो ही पार्टियां महिला वोट पाने के लिए आप के साथ जबरदस्त दौड़ शुरू कर दी है, एक समय हुआ करता था कि दिल्ली में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कम मतदान करती थीं, लेकिन अब ऐसा कतई नहीं है। आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में दो दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर महिलाएं पुरुषों से मतदान करने में आगे रहीं । यही नहीं मतदान करने में महिलाएं सिर्फ पुरुषों से मात्र 0.08 फीसदी पीछे रही। और इसी समीकरण को देखते हुए इस बार दिल्ली के चुनावों में महिला वाेटर बहुत अहम मानी जा रही हैं और हर दल इन्हें अपने पाले में करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है। आपको बता दें कि 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने लाडली योजना शुरू की और एक लाख से कम आय वाले लोगों को बेटियों के लिए दस हजार रुपये दिए जाने लगे इसके बाद चुनाव में महिलाओं का मतदान फीसदी बढ़ा , फिर 2015 में 15 विधानसभा क्षेत्रों में महिलाएं पुरुष मतदाताओं से आगे और 2020 के विधानसभा चुनाव में 31 सीटों पर महिलाएं पुरुष मतदाताओं से आगे रहीं। इस चुनाव से एक साल पहले ही 2019 में आप सरकार ने महिलाओं के लिए डीटीसी बसों में मुफ्त सफर की योजना शुरू की गई थी और जिन 31 सीटों पर महिलाओं का मतदान फीसदी पुरुषों से अधिक रहा, उनमें से 28 सीटों पर आप जीती थी, जबकि तीन सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।