Embryo तैयार होगा त्वचा से-Infertility से परेशान दंपतियों के लिए बड़ी खुशखबरी

अब उन सभी दंपतियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है जिन्हे बच्चों का सुख नहीं मिल पात है। आज कई कारणों के चलते बहुत से ऐसे दंपति हैं जो सालों साल बच्चे के होने का इंतजार करते रहते हैं पर उनके घर खुशियां नहीं आ पाती ।

नई रिसर्च में त्वचा कोशिका से बनाया EGG यानी अंड़ा

हाल ही में OSHU Research ने त्वचा कोशिका को अंडे में बदलने की तकनीक विकसित की है जिससे infertility से परेशान हजारों माता-पिता को मातृत्व का सुख मिल सकेगा।

Embryo जिसमें माता-पिता दोनों के समान गुण होंगे

इस नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने चूहे की त्वचा कोशिका के केंद्रक को एक चूहे के अंडे में प्रत्यारोपित किया गया जिसके अपने गुणसूत्र नहीं थे। फिर लैब में तैयार किए गए नए अंडे को शुक्राणु के साथ निषेचित किया , इस प्रक्रिया को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन कहा जाता है। यह chromosomes के दो सेटों के साथ एक diploid embryo बनाता है – जिसमें माता-पिता दोनों के ही समान गुण होते हैं और एक स्वस्थ संतान पैदा होने की पूरी संभावना रहती है।

Polycystic Ovary Syndrome या और बीमारियों से जूझ रही महिलाओं के लिए वरदान

इस नए शोध से बनने वाला अंडा बडी उम्र की महिलाओं में गर्भाधारण करने के साथ उन महिलाओं के लिए भी कारगर साबित होगा जो कैंसर या कईं अन्य कारणों के चलते अपने अंडे का उत्पादन करने में असमर्थ हो जाती हैँ. और गर्भधारण नहीं कर पाती । कईं और कारण हैं जो महिलाओं को मां के सुख से वंचित करके रखते हैं। इनमें खराब लाइफस्टाइल के कारण लड़कियों का polycystic ovary syndrome का शिकार होना बड़ी समस्या बनती जा रहा है जिसके कारण वो गर्भ धारण नहीं कर पाती । इसमें ओवरी एक समय में कईं अविकसित अंडे देने शुरू कर देती है। इसके अलावा गर्भास्या में सिस्ट यानी बड़े बड़े दाने बन जाने के कारण भी बार बार एबोर्शन की समस्या आने लगती है। महिला में क्वालिटी के एग विकसित नहीं हो पाना भी उसके मां बनने की राह में बड़ी समस्या है। जैनेटिक खराबी के चलते भी दंपति को बच्चे के सुख नहीं मिल पा रहा होता है।

स्कॉटलैंड में डॉली नाम की एक भेड़ के क्लोन से अलग ये तकनीक

इस शोध से समलैंगिक रिश्तों में रहने वाले पुरुषों के भी ऐसे ऐसे बच्चे पैदा हो सकेंगे जिनमें आनुवंशिक रूप से माता-पिता दोनों के ही गुण होंगे।1996 में, शोधकर्ताओं ने स्कॉटलैंड में डॉली नाम की एक भेड़ का क्लोन बनाने के लिए इस तकनीक का ही उपयोग किया था। उस मामले में, शोधकर्ताओं ने एक माता-पिता का क्लोन बनाया। इसके विपरीत, OHSU study ने एक ऐसी तकनीक ईंजाद की है जिसमें माता-पिता दोनों के गुणों वाले एक embryo को एक लैब में तैयार किया गया है।

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