Head Injury से कम हुई सोचने-समझने Memory Loss की समस्या-नई रिसर्च में ढूंढा जा रहा निदान

खेल-खेल में लगी सिर में चोट बहुत खतरनाक

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की खेलों के कारण हर साल लगभग 40 लाख बच्चे किशोर किसी ना किसी चोट का सामना करते हैं और बहुत बार तो ये चोट उनकी जान का कारण बन जाती है उन्हें जिंदगी भर के लिए अपाहिज बना देती है। और सबसे अहम चोट से ज्यादातर नुकसान दिमाग को ही होता है और ऐसा नुकसान होता है जिसकी भरपाई ही नहीं हो पाती ।

चोट के कारण भूलने, काम करने की क्षमता कम या खत्म हो जाती है

वैज्ञानिक काफी समय से उन तकनीकों पर काम कर रहे हैं जो दिमाग में चोट लगने के काऱण आदमी की भूलने, काम करने की क्षमता खत्म होने को दोबारा वापस ला सके । एक रिसर्च में वैज्ञानिकों को इसमें काफी सफलता भी हासिल हुई है और माना जा रहा है कि खेल को अपनी जिंदगी बनाने वाले तमाम खिलाडियों के लिए आने वाले समय में एक अच्छी खबर सामने आ सकती है।

नई रिसर्च में ढूंढी तकनीक दिमाग को दोबारा एक्टिव करने की

अकसर यह देखा गया है कि खेल के दौरान बार बार लगने वाली हेड इंजरी यानी सिर की चोट की वजह से दिमाग की सोचने-समझने , काम करने की क्षमता अकसर कम हो जाती है । यही नहीं कईं खिलाडियों को भूलने की शिकायत भी हो जाती है , पर एक नई रिसर्च में पाया गया है कि दिमाग पर चोट के इन तमाम असर को कम किया जा सकता है और दिमाग को काफी हद तक दोबारा एक्टिव बनाया जा सकता है।

चूहों पर सफल परीक्षण हो चुका है

Georgetown University Medical Center ने चूहों पर किए एक परीक्षण में पता किया कि हेड इंजरी के कारण दिमाग में मौजूद न्यूरान में गडबडी हो जाती है और वो अपना काम करना भूल जाते हैं। रिसर्चर ने लेजर की मदद से दिमाग में मौजूद engram cells. को एक्टिवेट किया, उसे दोबारा रिसेट किया और ये संदेश देने की कोशिश की दिमाग को किसी तरह का खतरा नहीं है। देखा गया कि चोट के कारण जिन चूहों के काम करने की क्षमता में कमी आई थी, भूल रहे थे , दोबारा उनके दिमाग ने काफी हद तक ठीक काम करना शुरू कर दिया।

आशा बंधी मिलती जुलती तकनीक से इंसानों की चोट के गंभीर परिणामों का भी इलाज

साइंटिस्टों का कहना है कि इस तकनीक से कम से कम यह आशा तो बंधी है कि कि इससे मिलते-जुलते तरीके तकनीक से खेल या अन्य कारणों से सिर की चोट के शिकार हुए उन लोगों की मदद की जा सकेगी चोट लगने के कारण दिमाग की कईं तरह की बीमारियों का शिकार बने हुए हैं।

कैसे पहचाने की चोट दिमाग में लगी है

दिमाग में हल्की चोट लगी है तो सिरदर्द या चक्कर आने शुरू हो जाते है हल्की चोट में लोगों को हल्का भ्रम होने लगता है उल्टी भी आ जाती है। बच्चों को आमतौर पर उल्टी हो सकती है। छोटे बच्चे बस चिड़चिड़े हो जाते हैं। गंभीर चोट की सूरत में खिलाडी तुरंत बेहोश हो सकत है,  यह उसके दिमाग के ठीक से काम न करने के लक्षण हो सकते हैं। खिलाड़ी को बैचेनी होने लगती है , उल्टी, दौरे पड़ना या दोनों हो सकते हैं। दिमाग के किस भाग में चोट हैं उसके आधार बोलने-सुनने, समझने, हिलने और याद रखने की क्षमताओं पर सीधा असर पड़ जाता है। लोगों या आस-पास की जगहों को नहीं पहचान पाते हैं, ये लक्षण चोट लगने के तुंरत बाद या घंटों या कभी-कभी कई दिनों बाद दिखाई दे सकते हैं ।

सिर में चोट लगने पर सबसे पहले क्या करें

घाव को साफ करें, धूल-म‍िट्टी को एंटीसेप्‍ट‍िक स्‍प्रे और बिल्कुल साफ रूई से कर लें। ब्‍लीड‍िंग नहीं रूक रही तो तुरंत डाक्टर के पास जाएं ज्‍यादा ब्‍लीड‍िंग
बर्फ की स‍िंकाई फायदेमंद होती है यह दर्द और सूजन दोनों कम करती है।चोट लगने पर मरीज को ज्यादा हिलाएं कोशिश करें अस्‍पताल बिल्कुल लिटाकर सीधी अवस्था में ले जाएं।खून बह रहा है तो कंधा और स‍िर को ऊपर की ओर उठाकर रखें, इससे खून बहना कम हो जाएगा। फ्रैक्‍चर लग रहा है तो ब्‍लीड‍िंग रोकने के ल‍िए चोट को हाथ से न दबाएं। मरीज को सांस लेने में समस्या आ रही है तो उसे तुरंत सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दें।

2 thoughts on “Head Injury से कम हुई सोचने-समझने Memory Loss की समस्या-नई रिसर्च में ढूंढा जा रहा निदान”
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