दिमाग को मल्टीपल टास्क में बिजी रखना बना रहा है युवाओं को भूलने की बीमारी का शिकार
बड़ी उम्र में भूलने की बीमारी होना एक आम बात है, एजिंग से दिमाग कमजोर होता है और साथ ही कमजोर होती है याददाश । पर चिंता की बात है कि आजकल युवाओं में भूलने की बीमारी बढ़ती जा रही है। नाम भूल जाना, सामान रखकर भूल जाना, मीटिंग की महत्वपूर्ण डेट भूल जाना , बाजार पहुंच गए पर क्या खरीदना है ये भूल जाना।
आजकल ये कुछेक ऐसी भूलने की समस्या है जिसका सामना बहुत से युवक कर रहे हैं। और इसके पीछे कईं वजह हैं पर आधुनिक जीवनशैली में सबसे बडी वजह जो सामने आ रही है वह है एक समय में मल्टीपल काम करने की आदत । मतलब दिमाग को एक ही समय में मल्टीपल टास्क में बिजी रखना ।
क्या है मल्टीपल टास्क
जब आदमी , एक ही समय में बहुत सारे काम इकट्ठे करना शुरू कर देता है तो उसे मल्टीपल टास्क कहा जाता है, जैसे एक ही समय में व्यकित फोन भी सुन रहा है, कम्पयूटर पर मेल भी कर रहा है, साथ ही कुछ खा भी रहा है, अपने नौकर को चाय बनाने के लिए कहा है , मतलब दिमाग एक समय में मल्टीपल चीजों में उलझा हुआ है
मल्टीपल टास्क से क्यों होती है भूलने की बीमारी
डाक्टरों के मुताबिक हमारा दिमाग इस तरह से बना है कि वो एक ही समय में एक ही बात अच्छी तरह से रजिस्टर कर सकता है मतलब समझ सकता है उसे याद कर सकता है। जब दिमाग पर एकसाथ कईं कामों का बोझ डाल दिया जाता तो हमारे दिमाग की सेंसस( दिमाग में सुनने, समझने और याद करने की इंद्रियां) ओवरलोड हो जाती हैं और वो चीजों को याद नहीं रख पाती, फोकस नहीं कर पाती । दिमाग पर बहुत ज्यादा काम का दवाब उसे कन्फयूज भी कर देता है।
क्यों बढ़ रहे हैं मल्टीपल टास्क के मामले
आधुनिक जीवनशैली में युवाओं में घर, काम, सोशल संबंधों को बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा भागदौड़ है, साथ ही संयुक्त फैमिली के टूटने से भी युवाओं में मल्टीपल काम का बोझ बढ़ गया है। काम में बढ़ती प्रतियोगिता भी युवाओं को दस काम एकसाथ सीखने के लिए मजबूर करती है।
क्या करें यदि मल्टीपल टास्क के कारण भूलने की बीमारी हो रही
सबसे पहले कोशिश करें कि एक ही समय में एक काम शुरू करें और उसे खत्म करके दूसरा काम शुरू करें। काम के दौरान अपने दिमाग का ध्यान ना बटाएं जैसे टीवी या रेडियो सुनते समय फोन पर बात ना करें। कुछ टाइप कर रहे हैं तो किसी को फोन करने से बचें । इससे दिमाग की काम करने की एकाग्रता बढ़ती है और वो काम को याद रखता है। एक काम के खत्म होने के बाद दूसरा काम शुरू करने से पहले दिमाग को कुछ समय का रिलेक्स दें।
यदि आफिस में बैठे हैं तो थोड़ी चहलकदमी कर लें, स्ट्रेचिंग करें। लंबी-लंबी सांस लें। यदि मल्टीपल काम करने की मजबूरी है तो काम को करने के दौरान पाइंटर लिखते जाएं और कुछ भूल रहें हैं तो उस कागज या डायरी पर नजर डालें।
यदि पहला काम आधा करके दूसरा काम शुरू कर दिया है तो बीच-बीच में पहले काम को देखते रहें, मन-मन दोहराते रहें , आपको पहला काम भी याद रहेगा। कहीं जाना है, किसी से मिलना है तो घडी़ या फोन में अलार्म लगाएं , एलर्ट लगाएंसामान रखकर भूल जाते हैं तो एक ही जगह सुनिशिचत करें जहां आपको अपना सारा जरूरी सामान रखना है, अब चाहे वो पर्स हो, कार की चाभी या आपकी डायरी।
यदि किसी दिन बहुत ज्यादा का करने हैं तो एक दिन पहले रात को सभी काम के बारे में दो-तीन बार सोचें, उसे करने के बारे में प्लान बनाएं, इससे वो काम दिमाग में रजिस्टर होंगे और आप भूलेंगे नहीं।
यदि कुछ ज्यादा भूलने लगे हैं तो छोटे-छोटे नोट कुछ प्रमुख जगहों पर लगा दें। जैसे फ्रिज के बाहर चिपका दें मुझे अपनी चैकबुक लेकर जानी है या फलां जगह फलां व्यकित से मिलना है। अपने ड्रेसिंग टेबल के शिशे पर भी नोट चिपकाया जा सकता है, ये कुछ ऐसी जगह हैं जहां बार बार नजर जाती है ।
भूलने की बीमारी के कुछ और कारण भी हैं जिनपर चर्चा करते हैं।
गलत खान-पान से बढ़ती भूलने की बीमारी
बहुत सी रिसर्च ये बात साबित कर चुकी हैं कि खाने में पौष्टिक चीजों का अभाव दिमाग की क्षमता पर असर डालता है और व्यकित चीजें भूलने लगता है या उसे देर में चीजें याद आती है।
जंक फूड. प्रोसटेड फूड, ज्यादा तला हुआ खाना दिमाग में खून पहुंचाने वाली नलियों में रूकावट पैदा करता है जिससे दिमाग को उतनी आक्सीजन नहीं मिल पाती जिसकी उसको जरूरत है ऐसे में वो कन्फयूज रहता है, निर्णय नहीं ले पाता, बहुत जल्दी चीजें भूल जाता है।
डाक्टरों के मुताबिक दिमाग का ६० फीसदी हिस्सा फैट है और उसे खाना देने के लिए दिमाग को फैट की जरूरत पड़ती है लेकिन जंक फूड, तला खाना दिमाग तक गंदा फैट पहुंचाता है और उसे बीमार कर देता है। दिमाग को अच्छा फैट तेज, जल्दी , बिना भूले काम करने की ताकत देता है।
शरीर में पानी की कमी से भूलने की बीमारी
शरीर में पानी की कमी होने से भी बहुत बार आदमी चीजें भूलने लगता है, बड़ी बात है कि लोगों को पता ही नहीं चलता और वो पानी की कमी के कारण छोटी -छोटी बातों को भूलना शुरू कर देते हैं।
नींद का पूरा ना होना भी बड़ा कारण
काम के दबाव के साथ बहुत से और कारण हैं जो लोगों की नींद उड़ा रहे हैं । सोना एक प्रक्रिया है और इसमें दिमाग को पूरा आराम मिलता है, इस दौरान कईं कैमिकल का रिसाव होता है जो दिमाग को रिलेक्स करते हैं। जिससे वो अगले दिन के लिए तैयार हो जाता है। नींद पूरी ना होने से दिमाग को आराम नहीं मिल पाता और उसके याद करने सोचने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है।
ब्यायाम की कमी
आम दिनचर्या में व्यायाम की कमी, आउटडोर एक्टिविटी ना होने से फ्रेश हवा यानी आक्सीजन दिमाग तक नहीं पहंचती है और इससे दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
डिप्रेशन भी है भूलने की बीमारी का कारण
युवाओं में बढ़ता डिप्रेशन एक बड़ा कारण बनता जा रहा है भूलने की बीमारी का। अत्याधिक काम करने के बाद भी उसमें सफलता ना मिलना, काम के कारण अपनों से दूर रहना, कम बातचीत करना, अपने तनाव शेयर करने के लिए आसपास कोई दोस्त ना होना कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जो युवाओं को डिप्रेशन का शिकार बना रहा है।
डिप्रेशन के कारण दिमाग की ध्यान देने, फोकस करने की क्षमता पर असर पड़ता है और धीरे-धीरे दिमाग चीजों को भूलना शुरू कर देता है।
शरीर में कुछ विटामिन की कमी से भूलने की बीमारी
दिमाग के एक्टिव काम करने के लिए विटामिन बी १२ , बी -१ की जरूरत होती है , इसकी मात्रा बहुत कम चाहिए होती है लेकिन जरूरी होती है। कईं बार शरीर में इन विटामिन की कमी हो जाती है और व्यकित भूलना शूरू कर देता है।
सिगरेट, शराब और नशे से भूलने की बीमारी
सिगरेट पीने से दिमाग में पहुचने वाली आक्सीजन में कमी आनी शुरू हो जाती है जिससे आदमी चीजें भूलना शुरू कर देता है ,इसी प्रकार शराब और ड्रग्स का ज्यादा सेवन दिमाग के कुछ कैमिकल को चेंज कर देते हैं जिसका सीधा असर हमारे याद करने की क्षमता पर पड़ता है।
कुछ बीमरियां भी भूलने का कारण
यदि व्यकित ब्रेन ट्यूमर या हाइपोथायराइड बीमारी का शिकार हो जाता है तो भी उसे भूलने की बीमारी शुरू हो जाती है लेकिन जैसे ही बीमारी ठीक होती है भूलने की समस्या भी खत्म हो जाती है।
किन बातों का ध्यान रखें अपनी जीवनशैली में जिससे कम उम्र में भूलने की बीमारी ना सताए
अपने लाइफस्टाइल में सुधार करें, शारीरिक और मानसिक व्यायाम जरूरी , नींद पूरी लें, सप्ताह में पांच दिन व्यायाम जरूर करें। चाहें वों लंबी वाॅक हो, योग, एरोबिक्स या कोई और व्यायाम।
शरीर के साथ आपके दिमाग की कसरत भी बहुत जरूरी है। इसके लिए कोई ना कोई पजल हल करें, सूडूको खेलें, शतरंज खेलने से भी अच्छी मैंटल एक्सरसाइज होती है।
आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि दिमाग की कसरत करने के लिए वर्चुल गेम्स की बजाय रियल गेमस खेलें। मतलब वीडियो गेम्स खेलने की बजाय शतरंज , सूडूको ङल करें। कोशिश करें साल दो साल में अपने शौक जरूर बदलें, नए शौक अपनाने से दिमाग उसको खीखता है और उसकी कसरत होती है।
अपनी नींद जरूर पूरी करें। ये सुनिशिचत करें कि आप ७-८ घंटे की पूरी नींद लें. सोने के दौरान दिमाग को आराम मिलता है और वो अगले दिन के लिए बिल्कुल फ्रेश हो जाता है। सोने से कुछ समय पहले टीवी, मोबाइल, क्म्पयूटर से दूर रहें क्योँकि ये सब माध्यम नींद भगाते हैं। नींद आ भी जाए तो डीप नहीं आती , दिमाग में तनाव बना रहता है।
जंक , तले -फूड से बचें पौष्टिक भोजन लें।
जंक फूड एक बड़ा कारण है आपके दिमाग को बीमार करने का । इससे दिमाग में आक्सीजन की कमी हो जाती है क्योंकि प्रोसेड फूड खून की नलियों में रूकावट डालता है और दिमाग में खून की सप्लाई कम होने से उसके याद करने की क्षमता पर असर पड़ता है।
इसलिए जंक, तला, प्रोसेड फूड का कम से कम सेवन करें, हेल्दी डाइट लें। जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, हरी सब्जियां , फल शामिल हों।
खाने के कईं ऐसे आइटम हैं जो यादादाश बढ़ाते हैं, अपनी डाइट में इन्हें अपनी सुविधानुसार रोजाना शामिल करें। सलमैन फिश में मेगा थ्री फैटी एसिडस बहुत ज्यादा होता है जो दिमाग के लिए बहुत अच्छा है।
मेवा – बादाम,अखरोट का सेवनअवोकाडो फल ब्रोकली, पालक और दूसरी हरी पत्तेदार सब्जियां, रेड वाइन, बींस यानी फलियां,डार्क चाकलेट
डाक्टर की सलाह पर ही लें मैमरी पिल
भूलने की बीमारी से परेशान होकर बहुत से युवा इस बीमारी का कारण जाने बिना अपने आप ही मैमरी पिल लेना शुरू कर देते हैं , जो खतरनाक साबित होती है।
बाजारों में नेचुरल और आर्टिफियल तरीके से बनी मैमरी पिल बिक रही हैं , दोनों के ही शरीर पर साइड इफेक्ट होते हैं, नेचुरल तरीके से बनी मैमरी पिल के साइड इफेक्ट कम होते हैं।
लेकिन मैमरी पिल शुरू करने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें और ये जरूर जान लें कि किस कारण आप भूलने की बीमारी का शिदकार हो गए हैं, यदि ये कारण आपकी गलत लाइफस्टाइल, मल्टीटैस्क या नींद पूरी ना होने या अन्य किसी कारण से हैं जो आपकी अपनी देन हैं
तो उसमें सुधार करके , काउंललिंग, टेस्ट , कई आसान थैरेपी से आपकी भूलने की बीमारी दूर हो सकती है। यदि टेस्ट कि जरिए डाक्टर को लगता है कि आपके दिमाग के रिलेक्स के लिए , दिमाग की क्षमता बढ़ाने के लिए किसी प्रकार की दवा, मैमरी पिल की जरूरत है तो वो लिख कर देगा। अपने आप किसी भी पिल का सेवन ना करें।
सामजिक होकर रहें
अपने मित्रों, परिवार के सदस्यों से खुलकर बातचीत करें । कटे कटे रहने की बजाय सामाजिक होकर रहें। सप्ताह में एक दिन अपना मनपसंद काम जरूर करें। चाहे वो फिल्म देखना हो, खेलना हो या अच्च्छा खाना हो। कोशिश करें कुछ समय प्राकृति के पास गुजारें। ये सब बातें अपनाने से दिमाग को शांति, सूकुन और ताजगी मिलती है ।
इससे आपको अकेलापन नहीं सताता, डिप्रेशन की समस्या नहीं आएगी। खुद अजमा कर देखिए और देखिए आपकी कार्य क्षमता में इसका कितना अच्छा असर पड़ता है।
अभी तक हमने उन मामलों की बात की है जहां पर हमारी गलत दिनचर्या, खानपान- गलत आदतों , तनाव और बीमारियों के कारण लोग शार्ट टर्म मैमरी लोस , डिमनशिया (भूलने की बीमारी) का शिकार बन रहे हैं ।
यदि समय रहते अपनी आदतों में सुधार किया जाए, लाइफस्टाइल में चेंज लाया जाए और इलाज शुरू हो जाए तो भूलने की बीमारी खत्म हो सकती है।
लेकिन बढ़ती उम्र और कईं गंभीर बीमारियों के कारण होने वाली भूलने की बीमारी ठीक नहीं हो पाती है यानी रिवर्सिबल नहीं होती है। हां सही खान-पान, इलाज और कईं तरह के दिमागी गेम , व्यायाम को अपनाने से दिमाग की याद करने , फोकस करने की क्षमताएं तेजी से खत्म ना होकर धीरे-धीरे खत्म होती हैं। आपकी बीमारी कंट्रोल में रहती हैं। जानते हैं इसके बारे में।
एलजिमर
बढ़ती उम्र की बीमारी है ए ल्जिमर, इसमें मरीज भूलने की बीमारी का शिकार हो जाता है। इसमें उम्र बढ़ने के कारण दिमाग की सैल कमजोर पड़ने लगती हैं और मरीज एलजेमर बीमारी का शिकार बनता है।
शार्ट और लांग टर्म मैमरी लोस, एलजेमर बीमारी में बड़े पैमाने पर देखी जाती है। यानी व्यकित को २० साल पुरानी बातें याद होंगी लेकिन २० मिनट पहले की बात भूल जाएगा।
बड़ी उम्र में होने वाली पारकिंसन बीमारी में भी व्यकित चीजों को भूलने लगता है।
सिजोफ्रेनिया एक और बीमारी है जो डिमनशिया यानी भूलने की बीमारी का कारण मानी गई है। ऐसे मरीजों में सोचने की क्षमता कम होने लगती है और वो बहुत जल्द चीजों को भूल जाते हैं।
भूलने की बीमारी के कुछ जैनटिक कारण भी जिम्मेदार होते हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों में चलते आते हैं।
हनटिंग्नस (. Huntingon`s ) एक रेअर बीमारी है जिसमें एक खराब जींस डिमनशिया के लिए जिम्मेदार होती है।
दुर्घटना भूलने का बड़ा कारण
दुर्धटना एक और बड़ा कारण हैं जिसके कारण हमारे दिमाग पर चोट लगने से याद करने-रखने की क्षमता कम हो जाती है। कई मामलों में आदमी को पुरानी बातें याद नहीं रहती है और कई में वो नई बातों को याद नहीं रख पाता है। इसका कारण है दिमाग का जो हिस्सा जो हमारी पुरानी और नईँ यादें समेट कर रखता वो दुर्धटना के कारण नष्ट हो जाता है।
यदि पुरानी याद वाला दिमाग का हिस्सा नष्ट हो जाता है तो आदमी को पुरानी बातें याद नहीं रहती यदि नईं बातों वाला हिस्सा खराब होता है तो नई बातें आदमी याद नहीं रख पाता।