Maharashtra -राज ठाकरे अपनी पैठ बढ़ाने के चक्चर में गंदी राजनीती
महाराष्ट्र में मराठियों के बीच अपनी पैठ फिर से बढ़ाने के लिए ठाकरे ब्रदर्स बहुत ज्यादा व्याकुल लगते हैं , जहां उद्वव थोडे पालिश तरीके से मराठी जनता को लुभाने में लगे हुए हैं वहीं उनके भाई राज ठाकरे उग्र तरीके से यह बताने की कोशिश करते रहते हैं कि महाराष्ट्र पहले मराठियों का है फिर किसी और का, और इसी तरह का संदेश उन्होंने मुबंई में हाल ही घटी एक हिंसक घटना को लेकर देने की कोशिश की, कहां तो दो समुदाय के बीच घटी घटना को नेतागण ठीक से संभालते कहां राज ठाकरे ने अपनी बयानबाजी से माहौल और हिंसक कर दिया, जी हाल हाल ही में एक दुकान के कबजे को लेकर मुंबई के कांदिवली में यादव बनाम चौहान समुदाय के बीत जमकर मार-पिटाई हुई और राम लखन यादव नाम के एक व्यकित की मौत भी हो गई। बस राज ठाकरे की पार्टी को तो जैसे मौका मिल गया हो उन्होंने तुरुंत इस मुद्दे पर अपनी एंट्री कर दी . राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं ने थाने पहुंचकर केस को अलग ही रंग देने की कोशिश कर दी, पार्टी के नेता दिनेश साल्वी कहने लगे कि दोनों पक्षों के लोगों पर केस दर्ज होना चाहिए , उन्होंने यह भी कह दिया कि यूपी बिहार के लोगों ने मुंबई का माहौल खराब कर रखा है। रोज ऐसी हो रही हैं और अगर पुलिस से नहीं संभलती तो हम अपने स्तर पर इससेनिपटेंगे। बस इस बयान के सामने आने से एक बार फिर मुंबई में राजनीती गर्मा गई है, लेकिन देखना यही है कि धर्म और जाती के नाम पर राजनीती करने वाले नेताओं को क्या मुंबई की जनता, महाराष्ट्र की जनता चुनावों में सबक सिखाएगी।
Bihar —मोदी का सिपाही निकला बहुत लालची

कहते हैं ना राजनीती में कोई दल किसी का सगा नहीं कोई नेता किसी को दोस्त नहीं रहता बस जहां अपने फायदे की राजनीती हो सब वहीं पलटी मार लेते हैं, अब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को ही ले लीजिए कल तक एनडीए का हिस्सा भी थे और मंत्री भी और तब मोदी सरकार की तारीफों के पुल बांधते नहीं थकते थे, लेकिन हाल फिलहाल में उन्होंने जब से एनडीएन छोड़ महागठबंधन का दामन पकड़ा है वो बहुत ज्यादा आक्रमक हो गए हैं और बिहार में नीतीश और केंद्र में बीजेपी के खिलाफ बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ते और हाल ही में की गई उनकी एक टिप्पणी से समझ में नहीं आ रहा कि क्या सचमुच बिहार में ऐसा हो रहा है या पशुपति की ये राजनीतीक चाल है। जी हां पशुपति ने सरेआम बयान करते हुए कह दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले ही एनडीए गठबंधन टूट सकता है। अब इस राजनीतिक भविष्यवाणी को कईं नेता और बीजेपी के सहयोगी दल बड़ा सीरियस ले रहे हैं लेकिन कईं कद्दावर बीजेपी नेता इसे पशुपति की frustration बता रहे हैं। कभी पीएम मोदी के खास सिपाही रहे पशुपति को अचानक क्या सूझा जो यह बयान दे डाला , वैसे दबे स्वर में चर्चा है कि अपने भतीजे चिराग पासवान के रंग रूप और लगातार बगावती तेवर देखकर पशुपित ने यह बयान दे डाला।
