Meditation helps to heal certain disease -fast way to combat stress
20 मिनट का ध्यान करो 6 घंटे की नींद पूरी
कम ही लोग ये जानते होंगे कि २० मिनट का ध्यान यानी मेडिटेशन, पूरे 6-7 घंटे की नींद के बराबर होता है, यानि इतनी देर ध्यान करने के बाद आपको वही ताजगी, तेजी और काम करने की इच्छा और शरीर में चुस्ती आएगी जो रातभर नींद लेने के बाद सुबह महसूस होती है।
रातभर की अच्छी नींद से ना केवल हमारा शरीर अपने दिनभर की टूटफूट ठीक करता है बलिक दिमाग में चल रहा सारा तनाव खत्म हो जाता है क्योंकि अच्छी नींद दिमाग को भी अगले दिन के लिए तैयार कर देती है।
ध्यान तनाव खत्म करता है
जिंदगी में आने वाले तनाव को कम करना या पूरी तरह से खत्म करना है। सोचिए जब ध्यान लगाने से आपका दिमाग शांत रहेगा, तनाव में नहीं होगा तो ऐसा दिमाग काम में एकाग्रता लेकर आता है, दिमाग शांत रहता है तो सब्र करने की क्षमता बढ़ती है और नए नए तरीके दिमाग में आते हैं और आपको तरक्की के रास्ते पर बढ़ाते हैं।
घ्यान के और बहुत फायदे बताए गए हैं , जैसे की दिमाग को केंद्रित करने के लिए अकसर डाक्टर ध्यान लगाने की सलाह देते हैं। यही नहीं कोई भी काम ठीक ढ़ंग से शुरू करने के लिए अकसर उसपर ध्यान लगाने की हिदायत आपको मिलती रहती होगा।
परीक्षा शुरू होने से पहले पांच-दस मिनट तक घ्यान लगानकर सारा पाठ रिवाईज करने का फार्मूला तो बहुत पुराना है जो हमारे अभिभावक हमारे, शिक्षक वर्षों से देते आए हैं।
ध्यान के बहुत फायदे हैं, ये बहुत सी बीमारियों के लिए फायदेमंद हैं , मतलब शारीरिक रोगों के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि इसको करते समय शरीर से कईं ऐसे कैमिकल का रिसाव होने लगता है जो शरीर की कईं बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा आम
ध्यान लगाने से गुस्सा भी कम
ध्यान लगाने का एक फायदा और भी है कि ये आपको गुस्से पर काबू करना भी सीखाता है। अकसर आपको कहा जाता है गुस्सा आए तो पानी पियो, एक से दस तक गिनती गिनो, यह कहने का मतलब होता है कि इससे आपको दिमाग का ध्यान कहीं ओर चला जाता है और गुस्सा शांत हो जाता है।
ध्यान का उपयोग नशे की आदत छुड़ाने के लिए भी किया जा रहा है और इसके बहुत से लाभकारी उपयोग सामने आए हैं। इसके जरिए नशा करने के आपके ट्रिगर्स को काबू किया जा सकता है।
बिना प्रेक्टिस 12 सैकेंड ही लग पाता है ध्यान
पर यह सबको पता भी है कि ध्यान लगाना , दिमाग को एक जगह सैट करना कितना मुशिकल काम है कुछ एक्सपर्ट बताते हैं कि एक इंसान बिना प्रेक्टिस के 12 सैकेंड से ज्यादा ध्यान नहीं लगा पाता है। इससे पहले भी कईं लोगों का ध्यान भटक जाता है। दिमाग में कईं प्रकार की सोच आनी शुरू हो जाती है। पर एक्सपर्ट की माने तो ध्यान लगाने के कुछ आसान नियमों का पालन करके लंबे समय तक ध्यान लगाया जा सकता है।
ध्यान के लिए कौन सी जगह उतम
सबसे पहला नियम है कि ध्यान लगाने के लिए एक ऐसी जगह का चुनाव करो, जहां आपको कोई डिस्टर्ब ना कर सके। वैसे अगर बंद कमरे में ना बैठकर बाहर प्रकृति के बीच में ध्यान लगाएंगे तो इससे बहुत फायदा पहुंचता है। घर में ही अगर खुली छत है या पेड़-पौधों के बीच ध्यान का अपना ही फायदा है।
उसके बाद बैठने के लिए अपना आसान ऐसा चुने जहां आप आराम से बैठ जाएं। नीचे आसान लगाकर , आलती-पालती मारकर बैठने का तरीका सबसे बेहतर माना गया है। दोनों ही आरामदायक हों इस बात का ध्यान रखें।
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ध्यान लगाने के कोई कड़े नियम नहीं
लेकिन यहां ये बात स्पष्ट समझ लें कि अगर ये सब वातावरण उपलब्ध नहीं है और अगर आप नीचे भी नहीं बैठ सकते तो यह कतई जरूरी नहीं कि आप नीचे बैठकर आलतीपालती मार कर ही बैठा जाए, आप सोफे पर बैठ सकते हैं, कुर्सी पर या किसी अन्य जगह बैठ कर ध्यान लगा सकते हैं, बस ध्यान भटकने का ज्यादा खतरा रहता है पर प्रकिटस करेंगे तो वो भी ठीक हो जाएगा।
ध्यान के लिए सुबह का समय सबसे उतम
सुबह का समय ध्यान करने के लिए सबसे उतम समय माना जाता है और ऐसा करने से पूरे दिन शरीर में एनर्जी रहती है, मूड खुश रहता है , सुबह का ध्यान आपके पूरे दिन के लिए मूड सेट करता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि सुबह का ध्यान मन को शांत रखने , तनाव कम करने और मूड को पोजीटिव बनाने में मदद करता है।
इसके पीछे कारण यही है कि सुबहें ज्यादातर शांत होती हैं, जो ध्यान के लिए सबसे अनुकूल वातावरण माना गया है और सुबह के रूटीन का पालन करना सबसे आसान होता है क्योंकि इसके बाद घर-बाहर के काम में बिजी हो जाते हैं। ध्यान लगाने के लिए सुबह और रात को डिनर करने से पहले का समय ठीक रहता है।दोनों समय भी ध्यान लगाना बहुत फायदेमंद है।
कैसे लगाएं ध्यान
ध्यान लगाने के लिए अपनी कमर सीधी रखें थोड़ा लेट कर ध्यान लगाने के लिए मना किया जाता है क्योंकि इस पोज में नींद आने की ज्यादा संभावना रहती है।एक्सपर्ट मानते हैं कि शरीर को जब आरामदायर पोज मिल जाता है तो दिमाग ध्यान करने की बजाय नींद में चला जाता है और कईं बार इसका पता भी नहीं चल पाता है।
इसके बाद अपना ध्यान किसी पर केंद्रित करने के लिए एक मंत्र या किसी शब्द का चयन करें। जिसको आपको मन ही मन दोहराना है।आप उस मंत्र या शब्द का चयन कर सकते हैं जो आप आसानी से बोल लेते हैं और जो आप बार-बार सुनते रहती हैं और वो आपके दिमाग में कहीं ना कही रजिस्टर होता है। जैसे की ओम , ये शब्द बड़ी आसानी से बार बार बोला जा सकता है।
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मंत्र या शब्द का उच्चारण करने का उद्देश्य होता है ध्यान लगाते समय आपका दिमाग इधर-उधर ना भटके, उसी मंत्र या शब्द के उच्चारण पर केंद्रित रहे। इससे आपके दिमाग में सोच-विचार आने कम होने हैं और आपका पूरा ध्यान धीरे-धीरे मंत्र पर ही केंद्रित होना शुरू कर देता है।
इसके बाद अपनी आंखें धीरे से बंद करके तीनचार बार नाक से सांस लेकर मुंह से निकलना है। फिर धीरे -धीरे सामन्य सांस लेते हुए मन ही मन मंत्र का उच्चारण शुरू कर देना है। उच्चारण करते आपके होठ हिलें और जीभ दोनों ना हिलें बहुत ही आराम से, शांत मन से मंत्र का उच्चारण करते रहना है इस दौरान बहुत बार ऐसा होगा कि आपका ध्यान मंत्र से भटकर कईं तरह के विचारों में चला जाएगा।
ये बहुत नार्मल मानव व्यवहार है।इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं है जबरदस्ती अपना दिमाग खाली करने की कोशिश ना करें ना ही मंत्र का उच्चारण बंद करें। जैसे ही अहसास होने लगता है कि ध्यान भटक रहा है, उसे वापस मंत्र पर लाएं और उच्चारण जारी रखें।
10-15 मिनट मंत्र का उच्चारण करने के बाद मंत्र का उच्चारण बंद कर दें, दो-तीन मिनट आंखें बंद रखें और फिऱ धीरेधीरे आंखें खोलकर अपनी दिनचर्या के लिए तैयार हो जाएं।
शुरू में आप 15-20 मिनट का ध्यान नहीं लगा सकते तो शुरूआत 2 से 4 मिनट से करें, और धीरेधीरे समय की अवधि बढ़ाएं समय जानने के लिए हल्के अलर्म का उपयोग करें, अलार्म बजने के बाद मंत्र का उच्चारण बंद करें और दोतीन मिनट तक आंखों को रिलेक्स करकें बंद रखें और फिर वापस सामन्य हों।
क्यों जरूरी बन गया ध्यान
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी को कुछ ऐसा समय ऐसे पल चाहिए जो हमें हमें सुकून, शांती दें क्योंकि यही जीवन को खुश और संतुष्ट रहना सीखाते हैं। हर किसी को अपने ढंग का सुकून चाहिए चाहे वह एक रोता हुआ बच्चा हो, या एक असुरक्षित किशोर हो, या एक कामकाजी या पारिवारिक व्यक्ति हो।
ध्यान एक ऐसी आर्ट है जो हम सभी को शांती देती है और यही कारण है कि इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। ध्यान करने के फायदे जानकर आजकल हर उम्र के लोग इस अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना रहे हैं जैसे कि हमने कहा कि ध्यान के अलग-अलग फायदे हैं और हर उम्र के लोग इस अपने हिसाब से करते हैं औप फायदों का लाभ उठाते हैं।
कईं लोग ध्यान करके अपने काम करने की क्षमता बढ़ाने की कोशिश करते हैं, कई लोग इसे तनाव कम करने के साथ एकाग्रता विकसित करने के तरीके के रूप में अपनाते हैं। कुछ लोग जो ठीक से सो नहीं पाते ध्यान के जरिए अपनी नींद की कमी को पूरा करते हैं और मानसिक और शारीरिक स्वस्थ को ठीक बनाए रखते हैं।
यह भी सच है कि शरीर के छोटे-मोट दर्द से ध्यान हटाने के लिए भी लोग ध्यान का सहारा लेते हैं लेकिन ये बहुत प्रेक्टिस के बाद ही संभव हो पाता है।
कई रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि तनाव के कई कारण शरीर में कईं हानिकारक कैमिकल का प्रवाह शुरू हो जाता है ये कैमिकल नींद को बाधित कर सकते हैं, अवसाद और चिंता को बढ़ावा दे सकते हैं, रक्तचाप बढ़ा सकते हैं और शरीर को थकान का अहसास दिलाते हैं।
लेकिन रिसर्च यह भी बताती हैं कि ध्यान लगाने से ये सारा तनाव कम हो जाता है और पूरी तरह से खत्म भी हो जाता है पर इसे नियमित रूप से करना जरूरी होता है कई अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि ध्यान करने से चिंता भी कम हो सकती है.
ध्यान के कईं हैं प्रकार
ध्यान के कईं प्रकार हो सकते हैं जैसे भजन-कीर्तन करना ध्यान की ही एक विधि है जो आपको शांत रखती है कुछ और प्रकार के ध्यान विशेष रूप से अपने और दूसरों के प्रति आपकी सोच को पीजीटिव बनाते हैं, मेटाटा, एक प्रकार का ध्यान है जिसे प्यार-दयापूर्ण ध्यान के रूप में भी जाना जाता है, अपने आप के प्रति दयालु विचारों और भावनाओं को विकसित करने के साथ शुरू होता है
रिसर्च में पाया घ्यान के कईं फायदे
एक रिसर्च में यह देखा गया कि जिन लोगों ने नियमित रूप से ध्यान लगाना शुरू किया उन्हें बहुत अच्छी नींद आनी शुरू हो गई। इसमें माइंडफुलनेस-मेडिटेशन कार्यक्रमों की रिसर्च की गई थी ।
यही नहीं एकसपर्ट मानते हैं कि यदि आप ध्यान लगाने में कुशल बन गए हैं तो आपको रेसिंग या भागने के विचारों को नियंत्रित करने या पुनर्निर्देशित करने में भी मदद मिल सकती है जो कईं बार नींद ना आने का कारण बनते हैं । ध्यान शरीर को आराम देने, तनाव मुक्त करने और एक शांतिपूर्ण स्थिति में रखने में मदद कर सकता है।
युरोपियन स्लीप रिसर्च सोयायटी ,लिस्बन पुर्तगाल की 20 वीं में कांग्रेस में पेश की गई एक रिसर्च में 15 पुरुष ध्यानकर्ताओं के नींद के पैटर्न की तुलना 15 वर्ष की आयु और शिक्षा से मेल खाने वाले, गैर-ध्यान करने वाले पुरुष के नियंत्रण समूह के साथ की गई। प्रतिभागियों की आयु 25 से 55 वर्ष के बीच थी।
परिणामों से पता चला कि ध्यान करने वालों की नींद, नींद की क्षमता और कुल नींद का प्रतिशत गैर-ध्यान करने वालों के नियंत्रण समूह की तुलना में काफी अधिक था। ध्यान करने वालों को भी बेहतर नींद की गुणवत्ता का अनुभव हुआ, जैसा कि नींद शुरू होने के बाद कम जागने से पता चलता है।
डाक्टरों की सलाह ध्यान करें नियमित
ध्यान के इतने फायदों के कारण ही आज हर डाक्टर अपने मरीजों को हर रोज ध्यान लगाने की सलाह दे रहे हैं। मकसद एक ही है अपने दिमाग को शांति देना। यह अलग है कि दिमाग को शांति देने के लिए कोई अकेले बैठकर मेडीटेशऩ करता है, किसी को ग्रुप के साथ ओम बोलने से शांति मिलती हैं।
बहुत से लोग आजकल भजन- कीर्तन के जरिेए अपने मन को शांत रखते हैं, यह भी ध्यान का ही रूप है जहां भगवान में आस्था के जरिए दिमाग को शांत किया जाता है। अच्छी बात ये है कि इसको करने का कोई एक तरीका नहीं है जो जिसको सूट करता है, कोई भी जगह, कोई भी समय इसे किया जा सकता है लेकिन जरूरी है कि इसका पूरा फायदा लेने के लिेए इसे नियमित करें , सुबह के समय रूटीन बनाएं, प्राकृतिक के बीच रहकर करें।