Bjp बाहरी VS आदिवासी बना रही मुद्दा- डिग्गो से मतलब नहीं
झारखंड चुनाव में भाजपा एक बहुत अलग रणनीति पर काम कर रही है, सामान्यत खंड में चुनाव बाहरी वर्सेस आदिवासी को लेकर के चुनाव होता है। इस पूरे उपक्रम में बाहर के लोग या जो लोग यूपी , बिहार या बाकी अन्य राज्यों के लोग यहां आकर के बस गए हैं , उनको वहां की भाषा में डिग्गो बोला जाता है । इस तरह की एक मुहिम बनाई जाती है, माहौल बनाया जाता है कि यह लोग ट्राइबल यानी आदिवासियों के संसाधन को हड़प रहे हैं । नईं चुनावी रणनीति शुरूआत आसाम के मुख्यमंत्री से पर भारतीय जनता पार्टी ने इस मुहिम को एक नई, बदली हुई रणनीति में तैयार किया है। इस रणनीति कि शुरूआत की है आसाम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने जो झारखंड में लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने झारखंड में नई रणनीति बनाई है आदिवासी वर्सेस घुसपैठिया । घुसपैठियों ने जिस तरह से आदिवासियों के इलाकों में उनकी जमीन पर कब्जा किया है, उनकी लड़कियों के साथ लव जिहाद या शादी करके जमीन पर लगातार कब्जे हो रहे हैं, हेमंता ने इस मुद्दे को यहां बीजेपी के चुनाव में बड़ी प्रमुखता से उठाया है। इसको लेकर हेमंता लगातार झारखंड सरकार की कमजोरियां गिना रहे हैं ।
प्रधानमंत्री ने भी इसी लाइन पर प्रचार किया
और प्रचार के लिए झारखंड पहुंचे प्रधानमंत्री ने भी यही बात दोहरा कर यह साबित कर दिया की बीजेपी ने यहां चुनाव जीतने के लिए बहुत सालिड ग्राउँड बना लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा की झारखंड में उनकी सरकार आती है तो सबसे पहले रोहिंग्या और घुसपैठियो को प्रॉपर्टी से बेदखल करेंगे और जो उन्होंने गलत तरीके से जमीन पर कब्जा कर रखा है उसे वापस आदिवासियों को दिलवाएंगे।
Bjp के पास आदिवासियों नेताओं की बड़ी लिस्ट
झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आदिवासियों को लेकर बड़े काम किए हैं, बीजेपी के बड़े बड़े नेता इस समय आदिवासियों को लुभान में लगे हैं इसमें उनके बड़े नेता बाबूलाल मरांडी का नाम शामिल है जो काफी समय पहले वापस आ गए हैं , अभी वह प्रदेश अध्यक्ष हैं । इसके अलावा अर्जुन मुंडा ट्राइबल नेता है उसके अलावा विशेष रूप से केंद्र में ट्राइबल नेता चंपई सोरन, हेमंत सोरन के जवाब में वह अब चुनाव भी लड़ रहे हैं । इसके अलावा मंडल मुरमू बीजेपी आ गए हैं जो हेमंत सोरन के प्रपोजर थे उन्होंने भी आज भारतीय जनता पार्टी जवाइन कर ली है और बीजेपी की लाइन दोहरा रहे हैं कि ट्राइब्स के साथ जिस तरह से डेमोग्राफी चेंज हो रही है उस पर सरकार ने आंख बंद कर रखी है और उसका विरोध बहुत जरूरी है और उस विरोध में जिस तरह से मंडल मुरमू शामिल हुए हैं , यह बड़ा महत्त्वपूर्ण डेवलपमेंट है कि मुख्यमंत्री यानी सिटिंग चीफ मिनिस्टर हेमंत सोरेन का विधानसभा चुनाव का प्रपोजर उनसे नाराज है और भारतीय जनता पार्टी के पास आ गया है
झारखंड का पूरा चुनाव डेमोग्राफी में बदलाव मुद्दा
इस समय माना जा रहा है कि झारखंड का पूरा का पूरा चुनाव डेमोग्राफी में बदलाव को लेकर हो गया है। और उस डेमोग्राफी के बदलाव पर काम करने की बात भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता कर रहे हैं । यह महत्त्वपूर्ण है ना केवल चुनाव के दृष्टि से बल्कि जो एक सामाजिक समीकरण झारखंड में बन रहा है और धीरे-धीरे यहां मुस्लिम पॉपुलेशन बहुत तेजी से बढ़ रही है उस चैलेंजिंग सिचुएशन का सामना कैसे किया जाएगा यह बीजेपी की रणनीति है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों से सावधान रहने की मुहिम
पश्चिम बंगाल और दूसरी तरफ आसाम दोनों में ही बांग्लादेशी घुसपैठियों का अड्डा बन रहा है। और वहां से लगातार घुसपैठ हो भी रही है। ऐसे में जो पूरा ट्राइबलस्टेट है उसका चरित्र ही बदल रहा है आसाम जैसे लिंग्विस्टिक पर बदलाव हो रहा है वैसे झारखंड में आदिवासियों की स्थिति में बदलाव हो रहा है और यहां बीजेपी ने जो नई स्ट्रेटेजी बनाई है , उस स्ट्रेटजी में ट्राइब्स को इस नई स्थिति , नई मुसीबत के बारे में उनको जागरूक किया जा रहा है। और बीजेपी की यह रणनीति चुनाव कितनी प्रभावी होगी यह तो चुनाव परिणाम से ही पता लग पाएगा। लेकिन निश्चित तौर पर ग्राउंड पर इसका प्रभाव बहुत मजबूती के साथ दिख रहा है