नरेश यादव भारत के लाखो लोगो के लिए आशा के प्रतीक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है, दिल्ली के साधारण परिवार में जन्मे नरेश यादव का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। नरेश यादव ने अपनी राजनीति की यात्रा खुद लिखी है, इनके पास न तो किसी बड़े आदमी का सपोर्ट था और न ही यह एक बड़े सितारे थे। जिंदगी में कभी हार न माना का दृढ़ संकल्प ही नरेश यादव के पास एक मात्र सहारा था जिसकी मदद से आज नरेश यादव दिल्ली के बड़े नेता में से एक बन चुके है।
नरेश यादव का व्यक्तिगत विवरण
नरेश यादव का जन्म 5 फरवरी 1972 को दिल्ली के कपास हेरा में हुआ था, इनके पिता का नाम हीरा लाल यादव है और पत्नी का नाम प्रीति यादव है, इनके एक बेटी और एक बेटा है। नरेश यादव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में ली और उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पेशे से नरेश यादव एक वकील और राजनीतिज्ञ है।
नरेश यादव का राजनीतिक कैरियर
नरेश यादव का राजनितिक करियर 2015 में शुरू हुआ, 2015 में नरेश यादव ने आम आदमी पार्टी को ज्वाइन किया और उन्हें आम आदमी पार्टी की उम्मीदवारी के साथ महरौली निर्वाचन क्षेत्र से दो बार प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था। अपने पहले ही इलेक्शन में नरेश यादव ने भारी मतों से जीत हासिल की। 2015 में नरेश यादव के हक़ में 51.06 % वोट पड़े और 16,591 वोट के अंतर से नरेश यादव ने एक बहुत बड़ी जीत हासिल की।
2020 में नरेश यादव को एक बार फिर से दिल्ली की जनता का सेवा करने के मौका मिला, 2020 के इलेक्शन में नरेश यादव को दिल्ली की जनता ने 54.27% वोट दिए और 18,161 वोट के अंतर से जीत हासिल की। 2020 में नरेश यादव का मुकाबला बीजेपी के कुसुम खत्री के साथ था, कुसुम खत्री ने नरेश यादव को टक्कर देने का पूरा प्रयास किया लेकिन हरा नहीं पाए। कुसुम खत्री को 44,256 वोट मिले और नरेश यादव को 62,417 वोट मिले जो 2015 के मुकाबले 3.21% अधिक थे। कांग्रेस के उम्मीदबार एए महेंद्र चौधरी को 6,952 वोट मिले, बसपा के कमल सिंह को 470 वोट और एआईएफबी के डीके चोपड़ा को 163 वोट मिले।
शिक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए दिया अधिक जोर
नरेश यादव ने दिल्ली की शिक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए काफी अधिक जोर दिया है, दिल्ली के सरकारी स्कूल में बढ़ते शिक्षा स्तर के लिए नरेश यादव का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यादव ने राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, उन्होंने स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार, शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने और छात्रों के बीच डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने की पहल की है। यादव के प्रयासों की वजह से दिल्ली के कई सरकारी स्कूल में परिवर्तनकारी बदलाव आए हैं, जिससे छात्रों को विश्व स्तरीय सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं।
सभी को एक साथ रखने का संकल्प
नरेश यादव की न्याय और समानता के प्रति यादव की प्रतिबद्धता उनके राजनीतिक एजेंडे की एक और आधारशिला है, यादव सकारात्मक कार्रवाई नीतियों के मुख्य समर्थक है, इनका मानना है की किसी के साथ भी किसी भी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए और हर व्यक्ति को उसका अधिकार मिलना चाहिए। नरेश यादव ने दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य वंचित समूहों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है जिसकी वजह से इनको काफी सरहाना भी मिली है। नरेश यादव ने हमेशा यह सुनिश्चित करा है की प्रगति की दिशा में कोई भी पीछे न छूटे चाहे वो किसी भी धर्म का आदमी हो या किसी भी जाती का आदमी हो।
सामाजिक कल्याण में भागीदारी
शिक्षा के साथ साथ नरेश यादव ने सामाजिक कल्याण में भी अपनी भागीदारी दिखाई है, यादव ने भ्रष्टाचार और भाईचारे के खिलाफ लड़ाई में भी सबसे आगे रहे हैं, भ्रष्टाचार के विरुद्ध आम आदमी पार्टी हमेशा से ही आगे रही है और इनका मुद्दा भी यही है की देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाये। यादव ने इस सामाजिक कार्य में अपना बढ़चढ़कर योगदान देने की पूरी कोशिश की है। जमीनी स्तर से भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के उनके प्रयासों ने उन्हें AAP में उनके घटकों और उनके सहयोगियों दोनों का विश्वास और सम्मान अर्जित किया है।