Miss Information  2024 चुनाव में कुछ काम कर गई पर क्या दोबारा काम करेगी ?

क्या मि?स इंफॉर्मेशन यानी गलत जानकारियों  के सहारे विपक्ष, सरकार  और भारतीय जनता पार्टी पर कोई दबाव बना पाएगी, उसे किनारे कर पाएगी,
क्या यह स्ट्रेटजी जो शायद 2024 चुनाव में कुछ काम कर गई थी  वही स्ट्रेटजी  दोबारा काम करेगी । इस तरह की जो स्ट्रेटजी है वो कितनी कारगर है और क्या विपक्ष इसमें सफल हो रहा है। ये कुछ बातें हैं जो विपक्ष की हाल फिलहाल की रणनीति से सामने निकल कर आई है।

खबर फैलाई गई नीतीश कुमार का एक बार फिर मोह भंग हो गया 

अभी हाल  ही में इस तरह की लगातार खबरें आई  कि नीतीश कुमार का एक बार फिर मोह भंग हो गया है और वह किसी भी समय एनडीए से पल्ला झाड़ सकते हैं। लेकिन उसके अगले ही दिन नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक रैली में साथ साथ शिरकत करते हैं और नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पैर छूने की कोशिश करते हैं जिसे प्रधानमंत्री ने रोक दिया। 

 राजनीतिक दलों के साथ  Muslim Organisation भी डरा रहे हैं 

अब  जिस दिन से केंद्र की सरकार बनी है उस दिन से लगातार इस तरह का नैरेटिव चलाए जाने की कोशिश की जा रही है या कोशिश हो रही है और बेहतर ढंग से कोशिश हो रही है कि एनडीए सरकार की बैसाखी, एक  तरफ जनता दल यू है और दूसरी तरफ टीडीपी है तेलुगु देशम पार्टी है, इन दोनों के जरिए ही सरकार पर दबाव बना कर रखा जाए। इन दोनों  की बैसाखी के सहारे केंद्र की सरकार चल रही है और विपक्ष ही नहीं  तमाम और  राजनीतिक दल बल्कि राजनीतिक दल के अलावा जो मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशंस हैं जैसे जमीयत उलेमा हिंद जैसे ऑर्गेनाइजेशन है जो रामलीला मैदान से धमकी देते हैं कि आंध्र प्रदेश और  उसके बाद पटना में  रैली करेंगे  ये वहां की सरकारों  को धमका रहे हैं कि अगर आप हमारा साथ नहीं देंगे तो हम आपको अपने कम्युनिटी को वोट नहीं देने देंगे।

चंद्रबाबू नायडू के  ड्रीम प्रोजेक्ट मोदी सरकार के सहयोग से ही पूरे 

जो मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन है वो धमका रहे हैं और जेडीयू और तेलगू देशम को डराने और धमकाने का जो खेल चल रहा है ये  खेल कितना कामयाब होगा या नहीं कामयाब होगा उसपर गौर करने की जरूरत है। पहले बात करें आंध्रप्रदेश की आंध्र प्रदेश में बमुश्किल 6 से 7 पर मुस्लिम है क्या उन 67 पर मुस्लिम के लिए लगभग 92 पर हिंदुओं को तेलुगु देशम पार्टी नाराज करना चाहेगी । चंद्रबाबू मोदी सरकार के साथ टिके हैं क्योंकि उनके
पने बहुत से प्रोजक्ट हैं जो उन्हें पता है कि केंद्र सरकार के सहयोग के बिना पूरे नहीं हो सकते।  जैसे  अमरावती को राजधानी के रूप में व्यवस्थित करना और यह चंद्रबाबू नायडू का  ड्रीम प्रोजेक्ट है वह  लंबे समय से इस पर  काम करते आ रहे हैं । वह यह चाहते हैं कि  इस कार्यकाल में वह अपनी राजधानी को पूरी तरह से तैयार कर दे  तो मोदी  सरकार को गिरा कर क्या नायडू अपना सपना  अचीव कर पाएंगे , तो वो  अपने पैर में  कुल्हाड़ी क्यों मारेंगे, यह बात विपक्ष को समझ लेनी चाहिए कि नायडू मोदी को धोखा देने की स्थिति में नहीं हैं.

बिहार की सूरत बदली जा रही है -लगातार हो रहा विकास 

दूसरा बिहार की बात करते हैं नीतीश कुमार लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जिस तरह से उनके साथ लगे हुए हैं उससे नहीं लग रहा है कि कहीं से भी उनके दिमाग में इस तरह का कोई संदेह है।  और जहां तक मुसलमान वोटों की बात है तो नीतीश कुमार को इस बात का कोई गुमान या कोई मुगालता नहीं है कि जब तुलनात्मक रूप से बात आएगी कि मुसलमान को जनता दल यू को वोट करना बीजेपी को तो वोट वैसे ही नहीं करेगी जनता दल यू को वोट करना है या आरजेडी को वोट करना है तो वो आरजेडी को ही वोट करेगा। दूसरी तरफ जो भाजपा का हिंदू वोटर है या भाजपा को समर्थन करने वाला हिंदू वोटर है वो जेडीयू को वोट करने में उसको कोई संकोच नहीं है जैसा की  बिहार लगातार स्पेशल स्टेटस की बात करता रहा है लेकिन जिस तरह से अभी पिछले दो तीन महीने पहले प्रोजेक्ट डिक्लेयर हुए हैं इंफ्रास्ट्रक्चर का और वो प्रोजेक्ट ऐसे हैं कि वो किसी भी दृष्टि से विशेष राज्य का दर्जा होने या ना होने से फर्क पड़ने वाला नहीं है लेकिन जो करोड़ों लाखों करोड़ का इन्वेस्टमें हो रहा है वह बिहार की तस्वीर बदलेगा ,बिहार की सूरत बदलेगा। ऐसे में नीतीश कुमार भी मोदी सरकार से कोई पंगा लेने से कतराएंगे।

दो बैसाखियों को  गिराने की गलत गलत बयानबाजी 

कुल मिलाकर  विपक्ष जो लगातार सरकार की दो बैसाखियों के जरिए उसे गिराने के गलत गलत बयानबाजी कर रहा है, वास्तव में ऐसा कुछ है ना और ना ही होने वाला है।

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