बिहार में जल्द चुनाव होने वाले हैं और तमाम पार्टियों के नेता लगातार एक के बाद एक बिहार का दौरा कर रहे हैं , पर लगता है कि राहुल गांधी इस बार बिहार को लेकर काफी सीरियस हैं और बिहार में वो तीसरा दौरा कर रहे हैं, अपने दौरे के लेकर राहुल इतने उत्साहित हैं कि बाकायदा सोशल मीडिया पर बिहार के युवाओं को लुभाने के लिए एक वीडियो भी  डाला कि मैं 7 अप्रैल को मैं बेगूसराय आ रहा हूं, आप भी White T-Shirt पहनकर आइए। अब राहुल को उनकी पार्टी कितना सीरिसयली लेती हैं यह शायद कम ही लोग जानते हों पर विपक्ष खासकर बीजेपी राहुल को अभी भी डाउन करने , उनपर तंज कसने पर पीछे नहीं हटती, अब एक तरफ राहुल बिहार पहुंचकर पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा में बिहार के युवाओं के साथ  कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं  और दूसरी तरफ उनके बिहार पहुंचने पर बिहार के दिग्गज नेता और अपने बडबोले स्वाभाव के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर  कटाक्ष करते हुए कहा कि  राहुल गांधी पहले तो यह आंकडा युवाओं को दें कि  60 वर्ष कांग्रेस ने देश में राज किया तो कितनाे लोगों को रोजगार दे दिया। 1971 में कांग्रेस ने नारा दिया था आधी रोटी खाएंगे पर इंदिरा गांधी को लाएंगे।उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी आ गई और गरीब गरीब होते चला गया। गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी  को  इसका प्रायश्चित करने के लिए सिमरिया धाम जाने की भी सलाह दे डाली और यह तक कह दिया कि राहुल गोबर,  बालू खाकर गंगा में डुबकी लगाकर माफी मांगे ।

हरियाणा में कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी Rahul Gandhi ने भी मुंह मोड़ा

बेचारे राहुल क्या क्या देखे और संभालें, एक तरफ राहुल बिहार में कांग्रेस का भविष्य बनाने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ हरियाणा कांग्रेस के हाथों से फिसलता जा रहा है, जी हां ये वही हरियाणा है जहां कुछ महीने पहले ही कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए राहुल के साथ प्रियंका गांधी ने भी दिन रात एक कर दिए थे, पर कांग्रेस की अंदरूनी कलह ने जीती जिताई बाजी हाथ से छोड़ दी, और तब से अब तक  हरियाणा में कांग्रेस पार्टी लगातार कमजोर ही होती जा रही है, कारण वही है गुटबाजी। जी हां आलम यह है कि हाल ही में हुए निकाय चुनाव कांग्रेस ना केवल बुरी तरह से हार गई बल्कि उसके बाद संभालने की बजाय धडाम से गिरती ही जा रही है। गुटबाजी का यह हाल है कि वो हरियाणा में किसी भी कांग्रेंस प्रभारी को टिकने नहीं देती। राहुल गांधी की ओर से हाल ही में नियुक्त किए गए प्रभारी बीके हरिप्रसाद को भी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा नाको तले चने चबवा रहे हैं और आपको बता दें कि बीके हरिप्रसाद पिछले 6 साल में कांग्रेस के पांचवें प्रभारी हैं, और जो हालात चल रहे हैं, उसमें साफ लग रहा कि यह भी ज्यादा दिनों तक टिकने वाले नहीं हैं।  गुटबाजी के सामने बेबस होकर उन्होंने भी एक तरह से हथियार डाल दिए हैं।  राहुल गांधी की तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस पिछले 6 महीने से  पार्टी नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं कर सकी है। यही नहीं   पिछले 15 साल से कांग्रेस पार्टी जिलों और ब्लॉक स्तर पर कमेटी ही नहीं बना पाई है।चर्चा यही चल निकली है कि इन सब को देखते हुए राहुल ने भी हरियाणा की राजनीति से मुंहमोड़ कर बिहार का रूख कर लिया है राहुल को चाहे देर से ही समझ मे आ गया है कि हरियाणा की भारी-भरकम राजनीती उनके बस की नहीं है और यही बताया जा रहा है कि  अब वो अपना ज्यादा समय, पूरी रणनीति बिहार में कांग्रेस को ए पार्टी बनाने में गुजार रहे हैं,।माना जाता है कि हरियाणा की राजनीति ही ऐसी है कि राहुल और  सोनिया गांधी के कईं करीबी नेता यहां की गुटबाजी नहीं सुलझा पाए और मैदान छोड़कर भाग निकले,  भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी को पानी पिलाकर रख दिया।

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