पटना में RJD की बैठक में लालू यादव ने अपने चिरपरिचित अंदाज में एक तीर से दो शिकार कर लिए, सबसे पहले तो अपने बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री फेस बनाने की घोषणा करके बाहर तो क्या अपने परिवार में भी स्थिति clear कर दी कि RJD के अगले सुप्रीमों तेजस्वी ही हैं, जैसा कि सबको पता ही है कि लालू परिवार में भी पद , कुर्सी को लेकर भाई-बहनों में अंदरूनी कलह मचा हुआ था और चर्चाएं यहीं है कि तेजस्वी का रास्ता साफ करने के लिए ही तेजप्रताप को बलि का बकरा बनाया गया और उसके बाद ना मीसा और ना ही रोहिणी की आवाज किसी बात के लिए निकली। खैर एक तरफ लालू ने घर और पार्टी में मचा घमासान शांत कर दिया और दूसरी तरफ उन्होंने बिहार की आबादी में मौजूग 36% अति पिछड़ा वर्ग को लुभाने के लिए मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया ।आपको बता दें कि मंगनी लाल मंडल अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से आते हैं। और अध्यक्ष बनने के बाद rjd की पूरी कोशिश रहेगी उनके नाम और काम को वोट मांगने के काम में लगा दिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बोल इस अवसर पर कुछ बिगड़ गए और उन्होंने सीधे PM MODI पर ही तंज कस दिया कि हमारा तो बिहार ही परिवार है। पार्टी परिवार है। अकेला रहने वाला परिवार को क्या जाने!

देश के Home Minister क्यों बोलना पड़ा अर्थव्यवस्था पर


हाल ही में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ईरान- इजरायल के बीच युद्ध को लेकर भारत की अर्थव्यस्था के बारे में बात की तो लोगों को थोड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि अमित शाह इस विषस पर कम ही बोलते हैं , उन्होंने यह भी कहा कि इस युद्ध के साथ साथ जो पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची है, उससे भारत को फिलहाल कोई खतरा नहीं और अभी भी भारत विदेशी कंपनियों के लिए निवेश करने के लिए सबसे बढिया और सुरक्षित जगह है, अमित शाह ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि भारत में स्थिर लोकतंत्र है और ऐसे में सुरक्षा को लेकर भी हमारा देश सेफ है। वैसे माना जा रहा है कि अमित शाह को यह बोलने की जरूरत इसलिए भी पड़ी क्योंकि भारत ने पिछले साल ही ईरान के साथ 10 साल का समझौता किया है चाबहार पोर्ट को मैनेज करने के लिए, राहत की बात यही है कि अभी तक इजराइल ने ईरान में किसी भी बंदरगाह को निशाना नहीं बनाया है, कम ही लोग यह जानते होंगे कि भारत ने चाबहार पोर्ट में 85 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसके साथ ही INSTC यानी इंटरनेशनल नार्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट काॅरिडोर भी ईरान के साथ चल रहा एक महत्वपूर्ण प्रोजक्ट है, ईरान और ईजरायल के बीज चल रहे युद्ध से चर्चाओं का बाजार गर्म है कि यदि दोनों देशों में युद्ध लंबा चला तो भारत को नुकसान हो सकता है, पर अमित शाह ने इस बात को सिरे से नकारा है।

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