देश के बड़े Temple रोजगार और विकास को बढ़ावा दे रहे हैं
दो खबरें जिनपर ध्यान देना बहुत जरूरी है और ये दोनों खबरें उस बात को साबित करती हैं कि Temple बनने से ना केवल लाखों लोगों को रोजगार मिलता है बल्कि उस जगह का विकास भी उचाइयों पर पहुंच जाता है
पहली खबर अयोध्या में जब से प्राण प्रतिष्ठा हुई है यहां रोजाना एक लाख से ज्यादा श्रद्गालू और पर्यटक पहुंच रहे हैं और अब तक सवा करोड लोग यहां पहुंच चुके हैं
दूसरी खबर देश के जीडीपी में ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर का कारोबार साल 2017 के 15.24 लाख करोड़ रु से बढ़कर 2028 तक 32 लाख करोड़ रु तक पहुंचने अनुमान है
ये दोनों खबरें उस मिथ्य को बार बार झुठलाती हैं कि मंदिर बनाने का देश के विकास में कोई फायदा नहीं होता या उससे रोजगार के कोई अवसर नहीं मिलते । जब भी किसी मंदिर का निर्माण होता है, समाज का एक वर्ग इस तरह की बातें जरूर करता है कि मंदिर का निर्माण करने की बजाय स्कूल बना देते, अस्पताल बन जाता कितने लोगों का भला होता कितनी नौकरियां पैदा होती।
लेकिन लोगों के मन में बैठे इस भ्रम को तोडना बहुत जरूरी है और यह बताना जरूरी है कि एक मंदिर के बनने से ना जाने कितने लोगों को काम मिलता है, कितनी नौकरियां पैदा होती है और यही नहीं एक मंदिर की प्रसिदी , उसके प्रति लोगों की आस्था , बड़ी संख्या में tourist को बढ़ावा देती है जिससे पूरे के पूरे क्षेत्र का विकास होता है।
आइए ले चलते हैं देश के 12 ऐसे मंदिरों के दर्शन की ओर जो ना केवल प्रसिद्ध हैं, अमीर मंदिरों की सूची में आते हैं बलिक लाखों लोगों को रोजगार भी देते हैं, देश की अर्थव्यवस्था में भी इनका अपना योगदान है।
केरल में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर
इस सूची में सबसे पहला नाम केरल में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर का है। ये मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में है। इस मंदिर की देखभाल त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार द्वारा की जाती है। इस मंदिर को खजाने में हीरे, सोने के गहने और सोने की मूर्तियां शामिल हैं।
Sabarimala Ayyappa Temple
केरल में मौजूद एक और मंदिर Sabarimala Ayyappa Temple, Keralaभारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक इस मंदिर में हर साल लगभग 100 मिलियन श्रद्धालु आते हैं।
तिरुमाला तिरुपति Temple
दूसरा नंबर आंध्रप्रदेश में मौजूद तिरुमाला तिरुपति मंदिर का है । श्री वेंकटेश्वर मंदिर सबसे प्रसिद्ध और सबसे पुराने तीर्थ स्थलों में से एक है।लाखों करोड़ों की कमाई होती है और हजारों लोगों को रोजगार दे रहा है।
सिद्धिविनायक Temple
महाराष्ट्र राज्य में स्थित, सिद्धिविनायक मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जिसमें भगवान गणेश की पवित्र मूर्ति है। महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साईं बाबा मंदिर भी दुनिया के शीर्ष तीर्थ स्थलों में से एक है।
स्वर्ण Temple
पंजाब का स्वर्ण मंदिर एक विशाल मंदिर है जो सिखों के संपूर्ण इतिहास, धर्म और संस्कृति का आदर्श प्रतीक है। गुरुद्वारे की ऊपरी मंजिलों का निर्माण 400 किलो सोने का उपयोग करके किया गया है और इसे ‘द गोल्डन टेम्पल’ नाम दिया गया है।
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मीनाक्षी Temple
तमिलनाडु में मौजूद मीनाक्षी मंदिर, भारत के उन गिने-चुने मंदिरों में से एक है, जहां प्रतिदिन लगभग 20 से 30 हजार भक्त आते हैं। मंदिर को सालाना लगभग 60 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है।
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सोमनाथ Temple
गुजरात में मौजूद सोमनाथ मंदिर में पर्याप्त बेशकीमती संपत्ति है जो इसे भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक बनाती है।
जगनानाथ Temple
उडीसा में मौजूद जगनानाथ मंदिर यह भारत का एक और समृद्ध मंदिर है। इस मंदिर को एक बार एक यूरोपीय भक्त द्वारा दान के रूप में 1.72 करोड़ रुपये मिले थे
अक्षरधाम Temple
दिल्ली में मौजूद अक्षरधाम मंदिर न केवल भक्तों के लिए एक लोकप्रिय धार्मिक स्थान है बल्कि वास्तुकला का भी बेजोड़ नमूमा है। मंदिर के पास दुनिया का सबसे बड़ा व्यापक हिंदू मंदिर होने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
वैष्णो देवी Temple
वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है, जिसे देखने के लिए दुनिया भर से लाखों भक्त आते हैं।
काशी विश्वनाथ Temple
वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे सम्मानित धार्मिक स्थलों में से एक है इस मंदिर को मिलने वाला वार्षिक दान लगभग 4-5 करोड़ रूपए है।
कैसे ये Temple दे रहे हैं लोगों को रोजगार
तो आपको बताते हैं कि भारत के मंदिर करोड़ों लोगों को रोजगार कैसे देतें है… फूल, तेल, दीपक, इत्र, चूड़ियां, सिंदूर, चित्र और पूजा के कपड़े से लेकर पूजा में शामिल और तमाम वस्तुओं की बिक्री । बिक्री का मतलब है कितने लोगों को रोजगार , कितने लोगों की नौकरियां। मंदिर सिर्फ रोज़गार हीं नहीं देते अपितु आम लोगों की सेवा के लिए मंदिर ट्रस्ट विद्यालय, अस्पताल, वृद्धाश्रम, अनाथालय का भी निर्माण करवाते हैं, जिससे लाखों लोग फायदा उठाते हैं।
मंदिरों से बढ़ता पर्यटन और विकास
अब बात करते हैं मंदिरों के निर्मीण से पयर्टन को कितना बढ़ावा मिलता है । किसी जगह पर यदि ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं तो अपने आप ही उस जगह का व्यापाक विकास होना शुरू हो जाता है, सड़के अच्छी बनती है, पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल, धर्माशालाओं का निर्माण होता है, ऐसी जगहों को साफ-सुधरा, सुंदर बनाने पर भी जोर दिया जाता है।
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हिंदू बड़ी संख्या में Temple दर्शन के लिए खर्च करते हैं
जान गए हैं मंदिरों के बारे में तो यह भी जान जाइए कि भारत की कुल घरेलू सकल उत्पाद (जीडीपी) में धार्मिक यात्राओं की कुल हिस्सेदारी 2.32 प्रतिशत है , यही नहीं राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के सर्वे का अनुमान है कि भारत में मंदिर की अर्थव्यवस्था 3.02 लाख करोड़ रुपये है यानी कि लगभग 40 बिलियन डॉलर के बराबर ।आपको जानकर भी हैरानी होगी कि 55 प्रतिशत हिंदू, धार्मिक यात्राओं में अपने यात्रा व्यय का 50 प्रतिशत हिस्सा खर्च करते हैं। यानी देश के नागरिक मंदिरों के दर्शन में पूरा पैसा खर्च करते हैं।
कुछ बहुत ही दिलचस्प तथ्य
2016-17 पर्यटन क्षेत्र में में 12.20 फीसदी लोगों को रोजगार अपलब्ध करवाया था जो 2020-21। में बढ़कर 12.91 फीसदी तक पहुंच गया था जबकि ये समय कोरोना का था। कुछ ताजा आंकड़े बताते हैं जहां मंदिर के निर्माण या उसको और ज्यादा भव्य बनाने से वहां पर पर्यटकों की संख्या कितनी ज्यादा बढ़ गई।
उज्ज्न में महाकाल कारीडोर बनने के बाद वहां पर पर्यटनों की संख्या 1796 फीसदी तक बढ़ गई, इसी प्रकार वाराणासी का नया स्वरूप होने के बाद वहां पर पहले के मुकाबले एक हजार फीसदी ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। चारधाम की यात्रा आसान होने के बाद वहां भी पहुंचने वाले लोगों की संख्या में लगभग सौ फीसदी इजाफा हुआ है।
अब तो आप समझ गए होंगे की एक मंदिर का निर्माण, रोजगार, क्षेत्र के विकास में कितना महत्वपूर्ण रोल अदा करता है।