क्या बिहार के चुनाव में इस बार बेरोजगारी, नौकरशाहों की मनमानी,विकास कार्यों में लापरवाही आदि मुद्दों पर विपक्ष नीतीश कुमार को घेरने में कामयाब हो जाएगा क्या नीतिश के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी फेक्टर जोर पकड़ रहा है और अगर ऐसा हैं तो क्या बीजेपी के पास इस बार अपना मुख्यमंत्री बनाने का सुनहरा अवसर है , ये तमाम सवाल अचानक ही नहीं उठ खड़े हुए हैं बल्कि हाल ही में ‘आईओएन भारत’ के सर्वे के परिणाम सामने आने पर ये बातें चर्चा का विषय बन गई है, इस सर्वे में बिहार के 63% लोग नीतीश सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं।सर्वे में यह भी कहा गया है कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता भी कम हो रही है। आपको बता दें कि इस सर्वे में 5,340 अति पिछड़ी जातियों को आधार बनाया गया है। ‘आईओएन भारत’ के सेफोलॉजिस्ट रामबंधु वत्स का इस सर्वे को लेकर कहना है कि जिस तरह से नीतीश कुमार की health लगातार खराब रहती है और इसको लेकर विपक्ष लगातार यही फैला रहा है कि ना तो उनसे सरकार के काम होते हैं और ना ही jdu की कमान उनके हाथ में रह गई है , सारे फैसले पार्टी के दूसरे नेता कर रहे हैं, ऐसी बातें फैलती हैं तो जनता का सरकार के प्रति धीरे-धीरे विश्वास उठता रहता है। वैसे इस सर्वे को लेकर नीतीश खेमे में परेशानी है क्योंकि आईओएन भारत’ ने इससे पहले 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान सर्वे किया था और बताया था कि धान की ख़रीदारी में हुए भ्रष्टाचार के कारण सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और भाजपा की रमण सरकार हार सकती है और हुआ भी वही। वहीं साल 2023 के विधानसभा चुनाव में आईओएन ने आदिवासी मतों, सतनामी समाज का वोट भाजपा के पक्ष में जाने और बदलाव की बात की थी जो सच निकली, वैसे इस सर्वे को लेकर एक और अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या यह कुर्सी पाने के लिए कहीं bjp का खेला तो नहीं, क्योंकि नीतीश की घटती लोकप्रियता bjp को अपना cm फेल घोषित करने में मदद कर सकती है।

चुनाव आयोग का यह कदम नुकसान हो सकता Congress -RJD को

बिहार चुनाव की तैयारियों में अलग-अलग दलों में और ज्यादा हलचल मच गई है, जी हां चुनाव आयोग ने 21 साल बाद बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के सत्यापन को लेकर एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है इसका मकसद बिहार में बड़ी संख्या में बसे बांग्लादेशी और दूसरे विदेशी घुसपैठियों की पहचान करके उनका नाम मतदाता सूची से हटाना है और माना जा रहा है यह बहुत टफ है क्योंकि ये लोग लंबे समय से बिहार में रहकर नौकरियां कर रहे हैं अपना बिजनेस कर रहे हैं, इसके तहत इस अभियान में मतदाता सूची से दोहरे नाम और मृत मतदाताओं के नामों को पहचान कर भी तुरंत हटाया जाएगा और साथ ही 18 साल के मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा। पर इस अभियान के बारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि यदि हजारों की संख्या में वोटर खत्म हो जाएंगे तो किसका नुकसान होगा, यदि ये घुसपैठिए किसी एक धर्म के होंगे तो सीधे तौर पर इससे कांग्रेस और rjd को नुकसान पहुंचने की संभावना है। आपको बता दें कि हाल ही में नेता विपक्ष राहुल गांधी और उसके सहयोगी दलों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार का ठीकारा चुनाव आयोग पर थौंपा था। मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर कईं आरोप लगाए थे , इसी कारण बिहार में चुनाव आयोग ने चुनाव से पहले पूरी सतकर्ता बरतने का निर्णय लिया है और असली मतदाता की पहचान बाकायदा घर-घर जाकर की जाएगी योग ने अब बिहार को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जिसमें राज्य की मतदाता सूची का घर- घर जाकर सत्यापन होगा।

Congress नेता ने दिखाया Trump को आईना

अमेरिका और उसके राष्ट्रपति का रूतबा इतना बड़ा है कि उनके सामने किसी की ही शायद चू निकलती हो और उनके किसी भी काम पर , किसी भी टिप्पणी पर हर कोई कुछ बोलने से कतराता है , पर कांग्रेस सांसद ने वो कर दिखाया जो अच्छे अच्छे नहीं कर पाए, जी हां हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस पर लंच पर बुलाया था और बाकायदा भारत-पाकिस्तान में संघर्ष को बढ़ने से रोकने के लिए आसिम मुनीर की तारीफ की थी।पर आपको बता दें कि आपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ आसिम ने ही सबसे ज्यादा रोल अदा किया था, और ऐसे में उन्हें लंच पर बुलाकर ट्रंप ने तमाम सवालों को जन्म दे दिया था जिसका सवाल किसी के पास नहीं था, पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसपर कड़ा तंज कसते हुए कह दिया कि अमेरिका को पाकिस्तान की ओर से ओसामा बिन लादेन को अपने पाकिस्तान में शरण देने की बात नहीं भूलनी चाहिए। अमेरिका को साल 2001 में वर्ल्ड ट्रेड टावर पर हुए हमले के गुनाहगार अलकायदा के चीफ ओसामा बिन लादेन को भूलना नहीं चाहिए। जब अमेरिका उसे ढूंढ रहा तो वो कहीं और नहीं बल्कि पाकिस्तान में ही शरण लिए था, शशि थरूर रूके नहीं और यह तक कह दिया कि पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी भारत में लगातार हमले कर रहे हैं और ऐसे में मैं उम्मीद करता हूं कि ट्रंप ने मुनीर से इस बारे में सवाल किए होंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को लंच मीटिंग के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को आमंत्रित किया था। यह मुलाकात व्हाइट हाउस में हुई थी।

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