बिहार चुनाव की हलचल लगातार तेज हो रही है, हर दल की कोशिश है कि किसी तरह चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपनी विजय पक्की कर ले और इसके लिए हर दल अपने हिसाब से जनता को लुभाने की कोशिश कर रहा है और इन सब के बीच कुछ दलों के नेताओं ने बिहार में मौजूद कईं अन्य पिछड़ी जातियों के वोट पाने के चक्कर में उन्हें  एससी/एसटी कोटे में शामिल करने की मांग को हवा दे दी  है। आपको बता दें कि चिराग पासवान विशेष तौर पर इस अभियान को हवा दे रहे हैं और उन्होंने बाकायदा  नीतीश सरकार को कानू, हलवाई, नोनिया, बेलदार, बढ़ई, कुम्हार, बिंद,  समेत 12 जातियों की एक लिस्ट बनाकर उन्हें   अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाती में शामिल करने की मांग कर दी है।  वैसे सभी जानते हैं कि इस बार चिराग पासवान 9-10 सीटों पर चुनाव लडने का मन बना रहे हैं पर  पिछले  चुनाव में चिराग की पार्टी को जो एक भी नहीं सीट थी तो इस बार चिराग की पूरी कोशिश है कि इस मुद्दे की आड़ में  वोटर्स को खुश किया जाए। बिहार की राजनीती में जाती का मुद्दा बड़ा अहम माना जाता है और जो इसको लेकर चुनाव लड़ता है उसे कुछ ना कुछ  मिल ही जाता है लगता है चिराग ने यही बात गांठ बांध ली है। पर इसके अलावा एनडीए के कईं और दल और खुद बीजेपी भी इस मुद्दे को हवा देकर  अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में जुट गए हैं, हाल ही में शहीद बुद्धू नोनिया की जन्मशताब्दी पर पूर्व मंत्री रेणु देवी ने भी वहां मौजूद  केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कहा कि  नोनिया, बिंद, बेलदार को एसटी में शामिल कराए बगैर इनका विकास संभव नहीं हो सकता है। वहीं समन्वय समिति इकाई मुंगेर के बैनर तले कुम्हार समाज के लोगों ने भी उन्हें एससी एसटी में शामिल करने की आवाज बुलंद की है।

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